Wednesday, 22 June 2022

Story of Life: Friendly Attitude

 Friendly Attitude 

रितेश और नायरा की शादी हुए लगभग पांच साल हो चुके थे, पर उन्होंने अभी तक कोई बच्चा plan नहीं किया था।

इस बात के लिए, घर वाले, नाते-रिश्तेदार, दोस्त सभी ने बहुत कुछ कहा, पर वो, एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देते थे। उन पर किसी की भी बातों का कोई फ़र्क नहीं पड़ता था।

वो अपनी दुनिया में मस्त थे और उन्हें अपनी मस्ती खत्म करने की कोई चाहत नहीं थी।

एक दिन, रितेश की मुलाकात, असीम से हुई। 

असीम बहुत मस्तीखोर था, दो ही मुलाकात में दोनों बहुत घनिष्ठ मित्र बन गए।

असीम ने कहा, यार कभी घर में भी बुलाओ, मैं बहुत अच्छा वास्तुशास्त्र जानता हूं। तेरे घर की सारी vibes, ऐसी कर दूंगा कि तू मुझे हम हमेशा याद रखेगा। 

रितेश बोला, दोस्त से ही business करने में लग गया है?

पागल है, तुझसे business करुंगा... इतना ही समझा है मुझे? असीम तुनक कर बोला

नहीं यार, तू तो बुरा मान गया, आज ही शाम को आ जा... रितेश खिसियाते हुए बोला।

चल done... पर भाभी को कुछ मत कहना, उन्हें surprise देंगे।

Surprise!...

अरे यार, इसलिए बोल रहा हूं, वरना भाभी formalities में लग जाएंगी, और मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहता।

मन ही मन रितेश सोचने लगा,Formalities और नायरा... फिर मन को झटकते हुए बोला,

चल असीम done...  8 बजे इंतज़ार करूंगा।

रितेश घर पहुंचा तो उसने देखा, आज तो घर बहुत ही अस्त व्यस्त था, कुछ अजीब सी बदबू भी आ रही थी।

क्या हुआ नायरा, आज घर की हालत इतनी खराब कैसे हो रही है?

नायरा ने लापरवाही से जवाब दिया, अरे आज maid नहीं आयी ना... उसी के कारण, घर अस्त-व्यस्त है और kitchen stinky हो रहा है।

पहले रितेश ने सोचा, असीम को आने से मना कर दे, फिर सोचने लगा... अगर मना करूंगा तो वो सोचेगा, मैं ना बुलाने के लिए बहाने बना रहा हूं। वैसे भी उसे formalities नहीं चाहिए। रहने देता हूं, नहीं मना करता हूं।

जब 8 बजे असीम पहुंचा, तो उसने देखा रितेश का घर बहुत सुंदर था और सामान भी बहुत महंगें, पर पूरा घर अस्त-व्यस्त था और kitchen से बदबू आ रही थी। जिसके कारण कोई नहीं कहता कि क्या खूबसूरत घर है तुम्हारा... पर असीम ने घर की बहुत तारीफ की।

वो अपने संग मिठाई और खाने पीने की बहुत सारी चीज़ें लेकर आया था। उसने सब कुछ नायरा को देकर कहा, भाभी आप से मिलकर बहुत अच्छा लगा... मेरे दोस्त की तो लाटरी निकल गई है, कि उसे आप जैसी खुबसूरती पत्नी मिली।

नायरा अपनी तारीफ़ और इतने सारी चीज़ें देखकर खुशी से फूली नहीं समा रही थी।

रितेश सोचने लगा कि इतनी खुश तो यह अपने माता-पिता को देखकर भी नहीं होती है...

चल यार रितेश, अपना आलीशान घर दिखा, फिर मैं वास्तु बताता हूं। 

काहे का आलीशान! 

रितेश को असीम के तारीफ भरे हुए शब्द बेमानी लग रहे थे और आज उसे अपना अस्त-व्यस्त घर कुछ ज्यादा ही शर्मिंदा कर रहा था। 

अरे भाई, तू दिखा भी, मुझे देखना है तेरा आलीशान घर।

पूरा घर, असीम बहुत तल्लीनता से देख रहा था, और हर सामान की दिशा पर भी, बहुत ध्यान दे रहा था। 

अभी वो लोग घर देख ही रहे थे कि... 

असीम का फोन बज उठा। फोन देखकर असीम भुनभुनाने लगा। यह boss भी ना...इन्हें कभी चैन ही नहीं रहता है।

मैं अभी इनसे बाहर जाकर बात करके आता हूं। फिर सब बैठकर गप्पे लगाएंगे और तेरे घर का वास्तु भी बताता हूं। 

5 min. में असीम अंदर आ गया। नायरा खाने-पीने का सामान लगाने kitchen में चली गई। तभी असीम ने drawing room से आवाज दी, भाभी साथ में आपके हाथों की अदरक वाली स्वादिष्ट चाय भी हो जाए तो मज़ा आ जाए। 

अदरक वाली चाय, नायरा को नहीं बनानी आती है, रितेश ने धीरे से कहा।

चलो तो, हम बना कर पिलाते हैं...

तुम बनाओगे?

आज यार के हाथ की चाय पी लेना... कहता हुआ वो, रितेश को खींचता हुआ, kitchen में पहुंच गया।

और उसने, नायरा से दूध, चाय, चीनी मांगी।

नायरा को असीम का यह बेबाकी अंदाज बहुत पसंद आया, उसने रितेश से कहा, सीख लो असीम से कुछ...कैसे बीवी को खुश रखते हैं...

अब तो हंसी मज़ाक के दौर के साथ, धीमी आंच पर चाय बन रही थी। पूरे 15 minutes बाद सब drawing room में आए।

अगर आप लोग बुरा ना माने तो मैं... 

पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें...

Friendly Attitude (Part -2) में 

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