Tuesday, 7 May 2019

Poem : अक्षय तृतीया का त्यौहार


अक्षय तृतीया का त्यौहार 





अक्षय तृतीया के
पावन अवसर पर
भरता है, अक्षय भंडार  
जाने ये सारा संसार
स्वर्ण-रजत से भरा रहे
आपका सुख- परिवार
पर साथ कुछ और
चाह भी हम करते हैं
हे विष्णु देव
हे लक्ष्मी माता
क्या स्वर्ण-रजत से ही
आप भंडारे भरते हैं?
जल की एक एक बूँद
को तरस रहा सारा संसार
क्या भर सकता है?
उसका भी अक्षय भण्डार
जब पूजा करना स्वर्ण की
एक पात्र में, रख लेना जल भी
आज तो है, वो पास हमारे
रह सके पास, वो कल भी
हो जाए प्रभु की दृष्टि अपार
भरा रहे जल का भी भण्डार
आप सभी को शुभ रहे
अक्षय-तृतीया का त्यौहार 

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