वटसावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त
भारत वर्ष, त्यौहारों का देश है। जहाँ हर माह कोई ना कोई पर्व मनाया जाता है।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि अर्थात 10 जून 2021, गुरुवार को वट सावित्री व्रत रखा जा रहा है।
इस दौरान सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु व अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि बरगद के पेड़ में साक्षात ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास होता है, अतः इस वृक्ष की परिक्रमा करने से आप तीनों देवों को एक साथ प्रसन्न कर सकते हैं।
यह भी मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था।
इस बार यह व्रत और ख़ास होगा, क्योंकि इस दिन शनि जयंती, साल का पहला सूर्य ग्रहण और उच्च वृष राशि में चंद्रमा रहेगा। हालांकि भारत मे सूर्यग्रहण नहीं देखा जाएगा, अतः इसका सूतक व धार्मिक नियम मान्य नहीं है, इसलिए पूजा/व्रत आदि में कोई रुकावट नहीं रहेगी।
पूजन का शुभ मुहुर्त समय
ब्रह्म मुहूर्तः सुबह 04:08 से 04:56 बजे तक।
शुभ चौघड़िया: सुबह 05:26 बजे से 07:08 बजे तक।
अमृत काल : सुबह 08: 08 बजे से 09: 56 बजे तक।
अभिजित मुहूर्त : 11:59 बजे से 12:52बजे तक।
लाभ मुहूर्त : 12:17 बजे से 15:42 बजेे
तक।
आप इन मुहूर्त में पूजा अर्चना कर सकते हैं।
अमावस्या का दिन वह समय
इस बार अमावस्या का प्रारंभ 9 जून से लेकर 10 जून तक है, जिसका समय इस प्रकार है-
अमावस्या तिथि आरंभ: 9 जून 2021, बुधवार की दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त: 10 जून 2021, गुरुवार की शाम 04 बजकर 22 मिनट तक।
आप को पूजा से जुड़ी सभी जानकारी हमारे इस article (3 June, 2019) में मिल जाएँगी।