भूख
रामू
के अस्वस्थ होने से पूरे परिवार ने काफी दिनों से ठीक
से खाना नहीं खाया था, बच्चे भूख से बिलख रहे थे, वही एक मात्र कमाने वाला सदस्य है, घर में
उसकी बीवी के अलावा, 2 छोटे बेटे थे।
रामू
लाश ढोने का काम करता था, पर इधर जब से बीमारी ने पकड़ा था, चार पैसे भी घर में नहीं आ पा रहे
थे, जो कुछ बचा-खुचा था, उसकी बीमारी में स्वाहा हो गया
था।
एक
दिन उसका साथी किसना आया, बोला रामू भइया, अपने बाजुओं में ताकत भर लो, आज Riva
express का
बहुत बड़ा वाला accident हुआ है, लाशों
का ढेर लग गया है, जो आज हिम्मत कर ली भइया, तो
दवाइयों के सारे पैसे भी चुक जाएंगे, और बच्चे भरपेट
खाना भी खा पाएंगे।
किसना
की बात, वहीं पास खड़े बच्चे भी सुन रहे थे, भरपेट खाना मिलेगा, सुन कर दोनों खुशी से
नाचने लगे।
बच्चों
को खुशी से नाचता देखकर रामू की
आंखो में आँसू छलक आए। रामू के
बीमारी के कारण रोम-रोम में
दर्द था, पर बच्चों की खातिर, उसमें ना
जाने
कहाँ से ताकत आ गयी, उसने नीलू को
आवाज़ लगाई, अरी सुनती हो, जरा मेरे समान ला दो,
पर ये क्या? वहाँ तो नीलू तैयार हो कर आ
गयी।
कहाँ
चलने को तैयार हो गयी भागवान?.... तुम्हारे
साथ मैं भी चलूँगी।
और बच्चे?.....
वो
भी चलेंगे, नीलू
ने भरे गले से उत्तर
दिया।
अरे, तू पागल तो नहीं हो गयी
है कहीं? कोई तो समझाये इसे, वहाँ लाशों के ढेर में बच्चों का क्या काम?
बेकार ही डर
जाएंगे
नहीं।
तुमने सुना नहीं, किसना भइया क्या
बोल रहे थे, बड़ा वाला अक्सीडेंट हुआ है, अच्छे पैसे मिल जाएंगे, सब चलेगें, तो और ज्यादा पैसा मिलेगा। फिर ना जाने कितने
दिन बाद ऐसा बड़ा वाला होएगा...., फिर तुम्हारी तो
तबीयत भी ठीक नहीं है।
आज नीलू ने ठान लिया था, सब का पेट भी भरना है,
और पति की दवा
का भी सारा पैसा चुकाना है।
सारे
परिवार के साथ रामू वहाँ पहुंचा गया
। बहुत ही करुण दृश्य था,
सब तरफ लाशें, बहता हुआ खून व रुदन
देखकर, नीलू को
चक्कर आने लगे,
उसे देख कर रामू खीजता
हुआ बोला, मैंने तो पहले ही मना किया था, ना चल, पर
तू सुने तब ना।
नीलू
को अगले पल ही बच्चों की भूख, और पति की बीमारी याद आ गयी। वो ज़ोर से अपने बच्चों से चिल्लाई.....,बच्चों,
लग जाओ काम पे, जितना
लाश हटाओगे, उतनी ही रोटी खाने
को मिलेगी।
पर
मन ही मन सोच रही थी, किसी का दुख आज उसे अपने बच्चो की भूख
से बड़ा नहीं दिख रहा है, किसी
का दुख,
किसी के सुख का सबब बन जाता है।
आज
रामू के परिवार ने काफी पैसा बना लिया, आज परिवार ने भरपेट खाना खाया, और दवा का भी सारा
पैसा चुक गया।
छुटकू
पूछ रहा था- माँ अगला बड़ा वाला कब होगा?.......