Wednesday, 24 March 2021

Poem : जान है तो...

आज आप सब के साथ मुझे मनावर जिला धार मप्र के श्री राम शर्मा परिंदा जी के द्वारा भेजी गई कविता को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। 

कोरोना जैसी महामारी के विकट संकट को इन्होंने, अपनी कविता के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने कविता के माध्यम से सभी को यह भी अवगत कराने का प्रयास किया है कि, अभी संकट टला नहीं है। सावधानी बरतें।

आईए उनकी कविता का आनन्द लें व कोरोना की महामारी से मुक्ति प्राप्त करें।

हे ईश्वर आप शीघ्र हमें कोरोना से मुक्त करें 🙏🏻😊


जान है तो......





जान  है  तो  जहान   है

नहीं तो फिर श्मशान है


ठोकर खाकर ना सुधरे

यह   कैसा  इन्सान  है


मास्क  लगा  बाहर जा

शासन करे आव्हान है


बिना काम बाहर न जा

सबसे बड़ा योगदान है


तू सुरक्षित सब सुरक्षित 

सुरक्षित तेरी दुकान है


घर में ही कर ले प्रार्थना

कण-कण में भगवान है


खतरा अभी टला नहीं है

'परिंदा' यह फरमान है ।।


Disclaimer:

इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय इस blog (Shades of Life) के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों। कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और यह blog उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं रखता है।


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