Monday, 25 February 2019

Story Of Life : भक्षक


भक्षक

प्रीति बहुत सुंदर थी। उसका पति सूरज उस पर जान छिड़कता था, पर साथ ही वो प्रीति के प्रति बहुत ज्यादा possessive था। कोई उसकी तरफ़ देखने लगे, तो वो उससे लड़ने लग जाता था। चिनू-मीनू उनके दो सुंदर बच्चे थे।

एक दिन सभी train से Bombay घूमने जा रहे थे। सभी मस्ती में थे, हँसते खाते सफ़र गुजर रहा था।

तभी वहाँ TTE आयाticket check करते समय उसकी नज़र प्रीति पर पड़ गयी। प्रीति उसे इस कदर भा गयी, कि वो उससे नज़र ही नहीं हटा पा रहा था।

जब train एक station पर रुकी, सूरज नीचे कुछ खाने के लिए, लेने उतर गया। station बड़ा था, अतः ट्रेन देर तक रुकनी थी, इसलिए वो चिनू और मीनू को भी साथ ले गया। और बच्चा लोग, कौन सी ice-cream खाओगे? सूरज बच्चों से पूछने लगा?

Ice-Cream..... Ice-Cream का नाम सुनकर प्रीति के मुँह में भी पानी आ गया। वो भी उठ कर चल दी। सबने आइसक्रीम ले ली। ट्रेन के चलने का signal हो गया।

TTE वहाँ आ गया, प्रीति को देखकर बोला, आइये मेरा हाथ थाम लीजिये, वरना आपकी train छूट जाएगी। प्रीति मीनू का हाथ थामे TTE की मदद से train में चढ़ गयी।  सूरज चिनू को गोद में ले कर आ रहा था, तब तक ट्रेन रेंगने लगी थी। पर उस समय TTE  ने अपना हाथ अंदर कर लिया। अरे आप सूरज को तो अंदर ले लेते, TTE की ऐसी हरकत देखकर प्रीति के मुँह से स्वतः ही निकल गया।

आप भी ना Madam, सूरज जी हट्टे-कट्टे हैं, आराम से चढ़ जाएंगे, टीटी ने कुटिलता पूर्वक बोला। सूरज फुर्तीला था, वो speed तेज़ होने के पहले ही लपक कर चढ़ चुका था। प्रीति ये समझ चुकी थी, कि TTE की उस पर कुदृष्टि है। पर अब उसे समझ नहीं आ रहा था, कि वो क्या करे? क्योंकि अगर सूरज को समझ आ गया, तो वो अभी लड़ने लग जाएगा। जो कि उनकी यात्रा के लिए अनुचित रहेगा। फिर क्या पता, TTE उन्हें कैसे तंग करे?....... 
आगे क्या हुआ, जानने के लिए पढ़ते हैं........ भक्षक-(भाग-2)

1 comment:

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.