Thursday, 21 September 2023

Article; झुरमुट का सूरज

 झुरमुट का सूरज 



हम हरतालिका तीज का व्रत रखते हैं, जिसमें व्रत का पारण, early morning में किया जाता है। उसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके प्रसाद तैयार करते हैं और सूर्य उदय के साथ ही सूर्य देवता को अर्क दिया जाता है। 

हम भी सुबह चार बजे उठ गये थे और स्नान आदि करके प्रसाद तैयार कर लिया। फिर देखा अभी भी रात्रि का अंधकार फैला हुआ था। 

 Internet में देखा कि सूर्य उदय कितने बजे होगा? तो पता चला कि 6:10 min पर होना था। तो हमने सुबह के लिए नाश्ता और दोपहर के लिए भोजन भी बना लिया। सब काम 5:15 तक खत्म हो गया।

अब क्या करें? क्योंकि पति और बच्चे सब सो रहे थे और सूर्य देव के भी उदित होने में समय था...

सोचा कि "सुबह ए बनारस और शाम ए अवध* तो सुना है। और दोनों देखा भी है। अवध में तो ससुराल ही है और एक बार बनारस भी जाना हुआ था। 

तब हमारे जीजा जी ने कहा था कि अगर बनारस की सुबह नहीं देखी तो, बनारस अधूरा है।अब उनकी आज्ञा की अवहेलना तो कर नहीं सकते थे, तो बस हम पतिदेव और जेठानी जी सुबह चार बजे पहुंच गए, दशाश्वमेध घाट, सूर्य उदय देखने के लिए...

हम तीनों घाट की सीढ़ियों पर बैठे थे, सूर्य उदय के इंतजार में। सुबह के चार बज रहे थे, बहुत कम लोग वहां थे। अभी आकाश में अंधेरा व्याप्त था। थोड़ी देर बाद हमने देखा कि सामने आसमान नारंगी रंग में बदलने लगा और साथ ही सूर्य देवता सिंदूरी रंग में ऐसे प्रकट होने लगे, मानो धीरे धीरे गंगा की गोद से बाहर आ रहे हों। जैसे कोई नन्हा राजकुमार, अठखेलियां करता अपनी मां की गोद से जागकर उठ गया हो, वो दृश्य बेहद मनोरम था। धीरे धीरे सूर्यदेव आसमान में ऊपर ही ऊपर उठते जा रहे थे, अपने यौवन की तरफ और साथ ही प्रकृति का रंग भी बदलता जा रहा था। सब ओर रोशनी हो चुकी थी। पेड़ पौधे, पशु पक्षी सब जाग गये थे। घाट पर गंगा आरती की पूरी तैयारी हो चुकी थी, हम भी उस पवित्र पावन आरती का हिस्सा बने। आरती के पश्चात हम उस अविस्मरणीय पल के साथ वापस लौट आए। जीजा जी कहना‌ बिल्कुल सही था, बनारस की सुबह नहीं देखी तो, बनारस देखना अधूरा है।

पर आज हम आपको कल की खूबसूरत सुबह का विवरण बताने जा रहे हैं।

सोचा कि "सुबह ए बनारस" तो देख लिया था, आज "सुबह ए गाजियाबाद" देखा जाए। क्योंकि सब काम खत्म हो चुका था तो वहीं बालकनी में खड़े होकर उस दिशा में एकटक देखने लगे, जहां से सूर्य देव उदित होने थे।

हमने देखा कि पूर्ण अंधेरा था। आसमान में कुछ सितारे टिमटिमा रहे थे। नहीं, नहीं... चांद नहीं था, वो तो पश्चिम दिशा की ओर बढ़ चुका था ना। और हम तो सूर्य उदय के लिए पूरब दिशा में देख रहे थे। 

हमारे व आसपास के appartment में parking की और कुछ घरों की light जगमगा रही थी, इसलिए अंधेरा होने के बावजूद घुप अंधेरा नहीं था। 

थोड़ी देर बाद ही आसमान काले से नीले रंग में बदलने लगा और जिस जगह से सूरज निकलना था, वो सिंदूरी होने लगा।

जगाते होंगे मुर्गे अपनी बांग से, पर शहरों में तो कौओं की कांव कांव से ही सुबह होती है। फिर पक्षियों के कलरव और चिड़ियों की चहचहाहट भी सुनाई देने लगी। कुछ देर बाद कुत्ते और बिल्लियों की आवाजें भी आने लगी थी।

आसमान काले से नीला, नीले से नारंगी और नारंगी से सफेद होने लगा था। पक्षी आसमान पर ऊंचाई पर पहुंच गये थे। सितारे सारे लुप्त हो चुके थे।

पार्किंग व आसपास की lights जो थोड़ी देर पहले जगमगा रही थी, अब मद्धम पड़ चुकी थी।

सामने सड़क पर बीच-बीच में कुछ कार और बाइक निकल रही थी। शायद जल्दी निकलते होंगे अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए...

पेड़-पौधे साफ़ साफ़ दिखाई देने लगे थे। और जिस ओर से सूर्यदेव निकलने थे, वहां पेड़ से सुनहरी चमक आ रही थी। जैसे पेड़ों के झुरमुट से सूर्य देव झांक रहे हों...

इन सब को देखकर समझ आ गया था कि सूर्य उदय हो चुका है। पर अब इंतजार, सूर्यदेव के पूर्ण दर्शन और पतिदेव के उठने का था। सुबह सात बजे सूर्यदेव और पतिदेव दोनों के एक साथ दर्शन हुए और व्रत का पारण कर दिया।

पर आज व्रत पूर्ण होने के साथ ही सुबह का इंतजार बहुत सुखद रहा। 

कैसे धीरे धीरे सुबह हो रही थी, आसमान का रंग बदलना, पक्षियों का जागना, उनकी कलरव, तारों का धीरे धीरे लुप्त होना, पक्षियों का आसमान के शीर्ष पर पहुंचना, चंद देर पहले रोशनी से जगमगा रही पार्किंग का मद्धम पड़ जाना, धीरे धीरे सड़क पर बढ़ता इंसानों और गाड़ियों का काफिला... कोई कहेगा कि उन सब से शांति भंग हो रही होगी? पर हम इसे कहेंगे कि, जिंदगी जाग रही थी। जिंदगी जो बहुत खूबसूरत होती है, इन सब को होते हुए देखना, बहुत सुखद है। लेकिन यह सब जिसके कारण हो रहा था... झुरमुट के सूरज के कारण, वो सबसे खूबसूरत था, हां सुबह ए बनारस जैसा तो नहीं... 

पर जब जिंदगी जाग रही होती है, चाहे किसी भी शहर में, जब सूरज निकलता है पेड़ों के झुरमुट से ही सही, उससे बड़ा healer कुछ भी नहीं। कभी आपको अकेलापन महसूस हो, low feel कर रहे हों, किसी का साथ चाहिए या आपको एक boost चाहिए, तो देखिएगा जरुर अपने शहर की सुबह...  सच किसी भी सुखद अनुभूति से यह अधिक सुखद होगी...😊

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