Wednesday, 6 March 2019

Kids Story : बच्चे भी कम नहीं


आज जब बच्चों की कहानी लिखने जा रहे थे, तो मेरे बेटे अद्वय ने बोला,  Mumma आज मेरी लिखी कहानी डाल  दीजिये। तो आज की कहानी,
उसकी  लिखी हुई कहानी है 

बच्चे भी कम नहीं

एक घर में चार लोग रहते थे, माता पिता और दो बच्चे थे। माता का नाम शिवानी था और पिता का नाम राज था। लड़के का नाम रूद्र है और लड़की का नाम वैष्णवी था। लड़का बड़ा था और लड़की छोटी थी 

एक दिन राज और शिवानी बाजार गए थे, और उस दिन शिवानी का जन्मदिन था।

माता, पिता के दोनों ही बच्चे बहुत लाडले थे, इसलिए माता पिता उनसे कुछ भी काम नहीं कराते थे।

बच्चे भी माता पिता को बहुत प्यार करते थे। इसलिए रूद्र और वैष्णवी ने सोचा कि हम अपने मम्मी के लिए Chocolate cake बनाएँगे। फिर उन्होंने सामान निकालना शुरू कर दिया, butter, flour, sugar, egg, cream. रूद्र cake बनाना शुरू ही करने जा रहा था। 

तभी वैष्णवी ने भैया से बोला, कि भैया आप कुछ भूल रहे हैं। तो फिर भैया ने सोचा कि butter भी हो गया flour, sugar, egg, cream सब तो ले लिया है, तो बचा क्या? तभी वैष्णवी ने बोला, कि आपने मम्मी का favourite chocolate sauce तो लिया ही नहीं। 

तब भैया ने बोला, अरे हाँ मैं तो भूल ही गया था। तो फिर वैष्णवी ने बोला देखा भैया, बच्चे भी कुछ कम नहीं होते। हाँ मेरी नानी, रूद्र ने हँसते हुए बोला। अब मुझे cake भी बना लेने दो वरना, 
मम्मी आ जाएँगी। और रुद्र ने जल्दी जल्दी cake बना लिया।
Courtesy: Youtube

उसके बाद दोनों ने cake को अंदर कमरे में रख दिया, और room भी decorate कर दिया।    

तब तक माता-पिता आ गए। बच्चों ने राज को इशारा किया, तो वो बच्चों के साथ अंदर कमरे में आ गया। और फिर राज ने chocolate cake पर candles लगाईं।  

फिर जब शिवानी आयी, तभी तीनों ने चिल्ला कर बोला Happy Birthday. फिर शिवानी ने सबसे पूछा कि तुम लोग मेरा जन्मदिन भूले नहीं थे?

राज बोला, sorry शिवानी, सच बोलूँ, तो मुझे भी अभी अभी बच्चों ने ही याद दिलाया। और हाँ ये cake बच्चों ने बनाया है और सारी decoration भी इन्होंने ही की है।

love you बच्चों, राज ने ये कह कर दोनों को प्यार किया।
शिवानी की आँखों से आँसू निकल आए, उसने दोनों को गले लगा लिया, और बहुत सारा प्यार किया। फिर शिवानी ने पूछा, तुम लोगों ने ये सब कब सीखा?

रुद्र बोला, मम्मी आपको देख कर ही, जब आप हमारी birthday में बनाती थीं, तब ही देख कर सीख लिया। वैष्णवी अपनी आंखे गोल गोल घुमा कर बोली, बच्चे भी कम नहीं होते

हाँ, हाँ मेरी माँ। इसके साथ सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे।

ये कहानी पढ़कर मैं, सोचने लगी, मेरे छोटे से बच्चे ने कितनी सही कहानी लिखी है, आज कल के बच्चे सच में किसी से कम नहीं होते। 
अद्वय सहाय 
  

10 comments:

  1. Bahot khoob likha hai...well done Advay...aise hi aur dalo...

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  2. Very good advay...nice story....keep up the gr8 wrk...

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  3. Very nice story Advay l like it too much
    👌👌!

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    1. Thank you so much for your appreciation and blessings 🙏🏻🙏🏻

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