Advay the hero : मोलभाव
एक दिन Advay अपने
पापा के साथ फल खरीदने गया। वहाँ 5 फल वाले बैठे थे। पापा ने पहले आम वाले से पूछा, आम कैसे
दिये?
आम वाला बोला, बाबू जी
90 रुपए किलो दिये।
वहाँ एक uncle भी खड़े
थे, वो बोले, बहुत महंगे दे रहे हो, और जगह
तो 70 रुपए में मिल रहे हैं।
नहीं बाबू जी, उनके आम
अच्छे नहीं होंगे, आप हमारे आम देखिये, बहुत
बढ़िया हैं, मलिहाबाद के हैं।
अच्छा ठीक है, 150 के
2 किलो दोगे, तो ले लेंगे। बाबू जी, हमको ही 80 रुपए में पड़े हैं। हमें थोड़ा तो, नफा ले लेने दीजिये। सौदा 170 में हो गया।
फिर उन्होंने केला और सेब
भी लिए, सब में दस, पाँच रुपए कम हो गए। Advay के पापा
ने भी आम केला और सेब लिए।
Advay चीकू भी लेने को बोलने लगा, वो किसी
भी ठेले वाले के पास नहीं था। तब दोनों लोग Spencer’s गए, वहाँ
चीकू मिल गए।
पर ये क्या, उसने
देखा, कि वहाँ जिस चीज़ के जितने रुपए लिखे थे, सब लोग बिना
कम कराये, उतने ही रुपए दे रहे थे।
अगले दिन Advay फिर अपनी Mumma के साथ Big bazaar
गया।
वहाँ भी सब उतने पैसे दे रहे थे, जो वहाँ लिखे थे, कोई मोलभाव नहीं कर रहा था। पर आज भी बहुत से लोग उन फल वालों के साथ मोल भाव कर रहे थे।
Advay को कुछ समझ नहीं आ रहा था,कि फल तो
सब ही दे रहे थे, तो ठेले वालों से मोलभाव क्यों?
दो दिन बाद वो पापा के साथ
फिर से bank गया, रास्ता वही था। आज वो सारे फल वालों के पीछे पड़ गया, कि वो
सब उसके साथ Spencer’s चलें। छोटे बच्चे की ज़िद पर उनमें से दो फल वाले रुक गए, बाकी
तीन साथ में चल दिये।
किसी को कुछ समझ नहीं आ
रहा था, कि advay आखिर करना क्या चाह रहा है? वहाँ पहुँच कर उसने Spencer’s के Manager से कहा, आप इन uncle लोगों को
भी यहाँ, अपने फल बेचने दीजिये, तो इन से भी कोई मोलभाव नहीं करेगा।
सब advay की सोच
से हैरान रह गए, Manager बोले, ऐसा नहीं हो सकता, हमे
यहाँ का बहुत rent देना होता है, ये वो नहीं दे पाएंगे। सब वापिस चले गए।
Advay अपने पापा के साथ bank चला गया, वहाँ से
लौट कर वो अपने कमरे में चला गया।
फिर एक घंटे में बाहर
निकला, पापा ने पूछा क्या कर रहे थे?
पापा कल आप मेरे साथ फिर
से फल वालों के पास चलेंगे? ठीक है चलूँगा, पर
क्यों?
कल देख लीजिएगा, यह कहकर वो Mumma के पास आ कर सो गया।
अगले दिन Advay पापा के
साथ फल वालों के पास गया, उसके हाथ में 5 chart थे। उसने
सारे फल वालों को बुलाया, और कहा आप इसे अपने ठेले के साथ लगा लीजिएगा, मैं शाम
को फिर आऊँगा।
जब शाम को वो फल वालों के
पास गया, तो सबने उसे Gift में फल दिये, और कहा
आज किसी ने मोलभाव नहीं किया, तुमने ऐसा क्या लिख कर दिया था?
बस यही कि “अगर आप Shopping Mall
में मोलभाव करते हैं, तभी हम से भी कीजिएगा, हमे भी
अपना परिवार चलाना है”। फल के साथ दुआएं free
Advay के कारण लोगों ने मोलभाव करना बन्द कर दिया, फल वाले
भी और अच्छे फल रखने लगे, और अनाप-शनाप भाव भी नहीं बोलते थे। अब सभी खुश थे।