Thursday, 6 May 2021

Article : किस ओर जाता भारत!

 किस ओर जाता भारत!




Corona period में पहले रैली, फिर election और अब चुनाव समापन के बाद बंगाल में बढ़ी हिंसा, किसी भी तरह से सहनीय नहीं है।

लूटपाट, बलात्कार, हत्या..... 

सब कुछ ही तो हो रहा है। 

आखिर क्यों?

जीत-हार किसी की भी हो, पर हिंसा तो कहीं भी नहीं होनी चाहिए। 

वोट देना व किसी भी पार्टी के समर्थक होना तो मौलिक अधिकार है। फिर यह हिंसा क्यों?

इसको तुरन्त ही रोका जाना चाहिए। क्योंकि इस तरह की घटनाएं, देश में अराजकता को बढ़ावा देती हैं। देश की अखंडता का हनन करती हैं।

आज बंगाल जलने पर हमारा शांत रहना, हमारे लिए आने वाले ख़तरे को निमंत्रण देना है।

कोई भी राज्य हो, शांति सर्वत्र व्याप्त होनी चाहिए। और वो भी तब तो और ज्यादा, जब देश पहले से ही महामारी के ख़तरे से जूझ रहा है।

अभी तो सब जगह केवल मानवता व्याप्त होनी चाहिए।

 जब तक सब एक साथ इस महामारी को दूर करने की कोशिश नहीं करते हैं, यह संकट टलने वाला नहीं है।

अभी तो सबका ध्यान इस ओर केन्द्रित होना चाहिए कि सबका vaccination हो जाए। Oxygen व दवाई पर्याप्त मात्रा में patients को प्राप्त करवाया जाए।

किसी तरह की कोई काला-बाज़ारी ना हो।

अगर आप चाहते हैं कि आप धनवान हों, आप के पास power हो, तो यह सब तब ही संभव होगा, जब सर्वत्र सुख-शांति व्याप्त होगी, सभी निरोगी और काम काज करने योग्य होंगे।

देश को अंधकार में मत धकेलिए। धनार्जन और राजनीति, फिर कर लीजिएगा। 

अभी देश सम्भाल लीजिए। जिसकी जिम्मेदारी, किसी एक सत्ता, नेता, धनाढ्य वर्ग की नहीं अपितु हम सब की है। अतः ख़ुद भी mask पहनिए, social distancing का पालन करिए, sanitizer का उपयोग करिए और सबसे महत्वपूर्ण, घर पर रहिए, और हिंसा के खिलाफ़ सही माध्यम से आवाज़ उठाइए।

तभी देश सुरक्षित रहेगा, विकास करेगा।

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