Wednesday, 1 August 2018

Kids Story : चोट

चोट

अमिता अपने बेटे मणि को बेहद प्यार करती थी। इस हद तक वो उसे प्यार करती थी, कि वो उसे कुछ भी नहीं करने देती थी। मणि के पिता सुंदर कहते भी, कम से कम उसे अपना काम तो अपने आप से करने दिया करो, तुम्हारा लाला अब 10 वर्ष का हो गया है, पर आलम ये है कि ना तो ये अपने आपसे खा पाता है, ना खुद नहाता है, और ना ही अपने कपड़े इससे खुद पहने जाते हैं। पने आप न पढ़ता है ना सोता है। इसे आता है तो बस एक ही चीज़हर काम के लिए माँ माँ चिल्लाते रहना।
आप भी ना! अमिता तुनक कर बोलती, अपना एक ही तो बच्चा है, उसे भी प्यार ना करूँ, आपको तो नहीं बुलाता ना, तो आप शांत रहा करिए।
हाँ खूब सिर चढ़ाओ, बाद में पछताओ तो, कहना मत। हमेशा यही बड़बड़ाते हुए कमरे से निकल जाते।
एक दिन अमिता बाज़ार से लौट रही थी। अचानक से उसका accident हो गया। उसके पैर की हड्डी के तीन टुकड़े हो गए थे। तुरंत ही hospital ले जाया गया। Dr. ने operation  के लिए बोल दिया।
6 घंटे के लंबे operation के बाद उसे room में shift किया गया। डॉ. ने 6 month का total bed rest बता दिया था।
इन सब में अमिता सब से ज्यादा मणि के लिए परेशान थी। उसने सुंदर से मणि को hospital में लाने को कहा। मणि जब आया, तो माँ की ऐसी हालत देखकर सहम गया। और उसके बाद जितने दिन तक अमिता hospital में रही, मणि कभी नहीं आया।
जिस दिन वो घर पंहुची, उसने देखा उसका घर पहले से भी ज्यादा साफ और व्यवस्थित था। मणि भी नहाया हुआ लग रहा था। नाश्ते में उसकी favorite dish थी। मणि ने अपनी माँ को serve की, उन्हें खिलाया, और फिर खुद भी खाया।
मणि के कमरे से बाहर जाते ही सुंदर ने बताया, कि जब तुम hospital में थी, तब से ही मणि सारे घर को साफ और व्यवस्थित रख रहा है, क्योंकि मेरे पास तो office और hospital के चक्कर से ही फुर्सत नहीं थी। पर मणि नहीं चाहता था, कि माँ को आकर गंदा घर देखकर दुख लगे। अब वो अपने सारे काम भी करने लगा है। अमिता तुम्हारी एक चोट ने अपने बेटे को बहुत ही जल्दी बड़ा बना दिया।
सब सुनकर अमिता की आँखों से अश्रु निकलने लगे। उसने मणि को रुँधे गले से आवाज़ लगाई। माँ की इस तरह की आवाज़ सुनकर मणि दौड़ के आ गया। माँ क्या हुआ?
बेटा तुम्हें कितना करना पड़ रहा है, अपनी माँ की वजह से, अमिता रोते हुए बोली। नहीं माँ, इसमें से बहुत कुछ मुझे पहले ही शुरू कर देना चाहिए था। पहले मुझे ये सब करने में परेशानी हुई थी, उसमें पापा ने मदद कर दी थी। पर अब मैं सब सीख गया हूँ। सब ठीक तो है ना माँ?
सब बहुत अच्छा है, बेटा। पर मन में सोच रही थी, उसके प्यार ने 10 साल के मणि को 4-5 साल का बना रखा था, पर एक चोट ने 2 हफ्ते में परिपक्व बना दिया। 

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