Thursday, 7 March 2019

Story Of Life : सोच

This story is not a shade of life; but it's a type of story which many people may like. So, I have tried this genre, too & am looking forward for your comments.
इस कहानी को आप visualise कर के पढ़ेंगे, तो आपको अधिक आनंद आएगा।

सोच

रंजन सुनसान जंगल में अपने खून से लथपथ दोस्त रमन के साथ बहुत तेज़ी से कार से चला जा रहा था।
Courtesy: Dissolve.com
चारों तरफ घनघोर सन्नाटा फैला हुआ था। हाथ को हाथ नहीं दिख रहा था।
    कार जंगल को चीरती हुई बहुत तेज़ चल रही थी, सूखे पत्तों 
और वहाँ पड़ी लकड़ियों के होने से एक अजीब खरड़- बरड़ की सी आवाज़ गूंज रही थी।
    कभी कभी यदा-कदा किसी जंगली जानवर की ऊऊ...... की आवाज़ माहौल को और अधिक भयावह कर रही थी।
उसमें रमन के करहने की अहह...... की आवाज़ से दिल दहल जा रहा था।
    ऐसे भयानक से माहौल में भी रंजन को सिर्फ अपने दोस्त की परवाह थी, कि किसी तरह से वो जंगल पार कर के उसे अस्पताल में पहुंचा दे।
    पर ये क्या ठाँय ......की आवाज़ हुई और कार बहुत तेज़ी के साथ रुक गयी।
    रंजन ने उतर कर देखा तो, वो बेहद हताश हो गया। कच्ची-पक्की गढ़ढ़े से भरी सड़क थी, ऐसी सड़क पर चलने के कारण कार का tyre burst हो गया था।
    वो फिर कार में आ कर बैठ गया। कार उसने अन्दर से बन्द कर ली थी। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था, कि वो क्या करे, क्योंकि अंधेरे में कार का tyre change करना नामुमकिन था। उधर रमन की हालत बहुत तेज़ी से खराब हो रही थी।
    अभी 15 मिनट ही बीते थे, कि रंजन को पत्तों के दबने की खरड़-खरड़ आवाज़ अपने नजदीक आती सुनाई दी। वो उसे सुनकर समझने की कोशिश कर ही रहा था कि किसकी आवाज़ है? कि कार की window पर बहुत कस के धप्प की आवाज़ हुई। एक पल को तो वो सहम गया, फिर संभालते हुए उसने window से झाँकने की कोशिश की। पर बहुत ही झटके के साथ पीछे हट गया, क्योंकि उधर से भी दो आंखे window पर ही लगी हुई अंदर की ओर देख रही थी।
    साथ ही अजीब सी आवाज़ में कोई, खोलो, खोलो बोल रहा था। बाहर से आती किसी आदमी की आवाज़ सुनकर रंजन ने धीरे से window का glass नीचे कर दिया, और mobile की रोशनी में उसे देखने की कोशिश करने लगा।
बाहर एक आदमी खड़ा था, आंखे लाल, बिखरे हुए बाल, अस्त व्यस्त से कपड़े,  साथ ही वो बुरी तरह नशे में धुत लग रहा था। शायद इसलिए लड़खड़ाती सी आवाज़ में वो खोलो खोलो बोल रहा था।
    उसके शरीर पर बहुत सारी मट्टी भी लगी हुई थी, जैसे वो किसी गढ़ढ़े में गिर के आया हो। कहाँ जाना है, तुम लोगों को? बहुत ही गंदी बदबू का भभका उस आवाज़ के साथ आया। एक बार को रंजन को vomiting की feeling आ गयी।
    जी..., जंगल पार करना है, मेरे दोस्त की बहुत ही खराब हालत है।
    आपकी कार का तो tyre ख़राब हो गया है, सुबह होने पर ही निकल पाओगे। अपने दोस्त को अब तुम बचा नहीं पाओगे। 
    तभी रमन बोल उठा, मेरे दोस्त, अब मैं नहीं बचूँगा। छोड़ दो मुझे मेरे हाल पर, और अपनी परवाह........
    ये कहने के साथ ही रमन की आवाज़ रुक गयी, और शायद साँस भी थम गयी थी। तभी बहुत ही तेज़ व्हू...... करके हवाएँ चलने लगी। ऐसा लग रहा था, मानो सबको उड़ा के ही ले जाएगी। 
    उस आदमी ने बोला, साहब, आपका दोस्त चला गया है। आप मेरी मानों तो इसे यहीं दफ़ना दो, क्योंकि एक तो ये घायल था, ऊपर से मर भी गया है। ये जंगल, जंगली जानवरों से भरा हुआ है। बहुत तेज़ी से इसकी बदबू जानवर सूंघ लेंगे, तो वो आप पर भी हमला कर देंगे।
    उसके ऐसा कहने से रंजन अंदर तक डर गया उसने रमन को वहीं दफ़ना देने का मन बना लिया। दोनों ने उसे वहीं दफ़ना दिया।
उस आदमी ने रंजन से इसकी बहुत बड़ी रकम मांगी। रंजन पूछने लगा, तुम यहाँ कैसे हो?
    वो बोला, मैं यहाँ अपने परिवार के साथ रहता हूँ। ये कहकर उसने थोड़ी दूरी पर पड़ी सड़ी-गली लाशों की तरफ इशारा कर दिया। और कहा मैं यहाँ अधमरे इंसान का ही इंतज़ार करता हूँ, और उन्हें दफन करवा देता हूँ। क्योंकि मुझे और मेरे पूरे परिवार को भी ऐसे ही दफ़ना दिया गया था।
    अब रंजन को काटो तो खून नहीं। उसने उस आदमी के कहने से बिना check किए कि, रमन की साँसे चल रही है कि नहीं, शायद, बिना मरे ही उसको दफ़ना दिया था, और वो भी उसके कहने से, जो आदमी था ही नहीं।
    अभी कुछ रोशनी भी हो गयी थी। सामने सड़क दिख रही थी, उसकी नज़र कार पर गयी, उसका tyre बिल्कुल ठीक था, और जिसकी मदद से उसने रमन को दफना दिया था, वो तो दूर दूर तक नहीं था। हाँ सड़ी-गली लाशों की बुरी तरह से बदबू फैल रही थी। तभी उसको याद आया, कि जो गंदी बदबू उसे उस आदमी से आ रही थी, वो शराब की नहीं थी, वो तो इसी सड़ी-गली लाश जैसी ही थी।
    उस समय रंजन की सोच पर वो आदमी इस कदर हावी था, कि वो उससे जो कह रहा था, वो वही कर रहा था। और शायद इसी के चलते अपने जिस प्रिय दोस्त को वो अपनी जान पर खेल कर जंगल के पार तक ले आया था, उसे हमेशा के लिए खो दिया था।

15 comments:

  1. 😱😱 spine chilling story. Good

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you so much Ma'am for your admiration.

      Fabulous readers like you inspire me to keep penning my thoughts.

      Delete
  2. Sahi kaha ,apni achchai se nagetive thinking ko jitne nahi dena chahiye ,

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you so much Ma'am for your appreciation

      Fabulous readers like you inspire me to keep penning my thoughts.

      Delete
  3. Killer story aunty
    👏👻 !!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you so much Beta for your appreciation
      Keep visiting

      Delete
  4. Thank you so much Sir for your appreciation

    Your words energized me for panning

    ReplyDelete
  5. आम सामाजिक कहानियों में रुलाने , हंसाने के अलावा तुम को अपने पाठकों को डरावनी कहानियों से डरना भी आता है !
    रूबी

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका कोटि-कोटि धन्यवाद
      आप जैसे बेहतरीन पाठक मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।

      Delete
  6. visualise कर के पढ़ेंगे, तो आपको अधिक आनंद आएगा................ hmm

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you so much Sir

      The inspiration for adding sound effects in this story goes to you.

      Delete
  7. अत्यधिक प्रेरणाप्रद कहानी ।
    प्रत्येक मानव के सम्पूर्ण जीवन में ऐसे क्षण अवश्य आते है तब वह चारो ओर से परेशानियों से घिर जाता हैा ऐसे समय वह अपने विवेक से निर्णय ले व मन शान्त रखे तो वह जीवन भर के पश्चाताप से बच जायेगा।
    धन्यवाद अनामिका जी,आप अपनी कहानियों के माध्यम से समाज को जागरूक कर २हीं है। आप प्रशंसा की पात्र है।
    सर्वशक्तिमान ईश्वर आपकी सदैव सहायक हो

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका कोटि-कोटि धन्यवाद

      आपके लिखे शब्द मुझे निरन्तर लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।

      आदरणीय राधा जी, आपके आशीर्वाद की सदैव कामना करतीं हूं।

      आप आगे भी मेरे ब्लॉग को पढ़ती रहिएगा, और अपने विचार व्यक्त करिएगा

      Delete

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.