Tuesday, 1 January 2019

Poem : नववर्ष तुम सुखद स्वप्न से

नववर्ष तुम सुखद स्वप्न से


पुष्प से संचित मार्ग में
स्वागत कर रहे हैं अभी
आओ नव-वर्ष, सुखद स्वप्न से
स्वप्न कर दो पूरे सभी
ना धरा पर रहे अंधेरा
इतना तुम प्रकाश लाना
खेत सारे हों हरे
जल इतना भर के आना
ना रहे कोई भी रोगी
वायु को स्वच्छ करते जाना
हो ना आतंक, अब धरा पर
दुश्मनी को हरते जाना
बेरोजगारी को हटा कर
रोजगार, सबको दिलाना
ना लुटे अस्मिता किसी की
हर नारी को सशक्त बनाना
बेटी है वो, बहन है वो तेरी
हर नर को इसे समझाना
प्रेम ही सर्वोपरि है
ज्ञान ये सब में फैलाना
नववर्ष तुम सुखद स्वप्न से
जब इस धरा पर आना
हर नयन के स्वप्न को
तुम पूरा करते जाना

आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
नववर्ष, आप व आपके परिवार के लिए शुभ व मंगलमय हो

14 comments:

  1. Replies
    1. Thank you so much Ma'am
      Your words energize me to keep writing

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  2. प्रेम ही सर्वोपरि है
    ज्ञान ये सब में फैलाना...सुखद कामनाओं से भरी कविता👏🏻👏🏻👏🏻

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    1. आपका कोटि-कोटि धन्यवाद Ma'am
      आपके सराहनीय शब्द मुझे लिखने को प्रेरित करते हैं

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  3. Wide coverage of welfare of all...like
    Sarve bhavantu sukhina

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  4. Replies
    1. Thank you so much Ma'am for your admiration

      Your words encourage me to write more

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  5. 👌👌👏👏सर्वे भवन्तु सुखीनः सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना पर आधारित अच्छी कविता

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    1. धन्यवाद
      आपका आशीर्वाद सदैव मिलता रहे

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