Monday, 24 April 2023

Story of Life: अनूठी सोच

अनूठी सोच  


अमन, बहुत ही होनहार, ऊंचे-लंबे कद का आकर्षक युवक था। उसके पिता बहुत ही साधारण सी नौकरी करते थे अतः घर चलाने के लिए वो tuition करता था। एक दिन उसके दोस्त ने उसे बहुत अमीर घर की लड़की को tuition पढ़ाने को कहा। अमन खुशी-खुशी राज़ी हो गया और अगले दिन उस घर में पहुंच गया।

बहुत ही विशाल और भव्य हवेली थी। कुछ देर अमन वहीं खड़ा रहा और हवेली को निहारता रहा। मानो अपने मन को टोह रहा हो कि क्या वो इस हवेली में जाने लायक है? फिर उसने अपने मन से इस विचार को झटका और अंदर चला गया।

जब घर के मालिक को पता चला कि अमन पढ़ाने आया है, तो उसका बहुत भव्य स्वागत किया गया। 

उसके बाद उन्होंने श्यामली को आवाज़ लगाई। श्यामली बहुत ही साधारण से नैन नक्श वाली सांवली लड़की थी, साथ ही उसके मुख के आधे मुख पर कालिमा (लहसुन) भी छाई  थी, जो उसके रुप को और मधम कर देती थी। 

कोई भी लड़का श्यामली को नहीं देखता था, जिसकी श्यामली को कभी कभी ग्लानि भी होती थी। 

अमन ने श्यामली को एक क्षण देखा, फिर अपना परिचय देकर, उससे काॅपी और किताब निकालने को कहा...

और उसके बाद से ही शिष्या और गुरु का रिश्ता अपनी रफ़्तार से बढ़ चला...

अमन का ज्ञान और श्यामली की लगन काम आई, इस साल श्यामली ने अपने कॉलेज में top किया, साथ ही उसकी कविता की book भी publish हुई, जिसके लिए भी श्यामली को अमन ने ही प्रोत्साहित किया था।

Actually tuition पढ़ाते समय ही अमन ने यह समझ लिया था कि श्यामली बहुत ही अच्छी कविता लिखती है।

उसका एक दोस्त, विनय publication में था, तो उसने श्यामली की कुछ कविताएं दिखाई।

जिन्हें देखकर, विनय बोला, यह बहुत अच्छी कविताएं हैं और अगर ऐसी और मिल जाए तो इन कविताओं की पूरी एक किताब ही छाप दें।

इसके बाद पढ़ाने के साथ साथ, अमन ने श्यामली को कविताएं लिखने को भी प्रेरित किया। 

जिसका ही नतीजा था कि आज श्यामली की कविताओं का संकलन छपा था...

कविताएं इतनी अच्छी थीं कि उसकी धूम मच गई साथ ही श्यामली के मन में अमन के लिए प्रेम के अंकुर फूट गये।

एक दिन उसने अमन से अपने प्यार का इज़हार कर दिया...

आगे पढ़े अनूठी सोच (भाग-2) में...

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