Wednesday, 5 December 2018

Story Of Life : वो नज़र (भाग-२ )


मुकुल साधारण सूरत वाला बैंक में क्लर्क है, वहीँ उसका सहकर्मी रोहित भी है, जो बहुत स्मार्ट है. और आये दिन मुकुल के साधारण रंग रूप का मज़ाक़ उड़ता है, पर एक दिन जब एक बहुत सुन्दर  लड़की आ कर मुकुल की ओर चली जाती है..... अब आगे   

वो नज़र (भाग-२ )

उसको ऐसा मुझे देखते हुए, जब रोहित ने देखा, तो वो solid  जल गया। तभी madam दीक्षित आ गईं। वो उस ओर चली गयी। उनसे 1 घंटा बात करके वो चली गयी। पर जाते जाते भी वो मुड़-मुड़कर मेरी तरफ देख रही थी।
उसके जाते ही lunch break  हो गया। हमारे bank में हम सब एक hall में जा कर lunch करते थे। आज तो hall का भी माहौल अलग ही था। सब मुझे छेड़ रहे थे, क्या बात है मुकुल, आज तो तुम छा गए। आखिरकार तुम्हारा जादू भी चल ही गया।
आज सब बहुत खुश थे, क्योंकि रोहित के घमंडी स्वभाव के कारण कोई भी रोहित को पसंद नहीं करता था। इन सब बातों से रोहित बेहद जल रहा था। वो जल्दी से lunch finish करके hall से निकल गया। सच,ऐसा एहसास कभी भी नहीं हुआ था। आज लग रहा था कि हम भी कोई कम नहीं हैं, हमारी तरफ भी लोग देख सकते हैं।
Lunch खत्म हुआ, सब अपनी-अपनी seat पर आ गए। Madam दीक्षित ने मुझे अपने पास बुलाया, और धीरे से पूछा, आपको पता है, वो आपको क्यों देख रही थी? मैंने शर्माते हुए कहा, जी नहीं। वो बोलीं मैं उसको बहुत दिनों से जानती हूँ, अभी 4 साल पहले ही उसका  भाई Australia चला गया था, और तब से भारत नहीं लौटा है। आपकी शक्ल हाव-भाव, यहाँ तक कि आपके बोलने का style भी बिलकुल उसके भाई के जैसा ही है। और यहाँ वो जब आपको देख रही थी, तब वो दरअसल आप में अपने भाई को ही तलाश कर रही थी।
ओह! मेरा भ्रम टूट गया, अपने को सयंत करते हुए मैंने पूछा। तो ये बात आपने lunch के वक़्त सब को क्यों नहीं बताई? वो बोलीं क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि रोहित को असलियत पता चले। और वो फिर अपनी smartness  का घमंड दिखा कर आपको परेशान करे; डींगे हाँके। मैं किसी को यह सच्चाई नहीं बताऊँगी। आप भी मत बताना। किसी की अगर साधारण सूरत है, तो वो इसके लिए हमेशा नीचा दिखाया जाए ये जरूरी तो नहीं। भगवान ने सबको सूरत दी है, और सब ही सुंदर हैं।
मैं उनके पास से आ गया। अब मुझे समझ आ रहा था, कि कोई अगर आपकी तरफ देख रहा है, तो कारण ये भी हो सकता है, कि वो आपमें किसी अपने को देख रहा हो सकता है। क्योंकि आप की शक्ल, हाव-भाव या आवाज़ उसके किसी अपने से मिल रही हो। किसी को आपको देखते रहना, हमेशा प्रेम का प्रतीक नहीं होता है।किसी के देखने में प्यार के भाव भी हो सकते हैं। पर वो भाव क्यों हैं? इसका कुछ भी कारण हो सकता है।   
साथ ही ये भी समझ आ गया था, कि उसकी आखों में इतना प्यार क्यों था, और वो क्यों मंत्र-मुग्ध हो गयी थी।
Madam दीक्षित ने किसी को उस दिन की सच्चाई नहीं बताई। पर वो नज़र मेरी ज़िंदगी बदल गयी। अब कभी भी रोहित मुझे साधारण कह कर नहीं चिढ़ाता था। चिढ़ाता भी कैसे, उस लड़की ने उसकी तरफ नहीं मेरी तरफ देखा था। और ये मैं और madam दीक्षित ही जानतीं थीं, कि वो नज़र मुझमे अपने भाई को तलाश रही थीं।           

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