Tuesday, 30 April 2024

Story of Life: विवाह भाग - 2

 विवाह भाग - 1 के आगे 

विवाह भाग - 2  


रास्ते में बुआ जी ने पूछा भी, क्यों री लाडो, कैसे लगे जमाई सा?

कैसे? 

मुझे नही पता... चंदना ने सोच में डूबे हुए कहा..

फिर बुआ जी ने उसी समय, संजय को फोन घनघना दिया, और जमाई सा, आपके दिल में उतर गई, हमारी लाडो?...

दिल में...  थोड़ी देर शांत रहा संजय, फिर बोला...

मामी (असल में चंदना की रंजना बुआ, संजय की दूर के रिश्ते से मामी लगती थीं)

चंदना तो उस दिन ही मेरे दिल में उतर गई थी, जिस दिन मैंने पहली बार उसे देखा था।

उसकी हिरनी सी चंचल आंखें और मासूम सा खूबसूरत चेहरा, मेरे मन मस्तिष्क में बस गया है। वो धाराप्रवाह, सब बोलता चला गया, मानो जैसे बेचैन था, अपने दिल का हाल किसी को सुनाने को.. 

फिर थोड़ा ठिठककर बोला, पर आप सब बड़े लोगों ने, जिस तरह से हम लोगों की शादी की है, हम दोनों के बीच यही ख़ामोशी छाई रही, तो वो दिन दूर नहीं, जब आपकी लाडो, मेरे दिल से उतर भी जाएगी... जब संजय यह बोल रहा था, उसकी आवाज से दुख और मायूसी साफ छलक रही थी। 

बुआ जी ने mobile speaker पर रखा था, अपने पति के द्वारा की जाने वाली तारीफ से जहा चंदना, शरमा कर इतरा रही थी, वही संजय के दिल से उतर जाएगी, यह सोचने मात्र से सिहर गई। 

संजय की बात ने बुआ जी को भी सोच में डाल दिया था। 

फिर रंजना ने कहा, बेटा संजय, मैं जो बोल रही हूं, तुम सुनो, चंदना भी सुन रही है। तो सुनो दोनों, arrange marriage, जीवन में मिलने वाला सबसे खुबसूरत तोहफ़ा है, जिसमे बहुत सारे gift wrappers चढ़े होते हैं और वो धीरे-धीरे हटते हैं। पर उनका धीरे-धीरे हटना, जिन्दगी को बहुत रोमांटिक बनाता है।  

मैं 2 दिन बाद, चंदना को अपने घर ले जाऊंगी, तुम भी आ जाना। 

यह कहकर रंजना ने phone काट दिया। 

चंदना और संजय दोनों की धड़कनें तेज़ हो चली थी, दोनों ही रंजना के घर में मिलने का इंतजार बेसब्री से करने लगे।

आगे पढ़े विवाह भाग-3 में..

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.