Wednesday, 27 October 2021

Article : Dengue

Dengue


आज कल dengue के patients की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन गई है।

पर यह रोग contiguous नहीं है। 

Dengue fever डेंगू वायरस से infected Aedes मच्छर के काटने से फैलता है।

ये मच्छर तब संक्रमित हो जाता है जब वह किसी डेंगू वायरस वाले व्यक्ति के खून को चूसता है।

आप को dengue fever के causes and precautions बताते हैं.... 


Types of dengue viruses :

Dengue का infection 4 तरह के viruses वायरस से फैलता है। इन चारों वायरस को serotype कहा जाता है क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से antibodies को प्रभावित करते हैं। आप अलग-अलग strain से चार बार भी dengue से infected हो सकते हैं।

 

Dengue mosquito bite time :

Dengue फैलाने वाले मच्छर सबसे ज्यादा दोपहर के समय काटते हैं। खासतौर से सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से एक घंटे पहले। हालांकि, रात के समय भी dengue के मच्छर active रहते हैं, खासकर उन इलाकों में जहां अच्छी रोशनी होती है। डेंगू के मच्छरों के काटने का खतरा office, mall, indoor auditorium और stadium के अंदर ज्यादा होता है क्योंकि यहां हर समय artificial lights का इस्तेमाल होता है और प्राकृतिक रोशनी नहीं आ पाती है।


Dengue symptoms :

डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद दिखाई देने शुरू होते हैं जो 10 दिनों तक रहते हैं। इन लक्षणों में अचानक, High fever, severe headache, eye pain, severe joint and muscles pain, bone pain, tiredness, nausea, vomiting, red rashes, slightly bleeding from nose or gums. डेंगू के बुखार में पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द होता है इसलिए कुछ लोग इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। कभी-कभी इसके लक्षण हल्के होते हैं और लोग इसे गलती से फ्लू या अन्य वायरल इंफेक्शन समझ लेते हैं।


Platelets :

Human bodies में platelets count 1,50,000 से 4,00,000 होता है। 50,000 से कम platelets count होने पर platelets चढ़ानी होती हैं।

Dengue positive आने से doctor के touch में रहना बहुत जरूरी होता है। उन्हें अपनी condition and platelets count बताते रहना चाहिए। 

अगर doctor admit होने के लिए बोलें, तो condition serious है, यह समझ लेना चाहिए।


Dengue treatment :

डेंगू के इलाज के लिए कोई निश्चित दवा नहीं है। डेंगू के बुखार में खूब आराम करना चाहिए। खून में platelets की नियमित रूप से जांच करवाएं। शरीर में पानी की बिल्कुल कमी ना होने दें और खूब सारा liquid diet लें। इस समय पपीते के पत्ते का रस, बकरी का दूध, नारियल पानी पीना सबसे अच्छा होता है। ये platelets बढ़ाने का भी काम करता है। इसके अलावा  गिलोय, पपीता, कीवी, अनार, चुकंदर और हरी सब्जियों को diet में शामिल करें। डॉक्टर के संपर्क में रहें और अपने platelets की जानकारी उन्हें देते रहें। किसी भी तरह की दिक्कत होने या platelets down होने पर डॉक्टर आपको hospitalize होने की भी सलाह दे सकते हैं।

Dengue precautions :

डेंगू मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है और इससे बचाव करना बहुत जरूरी है। डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय काटता है। इसलिए दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं। इन दिनों फुल बाजू के कपड़े और पावों में जूते पहन कर रहें। शरीर को कहीं से भी खुला ना छोड़ें। घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमा होने दें। कूलर, गमले, टायर में जमे पानी को भी बहा दें। कूलर में अगर पानी है तो इसे भी खाली कर लें वरना इसमें मच्छर पनप सकते हैं। घर का कोना-कोना साफ रखिए। रात में सोते समय मच्छरदानी लगाना बचाव का सबसे सही तरीका है।

Be conscious, be safe.

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