कहेंगे अच्छे दिन?
मोदी सरकार का एक वादा यह भी था कि उनके आने से अच्छे दिन आएंगे।
बहुत लोग यह मानते हैं कि, वह अपना वादा पूरे करते जा रहे हैं, पर अब भी बहुत लोग ऐसा नहीं मानते हैं।
चलिए हम निष्पक्ष देखते हैं कि उनका वादा पूरा हो रहा है या नहीं...
सबसे पहले सबसे महत्वपूर्ण विषय पर बात करते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा की...
हमारी भारतीय सेना इतनी सशक्त हो गई है कि हम जो पहले चीन और पाकिस्तान से डरते थे, आज हमारी सेना से चीन और पाकिस्तान डर रहे हैं। उनकी कोई भी धूर्त योजना कामयाब नही हो रही है।
पहले आतंक का कहर हमेशा कायम रहता साथ ही कभी इधर कभी उधर आतंकी हमले होते ही रहते थे, पर अब आतंकवाद भी घुटने टेक रहा है। ईश्वर की कृपा और मोदी सरकार के सहयोग व सशक्त बलों के अधिकारियों के शौर्य, बुद्धिमत्ता और मेहनत से आतंकी हमले बहुत कम हो गये, और जो गिने-चुने प्रयास कर भी रहे हैं वो भी विफल हो रहे हैं।
क्या हम इसे कहेंगे अच्छे दिन?
अब बात करते हैं, भारत के विश्व में बढ़ते कद की। आज हर विकसित देश, भारत से जुड़कर काम करना चाह रहा है। सभी का मानना है कि भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ता जा रहा है, साथ ही उनका यह भी मानना है कि मोदी जी बहुत दूरदर्शी हैं और उन्हें सभी परिस्थितियों से सफलता पूर्वक निपटना आता है।
मोदी जी को UNSC का अध्यक्ष बना दिया गया है, जो किसी भी देश के लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है। आप को यह भी बता दें कि, मोदी जी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया है। हमारा देश आज विश्व गुरु बन गया है।
क्या हम इसे कहेंगे अच्छे दिन?
अब आजकल, जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उस पर भी विचार कर लेते हैं-
हाँ अभी हम Olympics की ही बात कर रहे हैं। इस बार का olympics, भारत के लिए, सबसे ज्यादा सफल olympics माना जा रहा है। क्योंकि इस बार भारत को 7 medals मिले हैं। पर आप ने इसकी वजह जाननी चाही? नहीं....
चलिए हम बताते हैं।
उसके लिए आप का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करेंगे कि शायद आप ने ध्यान दिया हो, भारत के olympics के लिए गए एक एक खिलाड़ी को मोदी जी ने स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं, साथ ही जो खिलाड़ी किसी भी तरह की training चाहता था, उसे वो सुविधा प्रदान की, उनके लिए विदेशों की trips arrange की। करोड़ों रुपए खिलाड़ियों को निखारने में लगाया। Olympics में जाने के पहले से एक एक खिलाड़ी के विषय में मोदी जी सब कुछ जानते थे, उनकी खुशी, पीड़ा, चोट कष्ट परेशानी सभी। और उन्हें कैसे सुविधा प्रदान की जाए, इसका प्रयत्न करते थे। सभी खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन किया। जो खिलाड़ी जीत रहे थे, उन खिलाड़ियों को मोदी जी, स्वयं बधाई दे रहे थे और जो जीत से कुछ कदम की दूरी से रह गये, उन्हें सांत्वना दें रहे थे, आगे अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे।
क्या इससे पहले कभी किसी भी प्रधानमंत्री को ऐसा करते हुए देखा था। नहीं ना?
इसका ही नतीजा है कि इस बार olympics में 1 gold 2 silver and 4 bronze medal मिले हैं। दो साल पहले मोदी जी ने खेलों इंडिया का मिशन भी दिया था। स्कूलों में भी खेल में विशेष ध्यान देने को कहा था। उनकी दूरदर्शिता आप को दिखाई दी?
यह देखा गया है कि भारत जब भी किसी विशेष अभियान से जुड़ता है, मोदी जी उनके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ जाते हैं। फिर चाहे वो चंद्रयान की यात्रा हो या देश का olympics में participate करना।
क्या हम इसे कहेंगे अच्छे दिन?
पहले का अभियान था, बेटी बचाओ.... उसको सम्पूर्ण करके नया नारा... बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान प्रारंभ किया, जिसका नतीजा यह रह रहा है कि सभी तबके में बेटियों की शिक्षा का स्तर बढ़ता जा रहा है। इससे महिला सशक्तिकरण बढ़ रहा है।
इसका बहुत बड़ा उदाहरण है कि इस बार सबसे अधिक महिला सांसदों का चयन किया गया है। इतनी महिला सांसद तो तब नहीं थीं, जब भारत की प्रधानमंत्री स्वयं एक महिला थीं।
आज गरीब परिवारों के लिए, जितनी भी योजनाएं आ रही हैं , फिर चाहे वो gas subsidiary हो या बैंक में खाता या ऐसी और योजनाएं...वो सब महिलाओं को प्रदान की जा रही हैं, जिससे घर- घर में महिलाओं का स्तर व सम्मान ऊपर उठ सके।
क्या हम इसे कहेंगे अच्छे दिन?
कश्मीर से 370 अनुच्छेद हटे 2 साल हो गए हैं। इन दो सालों में कश्मीर में काया कल्प हो गया है। जो कश्मीर पहले पत्थर बाजी और आतंकवाद के साए में जी रहा था वहाँ आज अमन चैन कायम हो गया। जिंदगी खुशहाली की तरफ लौट रही है। इस बार के स्वतंत्रता दिवस के लिए वहाँ जोश और उत्साह से तैयारियाँ चल रही हैं। भारत माता की जय, वन्दे मातरम् के नारे लगाए जा रहे हैं। जो आज से पहले सोचना तक संभव नहीं था।
क्या हम इसे कहेंगे अच्छे दिन?
यह आप की इच्छा है कि आप इन दिनों को क्या कहेंगे, पर पूरा देश तो यही मान रहा है कि अच्छे दिन आते जा रहे हैं।
आप भी एक बार सोचिएगा जरुर, साथ ही एक बात और सोचिएगा कि अगर BJP नहीं आती तो हमारे देश की हालत भी अफगानिस्तान जैसी ही होती, क्योंकि BJP के आने से पहले आतंकवाद चरम सीमा पर पहुंचता जा रहा था।
आगे भी आप को किसे लाना है, यह आप को सोचना है। पर याद रखिएगा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और वो BJP के ही हाथ में है...
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳