देशद्रोही को शोहरत क्यों ?
एक बात हमें आज तक समझ नहीं आती है, हमारे देश में देश से गद्दारी करने वालो को इतनी शोहरत क्यों मिल जाती है।
क्यों इन सिरफिरे लोग के लिए जेल या फांसी का प्रावधान नहीं किया गया है।
आज-कल news की सुर्खियों में कभी आ रहा है कि कन्हैया कुमार, आजादी के नाम पर सबको भड़का रहा है, JNU campus को देशद्रोह का अड्डा बना दिया गया है। और देश के टुकड़े-टुकड़े कर देने की आवाज लगाई जा रही है।
और कहीं news आ रही है, कि शाहीन बाग में लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, और उन्हें शरजील इमाम द्वारा इस क़दर भड़का दिया गया है, कि वहाँ भी असम को देश से अलग करने की गुहार लगाई जा रही है।
क्यों, आखिर क्यों?
जब यह लोग, खुलेआम इस तरह के धरने-प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं, तो सरकार और प्रशासन, इंतजार किस बात का कर रहे हैं?
इस तरह के कृत्य को इतना बढ़ने ही क्यों दिया जाता है कि यह एक बड़ी खबर बनने लगती है। और उसके सरगना प्रसिद्धि प्राप्त करने लगते हैं।
यह प्रसिद्धि इनके लिए जीवन आसान कर देती है, नाम, मान-सम्मान, धन-दौलत सब तो इन्हें मिल जाता है। जिससे युवा पीढ़ी इनके इशारों पर नाचती है।
जो किसी भी देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा सकता है।
अगर हम सही मायने में अपने देश का भविष्य उज्जवल बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले तो उन कृत्य का पुरजोर विरोध करना होगा, जो देश के विरोध में हो।
फिर चाहे वो देश के मुर्दाबाद के नारे हों या उसके टुकड़े-टुकड़े करने के।
ऐसे लोगों के लिए देश में कड़े कानून होने चाहिए।
इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, कड़ी सज़ा का प्रावधान होना चाहिए, जिसमें देश निकाला या फांसी का प्रावधान होना चाहिए। क्योंकि
जिस को निज देश से प्यार नहीं,
उसको देश में रहने का अधिकार नहीं।
एक, दो के सरगनाओं के साथ यह व्यवहार कर दिया जाए, तो सब सुधर जाएंगे।
अगर आपको हमारी बात सही लगती है, तो इस post को इतना share कीजिए, कि बात सरकार तक पहुंच जाए और देश से देशद्रोह खत्म हो।
इससे देश में शांति और सुरक्षा दोनों हो जाएगी।