Thursday, 12 October 2023

Poem : आप बिन

आज आपका जन्मदिन है, आप साथ होकर भी साथ नहीं हैं। हर दिन आप की याद आती है, पर इस दिन तो लगता है, कि एक दिन के लिए ही सही पर आपका वही सानिध्य, वही प्यार एक बार फिर मिल जाए। आपकी गोद में फिर से बचपन जी लें....

आप बिन



आप हैं साथ

पर आप बिन 

एक तपिश सी है 

जिंदगी ने दिया है

बहुत कुछ

पर आप बिन 

एक ख़लिश सी है 

कहते हैं सब 

पिता ना रहें साथ

पर साथ ही रहते हैं 

वो ईश्वर के घर से भी

हमारी खुशियों की

परवाह करते हैं ।

पर मौजूदगी बिन 

एक खालीपन 

तो रहता ही है 

अपनी बात कहने

और आपकी सुनने को 

दिल करता ही है 

वो आवाज़, वो हंसी 

आज भी गूंजती है कानों में

जब कोई आवाज लगाता है

पापा को अपने 

तन्हा, मेरा दिल रोता ही है

आप हैं साथ

पर आप के बिन 

एक तपिश सी है 

जिंदगी ने दिया है

बहुत कुछ

पर आप बिन 

एक ख़लिश सी है 


Miss you Papa 💔🙏🏻 


आप सब में से जिसके भी माँ या पापा  ईश्वर में लीन हो गए हैं, शायद उन सबके भी यही भाव हों 😔

6 comments:

  1. संवेदना को शब्द देने के लिए अपार धन्यवाद

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  2. Poignant expression...missing him

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  3. 🙏🙏🙏🙏🙏

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