Monday, 8 March 2021

Poem : स्त्री

स्त्री 


टूटती है कई बार,

मगर टूट कर भी।

ना टूटती है जो,

स्त्री है वही तो।।


टूटती है वो, जब 

मायके की दहलीज,

छोड़ आती है।

अपना बचपन, अपने सपने,

जिन्हें अब तक कहती थी अपने,

वो सब बिसराती है।

पति ही नहीं, 

पूरे परिवार को अपनाती है।

एक परिवार की थी,

अब दो-दो को निभाती है।

स्त्री टूट कर भी,

कहाँ टूट पाती है।।


टूटती है वो, जब 

पहली प्रसव पीड़ा होती है,

अपने अन्दर असंख्य,

दर्द के बवंडर सहती है।

पहले सा शरीर फिर ना,

कभी पाती है।।

बन के वो माँ, 

अपने दर्द को।

बच्चे की मुस्कान में,

छिपाती है।

स्त्री टूट कर भी,

कहाँ टूट पाती है।।


टूटती है वो, जब

अपने संसार को बनाने में,

ख़ुद से ही बहुत दूर, 

होती चली जाती है।

अपना अस्तित्व खुद, 

अपने हाथों से मिटाती है।

एक कन्या से वो,

गृहणी बन,

पूरे गृह को,

ऋणी कर जाती है।

स्त्री टूट कर भी,

कहाँ टूट पाती है।।


वो टूटती है, 

बिखरती है,

पर पल भर में,

फिर संवर जाती है।

समेटकर अपनी टूटन,

वो फिर निखर जाती है।

उसमें शक्ति है सृजन की,

तभी तो वह स्त्री,

कहलाती है।।


💐अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

18 comments:

  1. Wah.. aaisa sashakt lekhan..sach hi hai..nari maa hai ,shakti hai , devi hai .. aapko bahut bahut sadhuvaad

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    1. आप के सराहनीय शब्दों के लिए अनेकानेक धन्यवाद 🙏🏻

      प्रेरणा आप सब से मिलती है,हम तो मात्र उन्हें शब्दों में पिरो देते हैं 🙏🏻

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  2. Replies
    1. Thank you so much for your appreciation 🙏🏻

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  3. गहराई से चित्रण किया। Hats off to you Dear

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    1. आपके सराहनीय शब्दों के लिए अनेकानेक आभार 🙏🏻

      आप के शब्द, सदैव मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं 🙏🏻

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  4. Replies
    1. Thank you so much for your appreciation 🙏🏻

      Your words inspire me to keep writing🙏🏻

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  5. अति सुंदर रचना । कला पक्ष और भाव पक्ष दोनों ही उत्कृष्ट ,श्रेष्ठ अभिव्यक्ति वाह ।

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    1. आपके सराहनीय शब्दों का अनेकानेक आभार 🙏🏻

      आपके शब्द मुझे सदैव लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं 🙏🏻

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  6. सुंदर चित्रण नारी के अस्तित्व का��

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    1. आप के सराहनीय शब्दों के लिए अनेकानेक आभार 🙏🏻

      आप के शब्द मुझे सदैव लिखने की प्रेरणा प्रदान करते हैं 🙏🏻

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  7. Replies
    1. Thank you so much for your appreciation🙏🏻

      Your words inspire me to keep writing🙏🏻

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  8. Very nice composition 👌👌

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    1. Thank you so much for your appreciation🙏🏻

      Your words inspire me to keep writing🙏🏻

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  9. उसमें शक्ति है सृजन की....वाह ....
    स्त्री टूट के भी कहाँ टूटती है ...
    सच्ची अभिव्यक्ति 👌 बधाई अनु💐💐

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    1. आपके सराहनीय शब्दों के लिए अनेकानेक आभार 🙏🏻

      आप के शब्द, सदैव मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं 🙏🏻

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