Saturday, 6 September 2025

Article : गणपति विसर्जन

आज अनंत चतुर्दशी है। एक विशेष चतुर्दशी...

यूँ तो हर महीने में दो चतुर्दशी आती हैं, फिर भी जो महत्व पूर्णमासी और अमावस्या का होता है, वो चतुर्दशी का नहीं।

लेकिन अनंत चतुर्दशी का अपना विशेष महत्व है, कारण यही दिन गणपति बप्पा जी के विसर्जन का दिन है।

किसी का भी विसर्जन मन को आहत करता है, और शुभ भी नहीं प्रतीत होता है। किन्तु देवी, देवताओं का विसर्जन शुभ ही मानते हैं क्योंकि वो सर्वशक्तिमान है और उनका विसर्जन होने के बाद वो अगले वर्ष फिर से आते हैं।

अतः उनका विसर्जन पूरे हर्षोल्लास के साथ किया जाता है, इस कामना के साथ कि हे देव और हे देवी, अगले वर्ष भी जल्दी आइएगा और अपने भक्तों पर कृपा बरसाइएगा।

पर आज का यह article एक सोच को और एक परंपरा को बदलने के लिए लिख रहे हैं।

एक सुख के लिए लिख रहे हैं, जो धीरे-धीरे हमारी जिंदगी से विलुप्त होता जा रहा है।

और हमारे सुख के विलुप्त होने का बहुत बड़ा कारण है हमारा mobile के साथ obsession…

गणपति विसर्जन


जी हाँ, जबसे हमारी जिंदगी में mobile आया है, हम बहुत से सुखों से वंचित होते जा रहे हैं। 

और इसका साक्षात् उदाहरण आज देखने को मिला।

Actually आज hospital गए थे तो वहाँ भी गणेश चतुर्थी में गणेश जी की स्थापना की गई थी और आज अनंत चतुर्दशी है, अतः आज गणेश जी का विसर्जन होना था।

गणेश जी की अति विशाल और बेहद खूबसूरत प्रतिमा को स्थापित किया गया था और आज जब विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था, तो hospital वालों ने तय किया कि hospital के पूरे परिसर में से ले जाते हुए विसर्जन के लिए ले जाया जाए।

जिससे जिस किसी भी भक्त को उनके दर्शन करने हैं या कोई कामना करनी हो, वह कर सके, अतः वो प्रतिमा को हर परिसर में ले कर गए।

पर आपको पता है, हुआ क्या?

वही जो हमेशा होता है...

लोगों ने जैसे ही गणपति बप्पा जी को देखा तो बहुत से लोगों ने दर्शन करने और कामना मांगने के बजाय अपने-अपने mobile उठाए और लगे photo खींचने और video बनाने…

इसका मतलब समझ रहें हैं, जहाँ पहले गणपति बप्पा जी की प्रतिमा को निहार कर मन-मंदिर में बसाकर ईश्वर भक्ति की जाती है, आज वहीं क्षणिक सुख की photo और video बनाना प्रमुख हो गया है।

मत दीजिए, photo और video को इतना महत्व कि जो परम सुख है, उसी से वंचित हो जाएं।

जब भी किसी मंदिर में जाएँ या विशेष स्थान पर हों तो सारा समय photo और video बनाने और उसे social media पर post करने में ही waste मत करें। 

सच्चा सुख उस पल को जीने में है, न कि उन पलों को बस camera में कैद करने में।


गणपति बप्पा जी को नमन करते हैं इसी कामना से कि :

गणपति बप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या (अगले बरस तू जल्दी आ)।


हे गणपति महाराज, हम सब पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखिएगा 🙏🏻

4 comments:

  1. Well said!!
    This is very common now..even during any outing people remain busy in making reels and all that and not enjoying the moment for which they come spending time and money.
    Keep writing..

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    1. Thank you for reading this article till the end and sharing your views on this platform.

      Let's stop this so-called “modernity” and again begin following the rituals and traditions of our own culture. We have to come out from this “reel” world and come back to the “real” world.

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  2. Very very true..This is fact of life.. Everybody is so much addicted to social media and people only make videos and post it...Devotion is not at all visible... people should be aware and avoid social media.. Thanks for sharing the post.

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    1. A big thanks to you for understanding our feelings and giving your thoughts to this blog.

      I hope from the bottom of my heart that this happens in reality and the world exits the narrow zone of social media. The real fun of life is in exploration of the nature and surroundings, but not doomscrolling and like-share-subscribe.

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