Advay the hero : मधुर संगीत
Advay के apartment में
कुछ-कुछ दिन में एक छोटी सी चिड़िया आती थी, वो ऐसे चहकती थी, कि
लगता था बहुत ही मधुर संगीत बज रहा हो।
इधर
कुछ दिनों से चिड़िया का मीठा संगीत रोज़ सुनने को मिल रहा था। तो जिस दिशा से वो
संगीत सुनाई देता था, बच्चे उस जगह गए। तो
उन्होंने देखा, उसने वहीं अपना घोसला बना लिया है। सारे apartment वाले
बड़े खुश थे, कि चिड़िया वहीं रहने लगी थी, क्योंकि
अब सब की सुबह उसके मीठे संगीत से होती थी।
कुछ
दिन बाद वो और सुरीला चहकने लगी थी, building से
उसका घोसला दिखता था, तो बच्चों ने देखा
उसके घोसले में अंडे थे।
अब
तो वो बच्चे वहीं नीचे ही खेलते, ओर
उसके बच्चे के निकलने का इंतज़ार भी कर रहे थे।
कुछ
दिन से चिड़िया ने गाना बिल्कुल ही छोड़ दिया। बच्चे सोचने लगे, आखिर
वो क्यों नहीं गाना गाती है?
सब
उसके घोसले में झाँकने लगे, उसमें एक भी अंडा
नहीं था, ना
ही बच्चे थे।
सब
सोचने लगे कि आखिर क्या हुआ? अंडे
भी नहीं हैं, और बच्चे भी नहीं हैं?
Advay ने notice किया
कि उसका एक दोस्त जतिन जो कि बहुत बदमाश था, उसको
छोड़कर बाकी सब दुखी थे। और चिड़िया भी जतिन को देखकर डर से चीं-चीं करने लगती थी, वो
समझ गया, कि
हो ना हो इसने ही कुछ गड़बड़ की है।
अब
सच्चाई का पता लगाना था, उसके लिए वो idea सोचने
लगा। उसने जतिन से कहा, आजकल
वो चिड़िया गाना नहीं गा रही है, तो
मैंने अपने पापा से वैसी चिड़िया लाने को कहा है, पर
पापा बोले, उस चिड़िया का हमे नाम नहीं पता है।
अभी
वो डरी हुई है, इसलिए उसकी फोटो भी नहीं खींच सकते हैं।
कहीं से उसका अंडा मिल जाता तो उसे दिखाकर दुकानदार से बहुत सारी चिड़िया ले आते।
पर चिड़िया का अंडा लेना तो बहुत साहस का काम है।
जतिन
बोला, मैं
तुम्हारे जैसा डरपोक नहीं हूँ। मैंने ही उस चिड़िया के तीनों अंडे निकाल लिए थे, जिसमें
से दो तो उसी समय फोड़ दिये। अंडे फोड़ते समय मुझे बहुत मज़ा आया, उसमें
से पीले रंग का पानी निकल रहा था।
अच्छा
और तीसरे का क्या किया? वो!..... वो तो मैंने
अपने पास रखा है, मैं उसमें से चिड़िया
निकालूँगा, और उसे अपने पास बड़ा करूंगा।
ओह!
जतिन ये तुमने क्या किया? तभी वो चिड़िया तुमसे
डरती है, और
गाना भी नहीं गाती।
तो
क्या हुआ? जब
मैं उस अंडे से चिड़िया निकालूँगा, तब
वो गाना गाएगी।
नहीं
जतिन, तुम
उसकी माँ जैसे नहीं बन सकते। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता।
क्या
तुम उसके बच्चे को अपने मुँह में कीड़ा भरकर खिला सकते हो? उसकी
चोंच में अपने होंठ से पानी डाल सकते हो?
जतिन
बोला कीड़े!...... छिः-छीः, कैसी बात कर रहे हो? कीड़े
मुँह में कैसे ले सकता हूँ। advay बोला-
क्यों तुम्हें तो चिड़िया की माँ बनना है ना?
नहीं!.......
नहीं बनना।
अगले
दिन जब चिड़िया खाना लेने गयी थी, तो advay ने
जतिन से अंडा लेकर उसके घोसले में रख दिया। जब चिड़िया लौटी, तो
वो अंडे को थोड़ी देर तक देखती रही, फिर
अपना घोसला तोड़कर चली गयी।
Advay को
ये देखकर बहुत दुख हुआ। उसने अपनी माँ को सारी बात बताई, वो
बोलीं, चिड़िया
अपने घोसले से हटे अंडे को फिर नहीं सेती है। पर वो कुछ दिन बाद फिर आएगी, क्योंकि
उसको एक अंडा वापिस मिल गया था।
कुछ
दिन बाद वो चिड़िया फिर आई, उसने फिर घोंसला बनाया, और
अबकी बार पाँच अंडे दिये। advay ने
सारे दोस्तों से कहा, अबकी बार हम सब इसके
अंडे की निगरानी करेंगे, जिससे कोई इसका अंडा
ना तो तोड़े, ना चोरी करे।
जतिन
भी अबकी बार अंडे नहीं लेना चाहता था, क्योंकि advay ने
उसे बताया था, कि फिर कीड़े मुँह में भरकर खिलाने होंगे।
कुछ
दिन बाद चिड़िया के बच्चे हुए, सारे
ही मिलकर चहकते तो संगीत और मधुर लगता था।
एक
दिन जतिन,
advay के पास गया और बोला, तुमने
मुझे सिखा दिया कि किसी को तंग करने या मारने से नहीं, बल्कि
उसकी रक्षा करने से मधुर संगीत सुनाई देता है।