Friday 30 October 2020

Recipe: Rice Rabdi Kheer

 शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻

आज का यह निर्मल पावन दिवस, जिसमें चावल की खीर अर्पित कर के हम चन्द्र देव जी के दर्शन करते हैं, और जीवन में शीतलता और पवित्रता को समाहित कर लेते हैं।

ऐसे शुभ अवसर के पर आज आप के लिए rice rabdi kheer लेकर आएं हैं।

आप कहेंगे, चावल की खीर में ऐसा क्या special है?

तो special क्या है? यह आपको तब पता चलेगा, जब आप हमारी यह recipe, try करेंगे और सब आप की तारीफों के पुल बांध देंगे।

आप जब खुद भी खाएंगे, तो हर spoon खीर खाने के बाद, स्वयं आप के मुंह से निकलेगा, क्या बात है, आज तो मजा आ गया।

तब सोच क्या रहे हैं, इस बार हमारी recipe से चावल रबड़ी खीर बनाएं और सब पर अपनी धाक जमाएं

Rice Rabdi Kheer 




Ingredients:

Govind bhog rice - 2×handful of rice (मुट्ठी)

Full cream milk -2 litres

Sugar - 1½ cup or as per taste

Dry fruits -  for garnishing

Green Cardamom powder- ½tsp.


Method:

  1. Rice को अच्छे से धो लीजिए।
  2. Heavy bottom wok(कढ़ाही) में दूध गर्म होने रख दीजिए।
  3. जब दूध में एक उबाल आ जाए तो उसमें, चावल और चीनी डालकर अच्छे से mix कर के slow flame पर रख दीजिए।
  4. बीच बीच में चलाते रहें, जिससे खीर तली में लग कर जले नहीं।
  5. ½ hours बाद, इसमें काजू, बादाम, पिस्ता और किशमिश डाल दीजिए।
  6. खीर गाढ़ी होने तक बीच बीच में चलाते रहिए।
  7. खीर की रंगत, सफेद से हल्की पीली होने तक slow flame पर पकाएं।
  8. खीर रबड़ी जैसी गाढ़ी हो जाए, तो इसमें ईलायची पाउडर डालकर अच्छे से mix कर दीजिए।
  9. अब इसे flame से उतार कर ठंडी होने रख दीजिए।
  10. Serve करते समय इसे finely chopped dry fruits से garnish कर दीजिए।

Note:

  • गोविन्द भोग चावल छोटे होते हैं, इसलिए यह खीर के लिए ideal होते हैं।
  • पर अगर आप के पास, यह चावल ना हो तो आप, बासमती टुकड़ा ले सकते हैं।
  • वो भी ना हो तो, सूखे व साफ़ साबूत बासमती चावल को 1 minute के लिए mixer jar में चला लें। जिससे वो छोटे छोटे हो जाएं।
  • खीर चलाते समय ध्यान रखिएगा कि हर बार नीचे तली तक चलाएं, ऊपर ऊपर से चलाने पर तली में जल जाएगी।
  • आप nonstick saucepan भी use कर सकते हैं, उसमें खीर के जलने का डर कम रहता है। पर कड़ाही में जल्दी बनती है।
  • आप dry fruits चाहें तो avoid कर सकते हैं। चाहे तो खाली खीर बनते समय डालें या केवल garnishing के time. जैसा भी आप को पसंद है, वो अपने taste के according कर सकते हैं।
  • यह खीर इतनी tasty बनती है, कि dry fruits होने या नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
  • इस खीर का key ingredient, दूध और चावल का ratio और लगने वाला time है, तो उसे change मत करिएगा।
  • खीर को बनने में लगभग 1से 1½  घंटे लगते हैं। तो आप खीर बनाते समय अपने और काम भी कर सकते हैं। पर खीर को बीच बीच में चलाते रहिएगा।
  •  ध्यान रखिएगा, खीर जल्दी ना उतार दीजिएगा, आप ने सुना ही होगा, "सब्र का फल मीठा होता" है। तो आज एक और बात जान लीजिए कि " सब्र का फल tasty भी होता है।
  • खीर का धीमी आंच पर बनाना, इसके स्वाद को बेहतरीन बना देता है। जल्दी उतार देने से वो दूध भात लगती है, ना कि खीर।
  • खीर आपको, ठंडी और गर्म जैसी पसंद हो serve कर सकते हैं। दोनों ही तरह से बहुत tasty लगती है।
  • खीर में, ईलायची पाउडर की जगह, rose water or kewra water भी use कर सकते हैं।
  • आप ने जितनी गाढ़ी खीर बनाई होगी, ठंडी होकर वो और गाढ़ी हो जाएगी, तो ध्यान रखिएगा कि खीर में sufficient amount में दूध रहे, वो ठंडी होकर सूख ना जाए।


Thursday 29 October 2020

Tips : How to have sufficient breast milk for your kid

 How to have sufficient breast milk  for your kid




आज कल एक problem बहुत common होती जा रही है कि, babies को proper breast feeding नहीं मिल  रही है।

जिसका main reason, यह है कि, दूध sufficient नहीं बन रहा है।

जिससे माँ और बच्चा दोनों ही परेशान हो रहे हैं। यहाँ तक कि, इस problem के बारे में लोग doctors से भी consult कर रहे हैं।

इस problem, पर हम से हमारे बहुत से viewers ने suggestions मांगे हैं, कि Ma'am, इस problem को भी solve कर दीजिए। 

तो  आज इस topic पर ही tip डाल रहे हैं, यह सिर्फ मेरा opinion नहीं है, बल्कि experts and doctors भी यही advice कर रहे हैं।

मातृत्व (Mother hood) ईश्वर के द्वारा, संसार को दिया हुआ सबसे बड़ा आशीर्वाद (blessing) है।

पर आज हम लोगों के पास, इतना समय ही नहीं रहता है कि हम उन पलों को जी सकें और ईश्वर को इसके लिए धन्यवाद दे सकें।

बस यही वजह है कि breast milk की कमी होने की।

आप कहेंगे, इसका क्या मतलब? तो आज आपको यही बता रहे हैं।

Breast milk production, का सीधा, सीधा relation, इस बात पर depend करता है कि आप अपने बच्चे से कितना emotionally and mentally जुड़े हुए हैं। अपने baby को कितना time दे रहे हैं।

Means in short,आपको अपने baby पर कितना लाड़-प्यार आता है।

आप कहेंगे कि कैसी बात कर रही हैं, कौन अपने baby को प्यार नहीं करता है।

करते हैं, सब करते हैं, पर कुछ कमी रह जा रही है। आज वो कैसे पूरी हो, आप को बताते हैं।

1 आप अपने बच्चे को खूब देखें। उसकी सुंदर सुंदर आंखें, छोटी सी नाक, गोल-मटोल गाल, गुलाबी होंठ, कोमल कोमल हाथ और उंगलियों की छुअन और नन्हें नन्हें पैरों से उसका हल्के से मारना, उसकी अंगड़ाई, उसकी सोते-जागते मीठी मीठी मुस्कुराहट, चंचल शरारत....... और भी बहुत कुछ......

यह सब आप को अपने बच्चे से बहुत गहरे से जोड़ देगा।

याद रखिएगा, बच्चे को बहुत देखने से, उसके बारे में बहुत सोचने से आप की उससे bonding बढ़ती है, नज़र नहीं लगती है।

वैसे भी माँ से बढ़कर, बच्चे का हित, कोई और नहीं सोच सकता है, तो माँ  की कभी बच्चे को नज़र नहीं लग सकती है। माँ से बच्चे का कभी भी किसी भी तरह का कोई अहित नहीं हो सकता है।

तो कोई अगर आप से नज़र, अहित, आदि, जैसी बात करे, तो उसे नकार कर अपने बच्चे से bonding बढ़ाएं, क्योंकि वो ही आप के बच्चे और आप के लिए, सबसे ज्यादा important है।

2 आप के बच्चे की मालिश दादी, नानी करती हों, या आप ने किसी को लगाया हो, पर दिन में कम से कम एक बार आप भी मालिश जरुर करें। चाहे आप को नहीं भी आती हो, पूरे शरीर पर हाथ तो फिरा ही सकती हैं।

इसके दो फायदे हैं, एक तो माँ के हाथ का स्पर्श पाकर, बच्चा हष्ट-पुष्ट होता है। 

दूसरा मालिश करने से आप का उसके नन्हें शरीर को स्पर्श करने से मातृत्व भी बढ़ता है, तो in short माँ और बच्चे में अच्छी bonding बनती है।

3. कभी कभी बच्चे को नहला भी सकती हैं। नहाते हुए बच्चा बहुत सुन्दर लगता है, क्योंकि नहाने से freshness आती है, तो उस समय बच्चा सबसे ज्यादा खुश रहता है। अगर आप नहला नहीं पाती हैं तो उसे नहाते हुए निहार तो सकती ही हैं।

4. अपना थोड़ा समय बच्चे के साथ खेलने और मस्ती के लिए निकालें, जो आप दोनों की health improve करेगा।

5. हाँ, एक बात का ध्यान रखिएगा कि बच्चा जो भी हो, बेटा या बेटी, गोरा या सांवला-सलोना। आप के लाड़ प्यार का हक रखता है, क्योंकि वो आप का है, यह ही सबसे बड़ी सच्चाई है।

यह तो हुआ बच्चे से mantally and emotionally attached होने की बात।


अब थोड़ा Diet पर भी ध्यान दें देते हैं।

1. Protein rich foods खाएं, जैसे दालें, चना, मूंगफली, paneer, nuttri nuggets(सोया बड़ी)  etc, बहुत useful होते हैं।

2. Green vegetables, mainly हरे साग खाएं।

3. Diet में calcium rich foods भी रखें, means milk, paneer, curd, egg, etc.

4. Diet में Fibre भी जरुर से शामिल रखें, इससे digestion भी अच्छा रहता है और milk की quantity भी increase होती है।

इन सब बातों का ध्यान रखिए और मातृत्व का सुख लीजिए। क्योंकि यह जिन्दगी के सबसे हसीन पल हैं, यह फिर नहीं आएंगे।

साथ ही यह सही ढंग से नहीं व्यतीत हुए, तो इससे होने वाली परेशानियाँ सारी जिंदगी कष्ट पहुंचाएंगी। 


डिस्क्लेमर: यह tip केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Wednesday 28 October 2020

Articles. : Benefits of breast feeding

आज कल बच्चों में immunity power बहुत कम होती जा रही है। जिससे आए दिन बच्चे बीमार हो रहे हैं।

जिसका बहुत बड़ा कारण है, breast feeding की कमी का होना। 

और यह कोई मेरी opinion नहीं है, experienced लोग और doctors का भी यही मानना है।

तभी तो आज doctors भी breast feeding पर जोर दे रहे हैं, उनका कहना है, first yellow milk and 6 months की exclusive breastfeeding, babies की mental health, physical growth and immunity power के लिए बहुत जरूरी है।


Benefits of breast feeding



आइए आपको बताएं, क्यों जरूरी है, breast feeding, और क्या हैं इसके benifits.

1. Breast milk, बच्चे की needs के according customized होता है, means उसे जितना protein, iron, calcium, carbohydrates, fat, vitamins etc. चाहिए होता है, उसके according बनता है। 
जो बच्चे के mental and physical growth को develope करता है।


तो सोचिए, एक ही formula से बना, डिब्बा बंद दूध हर बच्चे को कैसे फायदा करेगा?


और गाय, बकरी, भैंस का दूध उनके बच्चे की needs के according होता है तो वो इन्सान के बच्चे को कैसे फायदा करेगा?


2. Breast feeding वाले बच्चों के gas नहीं बनती है, indigestion भी नहीं होता है। जबकि bottle feeding वालों के gas बनती है। 


क्योंकि bottle feeding में बच्चा air भी suck करता है। उनमें आए दिन, infection and indigestion की problem भी हो जाती है।


3.Bottle feeding वाले बच्चों के teeth भी ख़राब हो जाते हैं। जबकि यह problem breast feeding से नहीं होती है।


 4. Breast feeding से  बच्चा strong हो जाता है, उसमें immunity power बढ़ जाती है। जिससे वो कम बीमार पड़ते हैं।


5. बच्चे के साथ ही यह माँ के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे माँ को भी breast cancer  होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

तो breast feeding जरूर से कराएं, जिससे बच्चा और माँ दोनों healthy रहें।

बहुत सी माँ को यह problem  होती है कि sufficient Milk नहीं बन रहा है तो, क्या करें?
इस problem को लेकर बहुत से viewers की queries आ रही है।
अगर आप की भी queries है, तो इस problem को solve करने के लिए आप हमारी shortly coming tip

How to have sufficient breast milk  for your kid जरूर पढ़िएगा।


So stay tuned.....

Tuesday 27 October 2020

Articles : एक बेमेल पर सफल विवाह

आज आप सब के साथ मुझे इंदौर से श्रीमती उर्मिला मेहता जी के आलेख को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

उर्मिला जी ने अपनी लेखनी से कालीदास और विद्योत्तमा के प्रेम को बखूबी उकेरा है, साथ ही यह बताया है कि आज के परिप्रेक्ष्य में वो कितना अनुकरणीय है।

आइए इसका आनन्द लें।


एक बेमेल पर सफल विवाह 




कहा जाता है विद्योत्तमा विक्रमादित्य की रूपवती, गुणवती एवं विदुषी पुत्री थी ।

वह सभी शास्त्रों,वेदों,पुराणों आदि में निष्णात थी विवाह के संबंध  में उसकी यह शर्त थी कि  जो  विद्वान पुरुष उसे शास्त्रार्थ में हरा देगा उससे वह विवाह कर लेगी ।

अन्यथा उसे अपना अनुचर बना लेगी‌। एक के बाद एक अनेक पंडित उसे शास्त्रार्थ  में पराजित कर परिणय करने की आकांक्षा से आए, पर सभी पराजित हो गए। 

क्षुब्ध होकर प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर उन पराजित पंडितों ने विद्योत्तमा  का विवाह किसी महामूर्ख से करने का सोचा जिससे उसे अर्थात विद्योत्तमा को आजीवन पति की मूर्खता का दुख झेलना पड़े ।

उन्होंने कालिदास को शास्त्रार्थ के लिए प्रस्तुत किया । कालिदास के मौन व्रत धारण का साधन साध कर उन पंडितों ने विद्योत्तमा से  उनका शास्त्रार्थ करवाया। 

कालिदास द्वारा विद्योत्तमा की एक अंगुली का उत्तर दो अंगुलियों से तथा पांच अंगुलियों का उत्तर मुट्ठी बांधकर प्रदर्शित किया गया।

जिसे पंडितों ने इस प्रकार विश्लेषित किया कि ईश्वर एक है पर उसकी उपासना सगुण तथा निर्गुण दो प्रकार से की जाती है इसी प्रकार मुट्ठी का  यह विश्लेषण किया गया कि यद्यपि महाभूत 5 हैं परंतु उन सब से ही एक शरीर का निर्माण होता है अकेला कोई भी महाभूत अपने आप में सक्षम नहीं है।

 विद्योत्तमा  उन पंडितों की व्याख्या के जाल में फँस गई और कालिदास की विद्वता के सम्मुख नतमस्तक हो गई ।

फल स्वरूप कालिदास और विद्योत्तमा का परिणय  हो गया ।

कहते हैं कि विवाह की प्रथम रात्रि को ही जब कहीं से ऊँट के बोलने की आवाज आई तो विद्योत्तमा कालिदास से बोली, उष्ट्रः वदति  कालिदास तो जन्म से जड़मति थे। दो-तीन बार कहने पर भी उट्र उट्र कहने लगे।

विद्योत्तमा को कुछ  अंदाज पहले  भी था कि कालिदास इतने विद्वान नहीं हैं जितना उन्हें दर्शाया जा रहा है परंतु लोक लाज अथवा अपनी शर्त के कारण वे अधिक कुछ बोल नहीं सकी अब जब उनका विवाह हो गया और कालिदास उट्र उट्र  कहने लगे तो उनकी मूर्खता का ज्ञान विद्योत्तमा को  पूरी तरह से हो गया ।

उन्होंने विवाह को तो अंगीकार कर लिया पर कालिदास को पति रूप में उस समय तक स्वीकार नहीं किया जब तक कि वे  विद्वान एवं प्रकांड पंडित नहीं हो जाते, यह उसके स्वाभिमान एवं पराजित पंडितों के अहंकार को प्रत्युत्तर देने की चुनौती थी।

स्त्री पुरुष की प्रेरणा होती है, इसी रूप में उन्होंने कालिदास को ज्ञानी पंडित और अपने समकक्ष विद्वान बनाने का बीड़ा उठाया।

कालिदास भी अपनी पत्नी की विद्वत्ता के सम्मान में तथा स्वयं को पत्नी के अनुरूप निर्मित करने के कार्य में जुट गए, मां काली की अनुकंपा एवं स्वयं के स्वाध्याय से जड़मति कालिदास महाकवि कालिदास के रूप में रूपांतरित हो गए। 

निश्चित ही  विद्योत्तमा को इसका पूरा पूरा श्रेय जाता है। कहते हैं कि जब कालिदास संस्कृत के प्रकांड पंडित हो  कर घर लौटे तो द्वार पर ही विद्योत्तमा ने उनसे पूछा ,'अस्ति  कश्चित् वाग् विशेष ?' कालिदास ने विद्योत्तमा के इन तीन वाक्य खंडों से तीन काव्यों की रचना की।

अस्ति से कुमारसंभव कश्चित्  से मेघदूत तथा वाग् विशेष से रघुवंशकी रचना की । 

कुमारसंभव में कार्तिकेय, रघुवंश में रघुकुल तथा मेघदूत में यक्ष  तथा रूपवान यक्षिणी का वर्णन है ऐसा माना जाता है कि यक्षिणी के वियोग का वर्णन और कुछ नहीं वरन् विद्योत्तमा से  कालिदास के वियोग का वर्णन है। (जब कालिदास विद्वान बनने हेतु विद्योत्तमा से  अलग रहे थे)।

 विद्योत्तमा और कालिदास के विवाह को यदि आधुनिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो बहुत सी  अनुकरणीय बातें हमें ज्ञात होती हैं  जैसे कि एक बार विवाह हो जाने पर उसका जीवन भर  निर्वाह करना चाहिए। ,

दूसरा पति अथवा पत्नी में से एक  के भी  योग्य अथवा समकक्ष या अनुकूल ना होने पर दूसरे साथी को अपने तुल्य या अनुकूल बनाने का प्रयास करना चाहिए।

 तीसरा पति अथवा पत्नी को जो भी उनमें सहयोग करने योग्य हो शेष अयोग्य साथी को योग्य बनाने की प्रेरणा देकर  योग्य बनाना चाहिये। 

साथ ही  उसके सद् गुणों को उभारने में सहयोग करना  चाहिये ना कि उसकी खिल्ली उड़ाना या विवाह विच्छेद जैसा अनुचित निर्णय लेना। 

कहते हैं कि  कालिदास के देहावसान के पश्चात् कुमार संभव के सातवें अथवा आठवें  सर्ग के बाद उक्त काव्य को विद्योत्तमा ने ही पूर्णता प्रदान की ।

परंतु यह अत्यंत  दुख का विषय है कि इतनी विदुषी स्त्री होते हुए भी विद्योत्तमा का  नाम साहित्य में कहीं भी उपलब्ध नहीं है जैसे कि गार्गी, मैत्रैयी तथा अन्य विदुषी स्त्रियों का महत्व पूर्ण स्थान नहीं है।

यह पुरुष प्रधान सामाजिक संरचना का का ही प्रतिफल हो सकता है।

कहा यह भी जाता है कि कालिदास रचित ग्रंथ वास्तव में विद्योत्तमा द्वारा ही लिखे गए हैं, ताकि विद्योत्तमा अपने पति की सम्मानजनक स्थिति को स्थापित कर सके साथ ही अपने आत्म सम्मान के साथ भी न्याय कर सके ।जो भी हो इस विषय में अनुसंधान की महती आवश्यकता है।

Disclaimer:
इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय इस blog (Shades of Life) के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों। कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और यह blog उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं रखता है।


Sunday 25 October 2020

Poem : शुभ विजय पर्व

 🕉️💐दशहरे के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ💐 🕉️

शुभ विजय पर्व 


रावण के जिस पुतले को, 

त्रेता से आज तक जलाते हैं।

चलिए आज हम आपको,

रावण की विशेषता बताते हैं।।


था राजा सफल, उसकी प्रजा,

सुख से जीवन बिताती थी।

तभी तो रावण की लंका,

सोने की कहलाती थी।।


भक्त प्रबल था महादेव का,

उन्हें चढाए, शीष पर शीष।

प्रसन्न हो महादेव ने,

दिया उसे दशानन का आशीष ।।


वो विद्वान था अपार,  

शिव तांडव स्तोत्र,

अरुण संहिता, रावण संहिता, आदि,

थे उसकी रचनाओं के भंडार।।


मायावी शक्ति का था भान,

त्रिकाल दर्शीता का भी ज्ञान।

प्रभू श्रीराम द्वारा होगा अंत,

पहले से ही गया था जान।।


आयुर्वेद, तंत्र आदि का भी,

रावण था, परम ज्ञाता।

बहुत से घातक रोगों को,

नष्ट करना, उसको था आता।।


रावण के आंगन में भी,

रहकर माता सीता का।

सतीत्व ना हुआ था भंग,

रहीं, 435 दिन रावण के संग।।

 

अपहरण किया था उसने,

माता सीता थी, निर्बल।

फिर भी एक क्षण भी उसने,

दिखाया ना अपना पौरूष बल।।


युद्ध आरंभ होने से पहले,

प्रभू श्रीराम ने हवन कराया।

कोई बाह्मण नहीं मिला, उनको,

तो रावण ही पूजन कराने आया।।


पूजन विधि कराकर उसने,

दिया था, विजेता का आशीष।

वो ऐसा महान बाह्मण था, 

ब्राह्मणवाद को रखा शीर्ष।।


मानवता भी उसके ह्रदय में,

कूट कूट कर समाई थी।

दे अनुमति, सुषेण वैद्य को,

लक्ष्मण की जान बचाई थी।।


ऐसे महान ज्ञानी ध्यानी से,

आखिर फिर क्या हुई धृष्टता।

क्यों त्रेता से आज तक?

उसका है पुतला जलता।।


रावण के होने पर भी महान

डूबा ले गया उसको अभिमान।

पर स्त्री संग किया था छल,

विनाश का यही कारण प्रबल।।


अभिमान का त्याग कर,

हर स्त्री को दो सम्मान।

तभी रावण के वध का,

पा सकते हो तुम मान।।


लोभ, मोह, द्वेष, राग को,

जब अपने भीतर से हटाओगे।

सही अर्थों में उसी दिन, तुम,

शुभ विजय पर्व मनाओगे।।


🕉️💐आप सभी को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ, स्वयं पर नियंत्रण रखें और सब ओर सुख व सम्पन्नता बरसाएं💐🕉️

Saturday 24 October 2020

Bhajan (Devotional Song) : मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने

 🕉️ आप सभी को नवरात्रि के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ  🕉️

🙏🏻 माँ की कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे 🙏🏻


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने-2


मैया जी तेरा मंदिर लाख का रे

मैया जी तेरा मंदिर, हो ओ ओ ओ.......

मैया जी तेरा मंदिर लाख का रे

मैया जी तेरी आरती है हज़ारी-2


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने-2


मैया जी तेरी भक्ति लाख की रे

मैया जी तेरी भक्ति हो ओ ओ ओ.....

मैया जी तेरी भक्ति लाख की रे

मैया जी तेरे भक्त हैं हज़ारी -2


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने-2


मैया जी तेरी शक्ति लाख की रे

मैया जी तेरी शक्ति हो ओ ओ ओ.....

मैया जी तेरी शक्ति लाख की रे

मैया जी तेरा शेरा है हज़ारी-2


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने-2


मैया जी तेरा मुखड़ा लाख का रे

मैया जी तेरा मुखड़ा हो ओ ओ ओ.......

मैया जी तेरा मुखड़ा लाख का रे

मैया जी तेरे गहने हैं हज़ारी -2


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने-2


मैया जी तेरा होना लाख का रे

मैया जी तेरा होना हो ओ ओ ओ.....

मैया जी तेरा होना लाख का रे

मैया जी मेरी तृष्णा हैं हज़ारी -2


मैया जी तेरे दर्शन के दीवाने-2


💐🕉️सांचे दरबार की जय🕉️💐

🕉️💐माता रानी तेरी सदा ही जय 💐🕉️



आप भजन, इस धुन में या अपने द्वारा बनाई गई धुन में भी गा सकते हैं।

माता रानी के और भी नए भजन आप को यहां click 👇🏻 करने पर मिल जाएंगे, आप उनका भी आनन्द लें सकते हैं...

माता रानी के भजन

Friday 23 October 2020

Bhajan (Devotional Song): करती कमाल मैया

आज आप सब के साथ मुझे कटनी की श्रीमती किरण मोर जी के द्वारा भेजा गया माता रानी का भजन, साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है

इस भजन के माध्यम से उन्होंने, मातारानी जी के आगमन से विसर्जन तक के नौं दिनों का वर्णन किया है। 

आइए हम सब आनन्द लें।

करती कमाल मैया

 



अरे करती कमाल,मैया करती कमाल
रहतीं हैं नौ दिन शान से----२

रोज सुबह सुबह भक्त जल हैं चढ़ाते
शाम हुई फूल दीप नारियल हैं लाते,
लाते पूजा के थाल, लाते पूजा के थाल
रहतीं हैं नौ दिन शान से----
करतीं कमाल------

भक्त नौ दिन मैया को चुनरी चढ़ाते
पोशाक चूड़ियां लाल और श्रृंगार लाते
मैया करतीं श्रृंगार, मैया करती श्रृंगार
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करती कमाल------

मैया के द्वार पे है रोज भोग लगता
खीर और पूड़ी साथ हलवा भी बंटता
पा लो प्रसाद, मां का पा लो प्रसाद
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करतीं कमाल------

मैया के द्वार नौ दिन मेला है लगता
 रोज सुबह शाम भक्ति का रस है बटता
रहता धमाल,नौ दिन रहता धमाल
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करतीं कमाल------

मैया के द्वार पर कन्यायें हैं जींवतीं
नौ दिन कन्यायें मैया सा रूप दीखतीं
कर लो दर्शन, मां के करलो दर्शन
रहतीं हैं नौ दिन शान से
करतीं कमाल----

मैया के द्वार भक्तें रोज भक्त गाते
ढोलक मंजीरा और झांझर बजाते
दे देकर के ताल,दे देकर के ताल
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करतीं कमाल------

सप्तमी, अष्टमी सब मैया जी को पूजतीं
मैया जी भक्ति में नाच-नाच हैं झूमतीं
झांकी बेमिसाल, झांकी बेमिसाल
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करतीं कमाल------

नवें दिन माता का भंडारा होता
श्रद्धा और भक्ति का रस मिला होता
करके नमन खाते, करते नमन
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करतीं कमाल------

दसवीं के दिन मां विसर्जित हैं होतीं
भक्तों की आंखें फिर कैसे हैं रोतीं
दिल का देखो हाल, देखो दिल का हाल
रहतीं हैं नौ दिन शान से
मैया करतीं कमाल------

जय माता दी
नवरात्रि पर्व की शुभकामनाओं के साथ

🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼


यह भजन किरण जी ने इस धुन में गाया है, आप चाहें तो इसे किसी और धुन में भी गा सकते हैं।


Disclaimer:
इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय इस blog (Shades of Life) के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों। कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और यह blog उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं रखता है।

माता रानी के और भी नए भजन आप को यहां click 👇🏻 करने पर मिल जाएंगे, आप उनका भी आनन्द लें सकते हैं...

माता रानी के भजन



Thursday 22 October 2020

Recipes: Delhi's famous spicy potato chaat

अब जब हम दिल्ली में रहते हैं तो, यहाँ की speciality ना share करें तो यह तो ग़लत बात होगी।

तो आज नवरात्र के पावन अवसर पर आप के लिए दिल्ली की मशहूर चाट की recipe बता रहे हैं। 

Mostly fasting में मीठी dishes ही होती हैं, पर मीठा और फीका खाते खाते मन ऊब  जाता है।

तो चलिए try करते हैं, दिल्ली की मशहूर, चटपटी आलू चाट।

इस में कोई भी मसाला नहीं डाला जाता है, इसके बावजूद यह बहुत tasty and yummy होती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सब में इसकी बहुत demand है।

और जो बच्चे fast रखते हैं, उनके लिए यह treat जैसी होती है।

Delhi's famous spicy potato chaat 



Ingredients:

Potato  - ½kg

Coriander leaves -100 gm

Lemon  -1

Green chillies -2 or as per taste

Rock salt (सेंधा नमक)- 1 tsp or as per taste

Cumin seeds - ¼tsp.

Clarified butter (Ghee)- for frying

Roasted cumin powder-½ tsp

Ginger Julienne - optional

Pomegranate - optional


Method

  1. आलू के peel कर के अच्छे से wash कर लीजिए।
  2. ठंडे पानी में सेंधा नमक मिला दीजिए।
  3. इस पानी में आलू को medium-sized dice कर 15 min के लिए छोड़ दीजिए।
  4. Jar में, साफ़ धनिया पत्ती, सेंधा नमक, जीरा, नींबू का रस, हरी मिर्च व ¼ cup पानी डालकर महीन पीस लीजिए।
  5. Wok(कड़ाही) लीजिए, उसमें घी डालकर गरम होने रख दीजिए।
  6. जब घी तेज़ गर्म हो जाए तो उसमें आलू व ½tsp सेंधा नमक डाल दीजिए।
  7. अब flame slow कर दीजिए, और 2 minute के लिए ढककर रख दीजिए।
  8. अब medium flame पर golden brown होने तक fry कर लीजिए।
  9. जब आप और आलू fry करने के लिए घी में डालें तो नमक मत डालिएगा, क्योंकि घी में already नमक होगा।
  10. Fried आलू में धनिया की चटनी & भुना जीरा डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  11. इस समय नमक add मत करिएगा, क्योंकि आलू और चटनी दोनों में नमक डाला हुआ है।
  12. Ginger Julienne and pomegranate seeds से garnish कर के गरमागरम serve कीजिए।
  13. आप without garnishing के भी serve कर सकते हैं, garnishing के बिना भी यह बहुत tasty लगती है।


Note

  • आलू ठंडे पानी में डालने से ज्यादा crispy बनते हैं।
  • पानी में नमक डालने से आलू काले नहीं होते हैं, जिससे वो देखने में बहुत अच्छे लगते हैं।
  • घी में नमक डालने से आलू जल्दी fry होते हैं, फीके भी नहीं रहते और देर तक crispy भी रहते हैं।
  • घी में आलू डालते समय विशेष सावधानी रखिएगा, अन्यथा, उस समय घी के छींटों से हाथ जल सकता है।
  • धनिया की चटनी बनाते समय, धनिया पत्ती व मिर्च काट कर डालने से चटनी जल्दी व smooth पिसती है।
  • अगर आप को black pepper का taste बहुत पसंद हो, तो आप उसमें black pepper powder भी डाल सकते हैं।
  • अगर आप Diet conscious हैं तो, आप आलू parboil (थोड़ा सा ) कर लीजिए।
  • फिर उसे shallow fry कर लीजिए।
  • आप को अगर sweet potato (शकरकंदी) पसंद है तो आप आलू की जगह उसे भी use कर सकते हैं। 
  • शकरकंदी की चाट भी बहुत tasty होती है। इसमें मीठा- चटपटा का combine taste आता है।
  • आप इसे जब fast नहीं हो, तब भी बना सकते हैं, तब आप सेंधा नमक की जगह normal Salt and black salt, use कर सकते हैं। इस चाट में बेसन की भुजिया भी डालकर serve कर सकते हैं।
  • इसे आप as a chaat/snacks/vegetables की तरह serve कर सकते हैं।
  • यह अपने आप में भी complete है, साथ ही इसका पूड़ी, परांठे, रोटी, दाल-चावल सबके साथ भी बहुत अच्छा combination बनता है।

तो आज ही try कीजिए चाहे आप का fast हो या ना हो।

Wednesday 21 October 2020

Stories - Devotional : क्या करूँ अर्पण

 आज नवरात्र के अवसर पर एक short Story and poem के माध्यम से एक devotional story आप सब के समक्ष रखने की कोशिश कर रहे हैं।

आप से अनुरोध है, इसे दिल से पढ़िएगा, और उसे करने का प्रयास कीजिएगा, तो आप का जीवन सुखमय हो जाएगा। 

पढ़कर, यह भी बताएं कि आप को यह कहानी कैसी लगी?

क्या करूँ अर्पण



अजय बहुत दिनों बाद अपने दोस्त रचित के घर गया था। उसकी बेटी ने दरवाजा खोला। अजय ने कहा, पापा को बोलो, उनके बचपन का दोस्त आया है। अजय को बैठा कर वो अंदर चली गयी। वो अपने पापा को जो भी बोल रही थी। वो सब बाहर भी सुनाई दे रहा था। पापा आपके बचपन के दोस्त आए हैं। पर वो तो खाली हाथ आए हैं। कुछ भी ले कर नहीं आए हैं।

ये सुन कर अजय को एहसास हुआ, वो तो दोस्त से मिलने की खुशी में खाली हाथ ही आ गया था। उसने कमरे में इधर-उधर देखना शुरू कर दिया। तभी उसे एक पेंटिंग बड़ी पसंद आई। उसने वही उतार ली। और जब रचित आया, तो उसे वही दे दी। अपना ही समान पाकर रचित अकबका गया।

क्या रचित को खुश होना चाहिए था? 

नहीं ना ?

जी हाँ अपना समान ही दूसरे द्वारा पा कर कोई खुश नहीं होता है।

तो हम भगवान को रुपये-पैसा, हीरे-जवाहरात, फल फूल चढ़ा कर ये क्यों मान लेते हैं, कि भगवान हम से खुश हो जाएंगे। जबकि ये सब तो उनका ही दिया हुआ है।

अगर प्रभु को खुश करना ही है तो, हम कुछ ऐसा अर्पण करें जिसे हमने बनाया है।


मैं बैठा सोच रहा,

प्रभु को क्या चढ़ाऊँ

क्या मैं उन्हें अर्पण करूँ 

किस तरह उन्हें रिझाऊँ

स्वयं प्रभु प्रकट हो, बोले  

अहंकार को छोड़ के

दुनिया में सब है मेरा

उसको जो तू अर्पण करे

कल्याण हो जाए तेरा


हम अपना अहंकार, घमंड जिस पल भी छोड़ देंगे। उसी क्षण हम ईश्वर के इतने करीब हो जाएंगे कि ईश्वर में ही समाहित हो जाएंगे। तब हमारा सिर्फ और सिर्फ कल्याण ही होगा।     

Tuesday 20 October 2020

Bhajan (Devotional Song): शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया

आज माता रानी के दरबार में एक ऐसा भजन प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे हमने नहीं लिखा है।और किस ने लिखा है, वो भी नहीं पता है, पर यह भजन बहुत पसंद आया।  

इसे सौम्या खरे की आवाज में सुना था। तो उसकी आवाज़ में ही एक stanza है।

आप भी आनन्द लीजिए। 

शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया





शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया

मैंने थोड़ा सा मांगा, बहुत दे दिया-2


मैंने मांगी थी माथे की बिंदिया ओ माँ -2

तूने सिंदुरा लगा कर सुहागन किया


शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया

मैंने थोड़ा सा मांगा, बहुत दे दिया


मैंने मांगी थी हाथों की चूड़ी ओ माँ -2

तूने मेंहदी लगा कर सुहागन किया


शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया

मैंने थोड़ा सा मांगा, बहुत दे दिया


मैंने मांगा था अंगों का लंहगा ओ माँ -2

तूने चुनरी उड़ा कर सुहागन किया


शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया

मैंने थोड़ा सा मांगा, बहुत दे दिया


मैंने मांगी थी पैरों की पायल ओ माँ -2

तूने बिछुआ पहना कर सुहागन किया


शुक्रिया शुक्रिया, माँ तेरा शुक्रिया

मैंने थोड़ा सा मांगा, बहुत दे दिया



इस धुन में यह भजन गाया जाएगा, आप चाहें तो इसे किसी और धुन में भी गा सकते हैं।

माता रानी के अन्य नये-नये भजनों के लिए, click करें....


Monday 19 October 2020

Recipe : Yellow pumpkin halwa

 जब भी कद्दू का नाम आता है, तो हम यह सोचते हैं कि इससे सब्जी और रायता ही बना सकते हैं। पर नवरात्रि के शुभ अवसर पर आज आप को कद्दू की सबसे yummy dish बनाना बता रहे हैं, जिसे खाकर सब आप की तारीफ करेंगे।

Yellow pumpkin halwa




Ingredients

Yellow pumpkin - ½kg.

Sugar -  100 gm. 

Dry fruits - finely chopped cashew and pistachio 

Clarified butter (Ghee) -150 gm.

Cardamom powder - ½ tsp

Soft Mawa (खोआ) - 50 gm

Method -  

  1. कद्दू को छिलका, बीज हटाकर साफ कर लीजिए।
  2. अब इसे grate कर लीजिए।
  3. Wok(कड़ाही) में 2tsp डालकर गर्म कीजिए।
  4. अब इसमें कद्दू डालकर अच्छे से चला लीजिए।
  5. ढक्कन ढक दीजिए और इसे slow flame पर 5 minutes तक पका लीजिए।
  6. फिर एक बार चलाएं और चीनी डालकर, कद्दू के गलने तक पका लीजिए।
  7. अब इसमें, खोआ, कटे हुए काजू और पिस्ता डाल दीजिए और थोड़ा थोड़ा घी डालकर भूनते जाएं। 
  8. हलवा, हल्का सुनहरा हो जाए और घी छोड़ने लगे, तब वो ready है।
  9. अब इसमें Cardamom powder डालकर अच्छे से mix कर दीजिए।
  10. Finely chopped dry fruits से garnish करके गर्मा गर्म serve कीजिए और इसका आनन्द लें।

Note

  • कद्दू का हलवा बिना खोआ मिलाए भी बहुत tasty बनता है, तो आप ऐसे भी बना सकते हैं।
  • खोआ अच्छे से मसल कर मिलाएं जिससे वो uniformly मिल सके।
  • खोआ, जब घी और मेवा डालते हैं, उसी समय डाल दिया जाता है, जिससे खोआ अच्छे से mix हो जाए और हलवे का texture and flavour दोनों बहुत अच्छा आए।
  • हलवा बनाने के लिए पीला कद्दू ज्यादा अच्छा रहता है, क्योंकि यह थोड़ा मीठा रहता है। पर अगर पीला available ना हो तो आप, हरे कद्दू से भी बना सकते हैं।

तो आज माँ के भोग के लिए इसे ही बनाएं।

🕉️ 💐 जय माता दी 💐🕉️

Saturday 17 October 2020

Bhajan (Devotional Song) : मैया आयीं हैं द्वारे

🕉️ आप सभी को नवरात्रि के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ  🕉️

🙏🏻 माता रानी का आगमन, सबके लिए शुभ हो व माँ की कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे 🙏🏻

मैया आयीं है द्वारे



स्वागत की कर लो तैयारी

मैया आयीं है द्वारे


आयीं है द्वारे

मैया आयीं है द्वारे

स्वागत की कर लो तैयारी

मैया आयीं है द्वारे


मैया के संग 

शारदा मैया भी आयीं

मैया के संग 

शारदा मैया भी आयीं

संग अपने बुद्धि ज्ञान 

वो लायीं-2

भक्तों के......

भक्तों के काज संवारे

हाँ, संवारे, मैया आयीं हैं द्वारे


स्वागत की कर लो तैयारी

मैया आयीं है द्वारे


मैया के संग 

लक्ष्मी मैया भी आयीं

मैया के संग 

लक्ष्मी मैया भी आयीं

संग अपने वो अन्न धन 

को लायीं-2

भक्तों के....

भक्तों के भरने भंडारे

हाँ, भंडारे, मैया आयीं है द्वारे


स्वागत की कर लो तैयारी

मैया आयीं है द्वारे


मैया के संग 

काली मैया भी आयीं

मैया के संग 

काली मैया भी आयीं

संग अपने खड्ग खप्पर 

वो लायीं-2

भक्तों के.....

भक्तों के दुश्मन संहारे 

हाँ संहारे , मैया आयीं हैं द्वारे


स्वागत की कर लो तैयारी

मैया आयीं है द्वारे


आयीं है द्वारे मैया

आयीं है द्वारे


स्वागत की कर लो तैयारी

मैया आयीं है द्वारे


💐 जयकारा शेरावाली दा 💐

🙏🏻 माता रानी तेरी सदा ही जय 🙏🏻



आप भजन, इस धुन में या अपने द्वारा बनाई गई धुन में भी गा सकते हैं।


माता रानी के और भी नए भजन आप को यहां click 👇🏻 करने पर मिल जाएंगे, आप उनका भी आनन्द लें सकते हैं...

माता रानी के भजन


Friday 16 October 2020

Stories of Life : जिन्दगी और मो‌क्ष (भाग -2)

जिन्दगी और मो‌क्ष (भाग -1) के आगे........

जिन्दगी और मो‌क्ष (भाग -2) 


 मुझे मेरी जिन्दगी वापस दे दीजिए।

यह तुम क्या कह रहे हो? सभी मोक्ष की कामना करते हैं।

जीवन पर्यन्त साधना करते हैं, तब भी बहुत बार कुछ त्रुटि रह जाने के उन्हें मोक्ष‌ नहीं मिलता है।

कितने तो जानते ही नहीं हैं कि मोक्ष प्राप्ति का सही मार्ग क्या है।

बहुत से लोग, सभी कर्तव्यों से विमुख होकर, केवल ईश्वर भक्ति में लीन रहते हैं।

जबकि मोक्ष उन्हें मिलता है, जिसने अपने कर्तव्यों का निर्वाह पूर्ण रूप से किया हो। जिसने जीवन भर सत्य प्रेम और सदाचार का पालन किया हो। सदैव दूसरों को सुख प्रदान करने का प्रयास किया हो।

तुम सौभाग्य शाली हो कि तुम्हें मोक्ष मिल रहा है।

हे ईश्वर, आप जिन्हें ऐसे मोक्ष की कामना है, उसे मोक्ष दे दीजिए।

मुझे तो आप जीवन ही प्रदान कर दीजिए।

क्यों, आखिर क्यों है, तुम्हें उस जीवन की कामना?

जिसमें दुःख-दर्द, हार, अंधकार  भरा हुआ है।

हे ईश्वर आप जिसे परमानंद कह रहे हैं, वो मेरे लिए त्रासदी है। जहाँ मेरे अपने ना हों, देखने के लिए सपने ना हो, कुछ खोने पाने की पीड़ा  और उत्साह ना हो, जहाँ ना भूत हो ना भविष्य। ऐसी स्थिति में रहकर क्या करुंगा?

आप मुझे जीवन ही प्रदान कर दीजिए, जीवन्त रहना ही मेरा मोक्ष है।

मुझे नहीं है, कामना कि ज़िन्दगी सिर्फ सुख से भरी रहे, कुछ दुःख ही सुख का अहसास कराते हैं। क्योंकि जब तक थकान नहीं होगी तब तक तो नींद भी नहीं आएगी।

आप अगर मुझ से प्रसन्न हैं तो इतना कीजिएगा कि मैं कभी जिन्दगी से हार ना मानूं, सदैव साकारात्मक रहूँ।

अपने सारे कर्तव्यों का पालन दृढ़ता से कर सकूं।

अपने माता-पिता की सेवा कर सकूं।

अपने जीवन साथी को संतुष्ट रख सकूं

अपने बच्चों की सारी जिम्मेदारी पूरी कर सकूं, उनके सारे सपने पूरे कर सकूं।

अपने सभी रिश्तेदारों और मित्रों को प्रसन्न रख सकूं।

जो किसी भी तरह से असहाय हैं, उनकी मदद कर सकूं।

कुछ भी ऐसा ना करूं कि किसी को मेरे होने से दुख हो।

ईश्वर हंसने लगे, बोले यही तो मोक्ष का द्वार है।

जिसने जिन्दगी को ही मोक्ष की स्थिति बना रखी हो, वो तो जहाँ हैं, वहीं वो परमानन्द की स्थिति में है।

जाओ मैं तुम्हें जीवन प्रदान करता हूँ, एक ऐसा जीवन जिसमें जिन्दगी भी है और मोक्ष भी।

Thursday 15 October 2020

Stories of Life : जिन्दगी और मो‌क्ष

 जिन्दगी और मो‌क्ष 


राजीव 40 साल का हो चुका था। वो राजकीय कम्पनी पर उच्च पद पर आसीन था।

उसका भरा-पूरा परिवार था। माँ- पापा, भाई-बहन, पत्नी, दो  बच्चे और खूब सारे रिश्तेदार और दोस्त।

एक दिन रात में सीने में तेज़ पीड़ा हुई। जब तक वो कुछ समझ पाता, उससे पहले ही उसे आवाज़ आई।

आ गये तुम?

हाँ आ तो गया, पर कहाँ? और आप कौन हैं?

मैं ईश्वर हूँ और तुम स्वर्ग में हो।

स्वर्ग....... ईश्वर.... आप यह सब क्या व्यर्थ बात कर रहे हैं।

मैं सत्य कह रहा हूँ।

हे प्रभु, तो मैंने ऐसा क्या गुनाह कर दिया, जो आप मुझे इतनी जल्दी स्वर्ग ले आए?

गुनाह...... नहीं तुम तो बहुत अच्छे इन्सान हो। तुम तो हर किसी के विषय में कितना कुछ अच्छा सोचते हो, अच्छा करते हो।

तब क्यों प्रभू?

क्योंकि तुमने, अपने सभी कार्य सुचारू रूप से पूर्ण किए हैं, अतः तुम्हें मोक्ष प्रदान किया जा रहा है।

प्रभु, मोक्ष क्या है?

तुम पहले यह बताओ, जिंदगी क्या है?

जिन्दगी....... जिन्दगी,  सपने हैं, अपने भी हैं ज़िन्दगी

जिन्दगी दुख है, सुख भी है ज़िन्दगी

जिन्दगी हार है, जीत भी है ज़िन्दगी

जिन्दगी अंधेरा है, सवेरा भी है ज़िन्दगी

क्या कहूँ कि ज़िन्दगी..... जिन्दगी और भी बहुत कुछ है......

बिल्कुल सही कहा, तुमने।

अब सुनों कि मोक्ष‌ क्या है।

मोक्ष एक ऐसी, सुखद अवस्था है, जहाँ ना दुख है ना दर्द ,

ना अंधेरा ना सवेरा, ना भूत है ना भविष्य , ना हार ना जीत, ना सपने हैं ना अपने।

अगर एक शब्द में कहें तो मोक्ष परमानन्द है।

जिसको भी मोक्ष प्राप्त हो जाता है, वो जीवन के आवागमन से मुक्त हो जाता है।

यह सब सुनकर राजीव सोच में डूब गया।

कुछ पल बाद वो बोला, प्रभु, आप मुझ से बहुत प्रसन्न हैं ना?

हाँ, मैं बहुत प्रसन्न हूँ तुम से।

तो क्या आप मुझे वो दे सकते हैं? जिसकी मुझे कामना है।

क्या चाहते हो तुम? ..........

आगे पढ़े

जिन्दगी और मो‌क्ष (भाग-2) में........


Wednesday 14 October 2020

Tip : Baking Soda vs Baking Powder

Baking Soda vs Baking Powder 




आज हम आपके लिए एक ऐसी tip लाए हैं, जिसमें बहुत लोगों को confusion रहता है।

Baking soda (खाने वाला सोडा) और baking powder, बहुत लोग सोचते हैं कि दोनों एक ही है और दोनों का काम recipe में dish(खाने) को फुलाने का है और दोनों एक तरह से काम करते हैं।

आज आप को बताएंगे कि कैसे हैं दोनों एक से भी और अलग अलग भी।

Similarity between baking soda and baking powder :

यह बात बिल्कुल सही है कि दोनों  का काम  same है, और दोनों ही leavening agents हैं। दोनों ही liquid के contact में आते ही react करते हैं और carbon dioxide release करते हैं। 

इससे dish में air bubbles form होते है, जिससे वो soft and spongy बनती है।

पर दोनों के uses different है। आइए जानते हैं कैसे हैं, दोनों एक-दूसरे से different.

Difference between baking soda and baking powder :

Texture -

Baking soda हल्का rough(खुरदरा) होता है और इसकी shelf life बहुत लम्बी होती है।

Baking powder smooth होता है। यह मैदा या cornflour जैसा दिखता है। इसकी shelf life 6 months से 1 year तक ही होती है।

Chemical composition -

Sodium bicarbonate या sodium hydrogencarbonate को commonly  baking soda कहते हैं।

Baking powder 3 ingredients, baking soda, cornstarch and cream of tartar का mixture होता है।

Activation process -

Baking soda:-

Sodium bicarbonate को leavening agent बनने के लिए acid और liquid,  दोनों की requirement होती है।

इसलिए, उसे जब भी use करते हैं तो कोई खट्टी चीज़, जैसे दही, छाछ या नींबू ज़रुर से डालते हैं। 

जैसे की भटूरे का आटा, ढोकला, आदि बनाने में use करते हैं।

साथ ही बहुत से लोग, छोला, राजमा, आदि को फुलाने में भी इसे use करते हैं। 

Means baking soda का effect raw condition में ही आ जाता है।

Baking powder:-

Baking powder complete  leavening agent होता है इसलिए यह liquid के contact में आते ही अपना काम करना शुरू कर देता है। इसे use करने के लिए किसी खट्टी चीज़ की requirement नहीं होती है। 

यह दो तरह के होते हैं, 1 action and double action. 

Double action वाला baking powder दो बार reactions show करता है। पहली तब, जब यह liquid के contact में आता है और दूसरा तब, जब यह heat होता है।

Uses of baking powder and baking soda:

अधिक समय तक bake की जाने वाली recipe में baking powder डाला जाता है। क्योंकि अधिक समय तक गर्मी में रहने के कारण baking soda (sodium bicarbonate) तो काम करना बन्द कर देता है; जबकि baking powder में मिला buffer element - cream of tartar - काम करता रहता है, इसलिये cake, muffins, cookies, etc. में हम baking powder का use करते हैं, baking soda का नहीं।

FAQs:

Can we use baking powder in place of baking soda ?

Baking soda की जगह, baking powder use करने में, आपको baking powder की quantity 4 times करनी होगी। वह इसलिए क्योंकि baking powder में cream of tartar and sodium bicarbonate 2:1 के ratio में होता है।
Cream of tartar की अधिकता के कारण आपकी recipe को वह स्वाद नहीं मिल पाता जो कि होना चाहिये। Baking powder का excess use, health and taste, दोनों के लिए ही अच्छा नहीं होता है।

Can we use baking soda in place of baking powder ?

Baking powder की जगह baking soda का use नहीं कर सकते हैं, क्योंकि baking soda बिना किसी खट्टी चीज़ के activate नहीं होगा। और चूंकि, baking powder का use mostly baking & confectionery dishes में होता हैं, जो अधिकतर मीठी होती हैं, इन dishes में कुछ भी खट्टा डालने से उनका taste खराब हो जाएगा।

My cake/muffin isn't fluffy; should I add more baking powder?

बहुत ज्यादा baking powder डालने से recipe में खारा स्वाद आ जाता है। साथ ही baking powder की excess मात्रा के कारण, mixture बहुत जल्दी फूल जाता है और बड़े-बड़े air bubbles form हो जाते हैं। आपके cake या अन्य recipe ऐसा होने से overfloat हो कर पिचक जाएगी। 

The cake/muffin rises in the beginning, but gets deflated later. Why?

इसके दो कारण हो सकते हैं:

1. आपने baking powder को batter में अच्छी तरह नहीं मिलाया है, जिससे इसमें कुछ जगह powder अधिक मात्रा में होने के कारण वहां बड़े-बड़े air bubbles form हो जाते हैं, जो baking process के दौरान बाहर निकल आते हैं: और आपका cake/muffin deflate. हो जाता है।

2. आपने आवश्यकता से अधिक मात्रा में baking powder use करा है.

How to know if baking powder and baking soda are in working conditions or not?

अगर baking powder and baking soda, working condition में नहीं होंगे, तो आप का cake नहीं फूलेगा । 

muffins, cookies, भटूरा, ढोकला कुछ भी अच्छा नहीं बनेगा।

तो आप को बताते हैं, किसकी कितनी shelf life होती है और कैसे check कर सकते हैं कि baking powder and baking soda, working condition में है।

Baking powder की shelf life सिर्फ 6month से लेकर 1year की होती है (जो उसकी expiry date या best before date में mentioned रहती है) जबकि baking soda normally कभी खराब नहीं होता है।

½tsp baking soda में 3tsp vinegar डालिये। यदि इसमें तुरन्त bubbles form होते हैं तो इसका अर्थ है baking soda ठीक काम कर रहा है।

अगर ½ cup गर्म पानी में एक 1tsp baking powder डालने से इसमें झाग बनने लगता है, तो यह सही अवस्था में काम कर रहा है।

Baking soda, को dish preparation के साथ ही और भी बहुत तरह से use कर सकते हैं।

जो हम आपको अपनी अगली tip में बताएंगे, so stay tuned.......