सावन के आगमन से
कर अठखेली, काले मेघा,
नभ पर यूं हैं छाए।
रिमझिम फुहारों से धरा का,
आंचल भिगाने आए।
पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा,
मानो रहे मुस्काए।
हर्षित होकर कोयलिया,
जो मधुर स्वर में गाए।
नभ से लेकर धरा तक,
रंग हरा है छाए।
मन मयूर नृत्य कर उठा,
हरियाली उसे भाए।
पंछी चहके, बादल गरजे,
दिन सुहाने आए।
सावन के आगमन से,
प्रकृति रही हर्षाए।
आप सभी को सावन के शुभ आगमन पर हार्दिक शुभकामनाएं 💐