Saturday, 3 August 2019

Poem : आई तीज निराली


आई तीज निराली





फिज़ा में छाई, हरियाली।
आई, तीज निराली।।

धानी रंग में, सजी हुई।
धरती की, डाली डाली।।

हरे रंग में सजी है, सजनी।
चूनर, बिंदिया, चूड़ी, लाली।।

हाथों में लगी है, मेहंदी।
पिया को भाने वाली।।

चहूँ ओर फैली खुशबू घेवर की।
दुनिया हुई मतवाली।।

सखियों संग मिल  झूले झूला।
आसमां तक ऊँची पेंग बढ़ा ली।।


सभी सखियों को हरियाली तीज की अनेकानेक बधाईयाँ 

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