Friday, 6 November 2020

Kids story : Bruno

Bruno




एक छोटा सा कुत्ते का बच्चा, बहुत अधिक ठंड से ठिठुर रहा था।

ना जाने कैसे वो अपनी माँ से बिछुड़ गया था।

शायद वो कुछ आलसी सा था, तभी तो जब माँ को कोई भगाता, उसके सारे बच्चे उसके साथ हो लेते, पर यह छुटकू, कुछ देर से ही हरकत में आता था।

उसका ही नतीजा हुआ कि आज वो अकेला रह गया।

पर अब बहुत अधिक ठंड से वो परेशान हो गया, फिर भूख भी बहुत जोर से लग रही थी, आज माँ जो नहीं थी पास उसकी भूख मिटाने के लिए।

तभी उसकी कूं कूं सुनकर कुछ बच्चों की टोली वहाँ चली आई।

किसी को वो बड़ा प्यारा लग रहा था, तो कुछ को शरारत सूझ रही थी।

किसी ने उसकी पूंछ खींची, किसी ने धक्का दिया तो कुछ बच्चे घर से खाने को बिस्कुट और चाॅकलेट भी ले आए।

भूख तो मिट गयी, पर ठंडा अभी भी लग रहा था।

तो वो बच्चे उसको उठाकर गार्ड अंकल के ब्लोअर के पास छोड़ गए।

गार्ड अंकल, पहले नाराज़ हुए फिर बच्चों की मासुमियत और छोटे से कुत्ते के बच्चे पर उन्हें दया आ गई।

अगले दिन बच्चे उसके लिए, फटा सा blanket और चादर ले आए साथ ही उसके खाने के लिए दूध और बिस्कुट।

आज उन लोगों ने बड़े प्यार से उसका नाम Bruno रख दिया था।

Bruno की एक माँ चली गई थी पर अब उसका ध्यान रखने को बहुत सारे लोग थे।

छोटे छोटे बच्चों के कारण उसे नाम और घर दोनों मिल गया था।

Bruno बड़ा हो गया था, साथ ही वो appartment उसका घर बन गया था। 

अब वो उस appartment की रखवाली करने लगा था, वो बहुत वफादार और तेज़ हो गया था।

आसपास के इलाकों में चोरियां हो रही थीं, पर Bruno के रहते चोर इस appartment में आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।

गार्ड अंकल, आज भी Bruno को अपने पास रखते थे, और बड़े शान से कहते, बच्चों ने मेरी help के लिए Bruno को रखा है।

Bruno भी खुश होकर पूंछ हिलाता और खूब जोर से भौंकता।

जिससे सारे डर जाते और गार्ड अंकल खूब जोर से हंसते।

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