वह बोली, तुम तो एकदम बेवकूफ हो। तेरे सास-ससुर है ना, कितना काम भी करते हैं। तब तुझे maid की क्या जरूरत है? वह काम भी करेंगे, कोई पैसा भी नहीं लेंगे।
और तुम उन पर एहसान भी डाल देना कि, तुम उन्हें उनके पोते से दूर हुआ नहीं देख सकती हो। देखना सर के बल आएंगे, और तेरे सारे काम भी करेंगे, ये तेरे free के maid।
रेखा को idea जंच गया, उसने रजत से बड़े दुखी होकर बोला, मां पापा अपने पोते से दूर रहकर कितने दुखी होंगे? मुझसे उनका दुख सहा नहीं जाता, उन्हें बुला लो ।
रजत को भी समझ नहीं आ रहा था, कि अचानक से रेखा को क्या हो गया?पर उसने उन्हें बुला लिया वह भी पोते के लाड में चले आए। मां को जब पता चला, रेखा ने बुलाया है तो, रेखा पर वह निहाल हो गईं।
मां-पापा दिन भर बच्चे के काम करते, उसके साथ खेलते थे। रेखा जब ऑफिस से आ जाती तो, उनसे काम तो सब करवाती, पर उन्हें बच्चे के साथ किसी ना किसी बहाने से खेलने नहीं देती थी।
कुछ दिन बाद, बच्चा स्कूल जाने लगा। रेखा ऑफिस से लौटते समय उसे अपने साथ लेकर आती थी। अब काम कम हो गया था, तो रेखा को रजत के द्वारा अपने मां पापा पर किए जा रहे खर्चे अखरने लगे
एक दिन खर्चे की बात को लेकर रेखा, चीख-पुकार कर रही थी। तो उसके मुंह से निकल गया कि ,वो तो maid चली गई थी और सस्ती मिल नहीं रही थी। बहुत छुट्टी भी लेती थी और उस पर भी दिमाग दिखाती थी, कि काम बहुत है। इसलिए ही बुला लिया थी, पर अब मुझे आप लोगों की जरूरत नहीं है।
Sunny बड़ा हो गया है, मुझे अब दिनभर की maid की आवश्यकता नहीं है। आप लोगों के रहने से कितना खर्चा होता है, उससे कम में एक time की maid मिल जाएगी।
प्रेमा का दिल टूट गया था, उनकी बहू को उन पर प्यार नहीं आया था। Maid चली गई थी और maid की आवश्यकता थी, इसलिए बुलाया था।
वह सोच रही थीं, काश बहू ने कभी तो उन्हें मां- पापा या दादी-दादा ही समझा होता। वह काम तो तब भी कर देते और साथ में बहुत सारी आशीष भी देते।
इस बार जो मां पापा गए तो, फिर बुलाने से कभी नहीं आए।