छोटी
सी बात
सुधा
अपनी ससुराल में बहुत खुश थी। वो सब का बहुत ध्यान रखती थी। ससुराल में वो सबकी
बहुत लाडली थी। और उसका देवर नितिन वो... वो तो भाभी का पूरा भक्त था। एक बार सुधा
कुछ बोल देती, तो बस नितिन उसको जब तक पूरा ना कर देता, कुछ और ना करता।
नितिन
की शादी योग्य उम्र हो गयी थी। माँ ने सुधा को बुलाया, बोली बेटा अब तू नितिन की
शादी की ज़िम्मेदारी भी ले ले। और अपनी जैसी ही कोई ला दे मेरे नितिन के लिए, तो मेरी ये ज़िम्मेदारी भी
खत्म हो जाए। वैसे तेरे आ जाने से भी मेरी ज़िम्मेदारी पूरी हो गयी है, तेरे आने के बाद से किसी
को भी मेरी याद कहाँ आती है। तुम आई तो थी बहू बन के, पर घुलमिल के कब इस घर की
बेटी बन गयी पता ही नहीं चला। और मेरे नितिन की तो तुम माँ, बहन, भाभी, सहेली सब बन गयी, उसको को तो तेरे सिवा कोई
सूझता ही नहीं है।
माँ, मैं ये ज़िम्मेदारी लेने
को तैयार हूँ, पर एक बार नितिन भैया से भी तो पूछ लेते हैं, उनकी पसंद क्या है?
ठीक
कह रही हो बेटा, पर वो भी तुम ही पूछ लेना, तुझे ही अपने दिल की बात
बताएगा। माँ सुधा से ये बात कर ही रहीं थी, कि नितिन कमरे में आ गया।
अरे
माँ जब नितिन भैया आ ही गए हैं, तो अभी ही जान लेते हैं। हाँ बेटा पूछ ले इससे। आप लोग
क्या पूछना चाह रहे हैं॰ नितिन ने पूछा? यही कि आपको कैसी लड़की पसंद है? भाभी आपको जो लड़की पसंद
हो, मैं उसी
से शादी कर लूँगा। देखा, सुधा मैंने क्या कहा था, नितिन को तुम जिसे कहोगी, ये उसी से शादी कर लेगा। सब
ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।
सुधा
ने अपनी ज़िम्मेदारी पूरा करने की तरफ सोचना शुरू कर दिया। उसने अपने पति सचिन से कहा, माँ ने मुझे नितिन की
बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी सौंप दी है। आपको क्या लगता है, सरिता कैसी रहेगी अपने
नितिन के लिए?
कौन
सरिता? तुम
उसके विषय में माँ से ही बात कर लो। वैसे भी तुम ladies इस मामले में expert होते हो। मैंने भी माँ की
पसंद से ही तुमसे शादी की थी। देखो ना माँ का निर्णय कितना सही था। जान हो तुम इस
घर की, सचिन ने
सुधा के गालों को सहलाते हुए बोला।
हाँ, हाँ, आप दोनों भाई एक से ही
हैं, सारी
जिम्मेदारी हम ladies पर छोड़ के ऐश कीजिये। मैं माँ से ही पूछ लूँगी, सुधा गुस्साते हुए बोली।
अगले
दिन वो माँ से पूछने लगी, माँ मेरे मायके में पड़ोस में निशा आंटी रहती हैं, उनकी बेटी सरिता बहुत ही
सुंदर और अच्छे संस्कारों वाली लड़की है। पर उसके पापा नहीं हैं, तो वो लोग दहेज़ नहीं दे
पाएंगे। अगर आपको ठीक लगे तो, मैं बात कर लूँ?.....
क्या सुधा, अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा पाई, जानने के लिए पढ़ते हैं छोटी सी बात (भाग -२) में
क्या सुधा, अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा पाई, जानने के लिए पढ़ते हैं छोटी सी बात (भाग -२) में