Thursday, 19 March 2020

Stories of Life : अनोखा तोहफ़ा (भाग-2)


अनोखा तोहफ़ा (भाग-1) के आगे...

अनोखा तोहफ़ा (भाग-2)



अब शादी को सिर्फ चार दिन बचे थे, तो अभिषेक बोला, अब तो हम दोनों के घरों में मेहमान आने लगेंगे और rituals भी शुरू हो जाएंगे,तो मैंने तुम्हें तुम्हारा तोहफ़ा courier से भेज दिया।

यह जानकर अनीता बहुत खुश हो गयी, उसकी बहुत-सी सहेलियों की शादी उन्हीं दिनों हो रही थी, सब अपने मिले हुए तोहफ़े का अक्सर ज़िक्र किया करती थीं। 

अनीता ने सोचा, मैं भी सबको बताऊँगी कि मेरा होने वाला पति भी किसी से कम नहीं है, और सबको अपना तोहफ़ा दिखाएगी।


उसके इंतज़ार के पल ख़त्म हुए, सामने courier वाला एक बड़ा-सा gift लेकर खड़ा था। 

अनीता ने उससे gift लिया, और सीधे अपने कमरे में चली गयी। 

जल्दी-जल्दी उसने packet खोला, पर यह क्या, उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए, उसमें तो उन दोनों के किए हुए एक-एक sms लिखे हुए थे। अनीता बहुत दुखी हो गयी। जब माँ और बहन को पता चला, तो वो बोलीं अच्छा तो है।

तभी अभिषेक का फोन आया, कैसा लगा तोहफ़ा?

अनीता ने अभिषेक को खुश करने के लिए बोल दिया, बहुत अच्छा था।

पर वो तोहफ़ा उसके लिए सपनों को तोड़ने वाला तोहफ़ा था।

शादी हो गयी, सारे सामानों के साथ वो अभिषेक के लिखे हुए सारे letters और उसका दिया अनोखा तोहफ़ा भी साथ ले आई। Letters और अनोखा तोहफ़ा उसने अलमारी में रख दिया।

दिन गुजरते गए, अभिषेक और अनीता दोनों ही ज़िंदगी में व्यस्त हो गए।

आज कुछ समान ढूँढने के लिए अनीता ने अलमारी खोली, तो उसके हाथ अभिषेक का वही अनोखा तोहफ़ा लग गया, सारे काम ख़त्म करके आज उसने उन्हें पढ़ना शुरू कर दिया, यह समय उसे अपनी ज़िंदगी के सबसे हसीन पल में ले गया। 

जब वो सारा पढ़कर उठी, तो उसकी नज़र घड़ी की तरफ गयी, अरे बाप रे! 4 घंटे से मैं पढ़ रही थी।

फिर वो सोचने लगी, आज शादी के सत्रह साल हो गए हैं, ना वो mobile साथ है, ना अब sms वाली दुनिया है, पर यह तोहफ़ा उसे उन हसीन पल में ले गया था। 

अगर अभिषेक ने मुझे फूल दिये होते तो वो चंद घंटों में सूख जाते, chocolates और dress भी कुछ दिन चलती, set 2-4 बार पहनने के बाद locker की ही शोभा बढ़ा रहा होता।

पर अभिषेक ने मुझे ऐसा अनोखा तोहफ़ा दिया था, जिसने मेरे हसीन पलों को हमेशा के लिए मेरा बना दिया था, वो समय के साथ नष्ट नहीं होने थे, वो शाश्वत हो गए थे, मेरे लिए।

आज उसे समझ आया था, कि तोहफ़ा सचमुच अनोखा था, और उसके पीछे की अभिषेक की मेहनत और उससे किया हुआ बेइंतहा प्यार भी दिख रहा था।

आज उसे अभिषेक का बहुत इंतज़ार था, उसके दिये हुए अनोखे तोहफ़े के साथ वो पल दुबारा जीने के लिए

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.