हसीन मुलाकात (भाग -1) के आगे...
हसीन मुलाकात (भाग -2)
Office पहुँच कर भी दिल जनाब के अंदाज ना बदले। आज office में काम कुछ कम था, तो जल्दी खत्म हो गया। सब अपना-अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे। पर हम आराम से बैठे हुए थे।
Friends पूछने लगे, यार अमन, घर नहीं जाना है?
अब उन्हें कौन बताए कि दिल जनाब बांवरे हो गये हैं, 12 बजे के पहले घर के लिए प्रस्थान ही नहीं करेंगे।
खैर 12 बजे तक बेवजह का over time कर के घर चल दिया। आज पहली बार पैदल चलने में बहुत आनंद अनुभव हो रहा था। आज लग रहा था, मुझसे ज्यादा भाग्यशाली और कोई नहीं है..
रात कल सी ही थी, मतलब काले बादल और वैसा ही माहौल, बारिश की पड़ती बौछारें...बस इंतजार था, उस हसीना का।
पर यह क्या, अब तो घर बस 10 minute की दूरी पर था और वो हसीना... वो तो अभी तक दिखाई नहीं दी थी, दिल बैठा जा रहा था।
तभी ज़ोर से बिजली कड़की और साथ ही वो हसीना सामने थी।
उसे देख कर मन मयूर नाच उठा, और गाने लगा,
एक लड़की भीगी भागी सी, सोती रातों में जागी सी, मिली एक अजनबी से, कोई आगे ना पीछे...
आज वो काले कपड़ों में थी, उसे देखकर लग रहा था कि ईश्वर ने उसे बहुत फुर्सत में तराशा है। आज से पहले मैंने इतनी खूबसूरत कोई लड़की नहीं देखी थी, शायद वो अप्सराओं से भी बहुत ज्यादा हसीन थी। मैं तो उसे देखकर पलकें झपकाना ही भूल जाता था।
आज तो वो भी मुझे देखकर हंस दी, शायद मेरा दीवानापन उसे भी समझ आ रहा होगा।
उसको हंसता देखकर, हम तो वहीं सड़क पर रपट गये। उसने मुझे उठने के लिए अपना हाथ दिया...
उस समय तो लगा, हम भी किसी हीरो से कम नहीं हैं, और लगे गाना गाने,
आज रपट जाएं तो हमें ना उठ्ठइयो, हमें जो उठ्ठइयो तो खुद भी रपट जइयो....
वो मेरा बेसुरा गाना सुनकर खिलखिला कर हंसने लगी, और बोली बड़े फिल्मी हो आप...
उसकी यह बात सुनकर मैंने झेंप कर मुंह नीचे कर लिया। पर जब मैंने फिर ऊपर देखा तो वो कहीं नहीं थी।
आगे पढ़े, हसीन मुलाकात (भाग-3) में..