आज स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐
हमारा देश भारत, संस्कृति में, स्वास्थ्य में, शिक्षा में, निवेश में, औधोगिक क्षेत्र में, खेल में धन-धान्य में... आदि सभी क्षेत्रों में, संपन्न और सफल रहे। हमारा देश भारत, विश्व में सर्वोच्च स्थान पर रहे....
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
आज आप सब के साथ मुझे इंदौर से श्रीमती उर्मिला मेहता जी की कविता को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।
इस कविता में उन्होंने बड़ी खूबसूरती से हमारी संस्कृति को बयान किया है...
आइए हम सब इसका आनन्द लें।
संस्कृति हिंदुस्तान की
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ
संस्कृति हिंदुस्तान की
अहिंसा परमोधर्म की
धर्म हिंसा तथैव की
भारत ने वीरों को जन्मा
अन्यायी को भगा दिया
मातृभूमि की रक्षा हेतु
प्राणों को भी गँवा दिया
सत्य अहिंसा प्रेम के पथ पर
चल कर सबको बता दिया
सबको अपना ही समझा
विश्वबंधुत्व विस्तार किया
धरती माँ है शूरवीर की
वचन कर्म कर्तव्य की
इसके आगे नत मस्तक सब
शिक्षा लें कल्याण की
पुष्पक विमान भी यहीं बना था
हम सब कुछ यह भूल गये
राइट बंधु को श्रेय दिया और
भारत का अपमान किया
नारद जी आते जाते थे
बिन वाहन के क्षण भर में
क्या सोचा है?किस विद्या से
आ जाते थे पल भर में
ऋषि मुनि तपस्वी को
ज्ञान था कितना मत पूछो
एक शाप, वरदान की
कीमत, यदि पढ़ो तो जानो
जाति धर्म और राजनीति
सबकी एक मिसाल थी
मिल जुलकर सब रहते थे
जिंदगी बड़ी कमाल थी
सेतु बनाया रामेश्वर में
मेल मिलाप का काम था
सभी देश ने लोहा माना
भारत का हर ओर नाम था
तब भी नारी पूजी जाती थी
गृह लक्ष्मी कहलाती थी
उसके बिन घर की रौनक
नामुमकिन सी लगती थी
अबला नहीं, सबला है वह
पहले भी बलवान थी
सरस्वती से लेकर चंडी
शक्ति की अवतार थी
भारत जब कमजो़र हुआ
तो कारण बस जयचंद था
आज़ादी को दाँव पे रक्खा
उसका ही प्रपंच था
नज़र लगी भारत को
सब भाई चारा भूल गये
भाई -भाई लड़ बैठे
भारत को कई शूल दिए
देशवासियों अब भी जागो
आज़ादी अनमोल है
मिली है ये हमको मुश्किल से
कभी न इसको तुम भूलो