!! हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंँ !!
आज के इस पावन उपलक्ष्य पर मैं मनहरण घनाक्षरी छंद में लिखी अपनी दो रचनाएँ प्रस्तुत कर रही हूँ। कविता का रस आप पठन और श्रवण दोनों तरह से ले सकते हैं।
हिन्दी-दिलों की भाषा
हिन्दी है दिलों की भाषा
हिन्दी प्रेम की है आशा
हिन्दी की विशेषता को
उर में जगाइए
हिन्दी में विविध रंग
रस अलंकार छंद
इसकी विविधता के
मान को बढ़ाइए
हिन्दी वैज्ञानिक भाषा
शब्द शब्द परिभाषा
इतनी सटीकता ना
और कहीं पाइए
हिन्दी को मिले सम्मान
भारत भाषा का मान
हर कार्य में इसको
अग्रणी बनाइए
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हिन्दी का करो विकास
हिन्दी को बनाओ खास
जन जन में इसका
संदेश फैलाइए
हिन्दी है भाषा सरल
इसका ना है विकल्प
इसका प्रचार सब
करते ही जाइए
हृदय में बसा है जो
माँ भारती का सम्मान
हिन्दी को भी वही मान
मिल के दिलाइए
हिन्दी है हमारी आन
हिन्दी से हमारी शान
हिन्दी की महानता को
सबको बताइए
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