बड़ी प्यारी लागे, बड़ी सोणी लागे
सज-धज के आई माँ,
सिंह पे सवार।
करने भक्तों पे,
किरपा अपार।
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
हां, बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
मां की लाल लाल,
चुनर सोहे।
उनकी बिंदिया,
भा गई मोहे।
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
हां, बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
माँ के हाथों की,
चूड़ी सोहे।
उनके कंगन,
भा गए मोहे।
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
हां, बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
माँ के पैरों की,
पायल सोहे।
उनके बिछुए,
भा गया मोहे।
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
हां, बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
मां हैं निराली,
उनका शेर भी निराला।
भक्तों को माँ के दर्शन,
करवाने वाला।
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
हां, बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
जो कोई उनके,
दर पे आए।
झोली ना उसकी,
खाली जाए।
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
हां, बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।
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माँ की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे 🙏🏻🙏🏻
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