Friday, 17 September 2021

Article : 17 September

17 September 




17 September में सदियों से विश्वकर्मा पूजा की जा रही है।

हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा जी को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा, सम्पूर्ण सृष्टि के सृजनकार हैं। 

देवलोक के मुख्य अभियंता व इस ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता भगवान विश्वकर्माजी समस्त मानव जाति के आराध्य हैं।

सृजन, निर्माण, वास्तुकला, औजार, शिल्पकला, मूर्तिकला एवं वाहनों समेत समस्त संसारिक वस्तुओं के अधिष्ठात्र देवता हैं, भगवान विश्वकर्मा। 

 जिस पर इनकी कृपा दृष्टि हो जाती है, उसे  विशेष ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी, अभियंत्रण व शिल्पकला के क्षेत्र में कुछ भी अप्राप्य व दुर्लभ नहीं है। इनकी कृपा से भक्त को संबंधित क्षेत्र में उन्नति, लाभ, यश व ख्याति का पूर्ण योग प्राप्त होता है।

मान्यता यह भी है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था।

विश्वकर्मा जी का जन्म सूर्य के संक्रान्ति दिवस में हुआ था। विश्वकर्मा जी के पिता वास्तुदेव व माँ अंगिरसी हैं। इनके दादा जी का नाम धर्म व दादी जी वसु थीं इनके नाना जी ऋषि अंगिरा व मामा देवगुरु भगवान बृहस्पति जी हैं।

अतः 17 September के दिन सदियों से भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा अर्चना की जाती है। 

मुखयतः engineering institute, mills और बहुत से छोटे बड़े कल-कारखाने वाले भी आज के दिन विशेष उत्सव मनाते हैं। उनके लिए आज के दिन पूजा पाठ करना, दीवाली के दिन पूजा करने के समकक्ष ही होता है।

अतः 17 September का विशेष महत्व है।

पर जब से हमारे देश भारत के प्रधानमंत्री का पदभार, मोदी जी ने ग्रहण किया है, तब से, 17 September का महत्व और बढ़ गया है।

क्योंकि भारत को सुदृढता से सम्हालते हुए हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर पहुंचाने वाले मोदी जी का आज जन्मदिवस है। 

इन्हें कुछ लोग, सफल प्रधानमंत्री मानते हैं तो कुछ इन पर देश को बर्बाद करने की तोहमत भी लगाते हैं।

जो जिस नजरिए से देख रहा है, उसकी सोच उसके साथ है। पर यह पूरी तरह से सिद्ध होता है कि, 

सेना सुदृढ़ हुई है।

राम मंदिर निर्माण व हिन्दुत्व का विकास हुआ है।

कश्मीर का उद्धार हुआ है।

मुस्लिम स्त्रियों की स्थिति में सुधार हुआ है। 

कन्याओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अवसर बढ़े हैं। 

इतिहास के पन्ने, जिन्हें कहीं दबा दिया गया था, वह प्रकट हो रहे हैं।

खेल जगत में सर्वोच्च प्रदर्शन हो रहे हैं।

देशवासियों को उनकी कद्र हो या ना हो पर विदेशों में भारत और मोदी जी का लोहा माना जा रहा है। 

इन सब का श्रेय आप केवल मोदी जी को ना देना चाहें तो भी उनके ही नेतृत्व में यह सब कार्यान्वित होते नजर आ रहे हैं।

आप उन्हें अच्छा मानें या बुरा, लेकिन यह तो सच है कि  उन्होंने यह तो सिद्ध किया है कि सच्ची लगन और सतत् मेहनत से मनुष्य सफलता की ऊंचाईयों को छू लेता है।

ना तो उनके पास source full family थी, ना अथाह धन सम्पदा, उसके बावजूद केवल अपने अथक परिश्रम से उन्होंने अपनी पहचान बनाई। आज पूरा विश्व उन्हें भारत का सफल प्रधानमंत्री मानता है।

आइए दो निर्माताओं के शुभ दिवस को देश के विकास के रुप में मनाएं।

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