Wednesday, 11 March 2020

Kids' Story: Advay the Hero: पिचकारी


Advay the Hero: पिचकारी


होली आने वाली थी।


Advay के पापा बोले, तुम्हारी पुरानी पिचकारी देख लेता हूँ, शायद वो ठीक हो।

Advay स्कूल चला गया पापा ने पिचकारी check की, वो ठीक थी। पापा भी office चले गए।


जब शाम को पापा आए तो उन्होने, Advay से कहा, बेटा वैसे तो तुम्हारी पिचकारी बिलकुल ठीक है, पर फिर भी तुम्हरा  मन हो तो नयी पिचकारी ले आऊं..

वो बोला, नहीं तब क्यों चाहिए? बेकार पैसा बर्बाद करने से क्या फायदा?..

Advay के घर Maid बसंती काम करने आई हुई थी। 

वो जाते वक़्त माँ से बोलने लगी, भाभी त्यौहार आते हैं, तो मुझे समझ नहीं आता हैकि क्या करूँ? गुझिया, पापड़ बनाऊँ या सूरज के लिए पिचकारी लेने जाऊँ? 

अबकी 4 साल का हो गया है तो, मान भी नहीं रहा है, बिना पिचकारी लिए।
 
तो ला दो, उसके लिए, माँ ने कहा। 

अरे कहाँ से लाऊं, ना तो मेरे पास इतना पैसा है ना समय ही है, कि दोनों ही काम कर लूँ। पापड़ गुझिया नहीं बनाऊँगी, तो त्यौहार सूना लगेगा। 

तो वही बनाऊँगी, कहते हुए वो चली गयी।

Advay पापा के पास आ कर बोला, पापा मुझे नई पिचकारी लेनी है। 

क्यों? क्या हुआ, अभी तो तुम नई लेने से मना कर रहे थे? वो पिचकारी चल नहीं रही है क्या? 

नहीं चल तो रही है, पर मुझे नई ही चाहिए, Advay अपनी बात पर अडिग था। 

माँ बोलीं चले जाइए, इसके सब friends नई लाए हैं। शायद वही कुछ देख कर बोल रहा होगा।

उसके पापा ने उसे बहुत बढ़िया, नई पिचकारी दिला दी। 

नई पिचकारी देखकर Advay की आंखें चमक उठीं, पापा वही पिचकारी लाए थे, जैसी लेने का उसका बहुत दिनों से मन था...

अगले दिन जब बंसती काम करके जाने लगी, तो Advay ने बंसती को पिचकारी दे दी। और कहा आंटी, यह पिचकारी सूरज के लिए होली का gift है।

बंसत ने खुश होते हुए पूछा, मेरे सूरज के लिए, इतनी अच्छी पिचकारी!...

हाँ आंटी, होली में तो सबके पास पिचकारी होनी चाहिए...

बसंती ने भरी आंखों से भर-भरकर आशीर्वाद दिए, बाबू भगवान आपको खूब दें, आपको खूब सफलता मिले, आप की लंबी उम्र रहे। 

मेरे लिए आप हमेशा फ़रिश्ता बनकर आते हो

माँ समझ गईं कि Advay अपने लिए नहीं बल्कि सूरज के कारण नई पिचकारी मंगा रहा था।

बसंती के जाने के बाद, माँ ने बोला, बेटा तुम्हे पिचकारी सूरज को देनी थी तो, अपनी पुरानी वाली दे देते, वो भी तो ठीक थी। 

नहीं मां, वो तो मेरी थी, जब वो ठीक थी तो मैं नई क्यों लेता? पैसे थोड़ी ना बर्बाद करता... 

और सूरज के पास तो पिचकारी थी नहीं, तो उसके लिए तो नयी ही मंगानी पड़ती ना?

पर बेटा बता देते कि सूरज के लिए मंगा रहे हो तो, पापा इतनी महंगी पिचकारी ना लाते... 

आगे उसे हमेशा अच्छी पिचकारी की आस रहेगी, जो उसे बसंती कभी नहीं दिला पाएगी। जो अच्छा नहीं हुआ... 

माँ, उसे कभी तो अच्छी पिचकारी भी मिलनी चाहिए...

यह बात भी ठीक है बेटा, तुम्हारा मन बहुत अच्छा है। भगवान की कृपा तुम पर बनी रहे...

होली वाले दिन सूरज, अपनी नई और बहुत बढ़िया पिचकारी के साथ बहुत खुश था। उसे खुश देखकर बसंती भी बहुत खुश थी, कि आज फिर बाबू (Advay) ने उसके घर खुशियाँ बिखेर दी थी। 

आज भी बसंती, Advay के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थी कि, हे भगवान Advay को हमेशा खुश रखें 🙏🏻

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