बंदे में है दम
कितनी शांति है इन दिनों, रोज़ से भी ज्यादा। आप को भी लग रहा है ना?
इतनी शांति के साथ इतने बड़े बड़े decision
हो जाते हैं, यही बताता है, बंदे में है दम।
मैं यहाँ अयोध्या मन्दिर के निर्णय के विषय, पर ही बात कर रही हूँ।
कभी सोचा ना था, जिसकी हर बात के लिए
इतने हँगामे हुए थे, उसका अंतिम फैसला यूँ इतनी शांति से हो जाएगा, पर ऐसा ही हुआ।
उसका बहुत बड़ा कारण है, इतना अच्छा निर्णय, जिसने ये सिद्ध कर दिया, ना मेरी जीत, ना तेरी हार। शायद इससे अच्छा निर्णय कुछ
और नहीं हो सकता था।
उससे भी बड़ा कारण है, स्थिति को
कैसे control किया जाए, इसकी समझ। और कोई
इस बात को माने या ना माने, मोदी जी में वो समझ कूट-कूट के भरी
है।
जिसका परिचय वो समय समय, पर देते रहते हैं। चाहे वो सर्जिकल strikes हों या कश्मीर
का 370 article, या अभी अयोध्या का फैसला।
क्या हुआ? आप अब भी नहीं समझ
पा रहें, कि बंदे में है दम।
अयोध्या के निर्णय के साथ ही मोदी जी ने एक और बहुत
बड़ा निर्णय लिया है, वो है करतारपुर साहिब के गुरुद्वारा
के द्वार खुलवा देना और वहाँ पूरी अरदास में शामिल भी होना।
शायद आप सभी को पता ही होगा, करतारपुर साहिब में गुरु नानक जी ने अपने जीवन के 18 साल व्यतीत किये थे, सिक्ख समुदाय को इकट्ठा किया था, और वहीं उनका निधन भी हुआ, जो कि अभी पाकिस्तान में है।
कल गुरु नानक जी की 550 वीं वर्षगांठ है। सिक्ख भाइयों
को दिया हुआ इससे अच्छा उपहार, 550 वें प्रकाश पर्व पर और कुछ
नहीं हो सकता था।
इसका अर्थ है, कि इन दिनों मोदी
जी ने एक साथ हिन्दू, मुस्लिम और सिक्ख तीनों को खुश कर दिया।
आप अब भी इसी सोच के साथ जी रहे हैं, कि चाय वाला देश का PM कैसे रह सकता है। तो जनाब, अपनी सोच बदल लीजिये, क्योंकि वो ना केवल PM
हैं, बल्कि एक सफल PM भी
हैं।
हम लोगों के सामने प्रधान मंत्री के रूप में रहे लोगों
में, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, वीपी
सिंह, चंद्र शेखर, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एचडी देव गौड़ा, आई के गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, और उसके बाद मोदी, जो अभी भी हैं।
आप खुद सोच लीजिये, किसने कितना
विकास किया। और किसने देश में कितनी शांति और सद्भावना बना कर रखी है। देश के हर धर्म, हर समुदाय, हर क्षेत्र को संतुष्ट रखा है।
क्योंकि समझ तो आप भी रखते हैं।