Wednesday, 14 February 2024

Poem : एक पुष्प

 एक पुष्प 



लेकर चला पुष्प एक वो,

 प्रिया को ललचाने को। 

आज क्षण आया है वो,

नेह उस पर लुटाने को।


थोड़ा ठहर जा क्षणभर,

विचार कर ले तनिक भर।

क्या उससे पहले नहीं है,

कुछ फ़र्ज़ तेरे निभाने को।


पुष्प एक कर देना अर्पित,

विद्या ज्ञान की देवी को।

जिससे ज्ञान बुद्धि हो जाग्रत,

उचित मार्ग में जाने को।


पुष्प एक चढ़ा देना तुम,

पुलवामा के अमर शहीदों को।

जिसने प्राण निछावर कर दिए,

जीवन तुम्हें दिलाने को।


फिर कर लेना प्रेम की वर्षा,

प्रिया को अपनी रिझाने को। 

जिसने अर्पण किए दिन-रैन।

सर्वोपरि तुम्हें बनाने को।


आप सभी को बसंतोत्सव की हार्दिक

शुभकामनाएं 💐🙏🏻

माता सरस्वती की कृपा हम सब पर बनी रहे 🙏🏻🙏🏻 

पुलवामा के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि🙏🏻

Happy valentine's day 💞 

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