Thursday, 29 April 2021

Story of Life : परिवर्तन

 परिवर्तन




रणबीर ने कृतिका से कहा, माँ- पापा जी इस बार सिर्फ एक हफ्ते के लिए, साथ में रहने को आ रहें हैं। 

Please, सिर्फ एक हफ्ते की बात है, adjust कर लेना, फिर तुम जैसा कहोगी, मैं वो कर दूंगा।

हाँ-हाँ, तुम चिंता मत करो, इस बार पिछली बार जैसा कुछ नहीं होगा। 

मैंने कल की छुट्टी भी ले ली है। 

अगली सुबह रणबीर, अपने माँ-पापा जी को लेने चला गया।

उधर रणबीर के पापा राजेश अपनी पत्नी संजना से कह रहे थे। लगता है बहू का पिछले साल का व्यवहार तुम भूल गयी हो? 

ना ढंग से वो बोलती थी, ना कुछ काम करती थी। और एक तुम हो कि फिर चल दीं।

क्या करूं, बेटे का मोह खिंच ले जाता है, अबकी बार एक हफ्ते ही तो रुक रहें हैं, थोड़ा adjust आप भी कर लीजिएगा। संजना, गहरी सांस लेते हुए बोली।

रणबीर समय से पहुंच गया था, और सब जब घर पहुंचे तो, कृतिका पहले से तैयार थी। घर भी व्यवस्थित था। साथ ही kitchen से राजेश जी की पसंद के नाश्ते की खुशबू आ रही थी।

यह सब देख कर रणबीर खुश हो गया।

पूरे हफ्ते ही कृतिका ने दोनों का बहुत ध्यान रखा। उनके खाने-पीने का, उनके मान-सम्मान के साथ वो सब ही किया, जो उन्हें पसंद था।

सुबह सुबह भजन लगा देती। सब मिलकर प्राणायाम करते।

संजना जी से खूब सारी Recipe सीखी।

उन लोगों की मनपसंद की फिल्में download कर के घर में Home theater system लगाकर, popcorn, chips के साथ, घर में ही cinema hall जैसा माहौल बना दिया।

फिर सबने मिलकर movie देखी। उस दिन तो राजेश जी इतने खुश हुए कि उन्होंने कृतिका से बोल ही दिया, मुझे तुम से अच्छी बहू नहीं मिल सकती थी।

एक हफ्ते कब निकल गये, पता ही नहीं चला।

जब राजेश और संजना सामान pack कर रहे थे तो, कृतिका, रणबीर के साथ पहुंची और कहने लगी, इस बार आप लोगों को मुझसे कोई शिकायत तो नहीं है?

दोनों एक स्वर में बोले, नहीं बिटिया..... इस बार हम बहू के साथ नहीं बेटी के साथ रहें हैं। तुम्हें जितना आशीर्वाद दें, वो कम है।

वो बोली, मेरे भाई की पिछले साल शादी हुई थी और मेरी भाभी ने मेरे माँ-पापा के साथ वैसा ही व्यवहार किया, जैसा मैं आपके साथ करती थी। जिससे मेरे मम्मी पापा बहुत दुःखी हो गये।

उन्हें ऐसा देखकर, मुझे समझ आया कि मैं कितना गलत कर रही थी आप लोगों के साथ।

मुझे माफ़ कर दीजिए, पिछली बार के लिए। आगे से आप को अपनी यही बेटी मिलेगी। 

तुम्हारे इस बार के व्यवहार से हम पिछला सब भूल गए हैं और हाँ कुछ ग़लत हम भी थे और हमने कुछ आशाएं भी ज्यादा लगा ली थी। उसके लिए हमें भी माफ़ कर देना।

कैसी बात कर रहे हैं, आप लोग? 

मैं तो छोटी हूँ, और आप हमारे माँ-पापा। 

अगर आप लोगों ने मुझे माफ़ कर दिया है तो हमेशा के लिए यहीं रुक जाएं।

हम, सब सामान के साथ जल्दी आएंगे, भगवान तुम्हारे माँ-पापा को भी जल्दी सुखी बनाएं। और ढेरों आशीर्वाद देकर चले गए।

रणबीर, को कृतिका का परिवर्तन दिल छू गया। उसने ईश्वर को धन्यवाद दिया और कहा कि हे ईश्वर, कृतिका की भाभी में भी जल्दी परिवर्तन आए।

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