यह कैसा प्यार (भाग-5) के आगे.....
यह कैसा प्यार (भाग-6)
तान्या, मैंने रोहित को अपने बंगले में रहने को बोल दिया है ।
ओफ्फो ऋषि तुम्हें कभी अक्ल नहीं आएगी, क्यों कहा तुमने उससे? हम दोनों के बीच वो भी आ जाएगा।
अरे यार वो अकेला feel कर रहा था, फिर हमारा इतना बड़ा बंगला है, उसके outhouse में ही रह लेगा।
Outhouse में?.....
क्यों तुम्हें अब उसमें भी परेशानी है?
नहीं, कोई परेशानी नहीं है, outhouse में शायद उसे बुरा लगे।
अब जब बोल ही दिया है, तो उसे हमारा तीसरा bedroom ही दे देना।
शाम को रोहित अपने सामानों के साथ बंगले पर पहुंच गया। रोहित पूरे बंगले को ऐसे देख रहा था, जैसे कुछ समझने या याद करने की कोशिश कर रहा हो।
तान्या ने बहुत ख़राब मन से रोहित को तीसरा bedroom दे दिया।
अब तो ऋषि और रोहित का साथ, दिन रात का रहने लगा।
सब कुछ अच्छे से चल रहा था, हाँ तान्या जरुर चिढ़ती रहती थी।
एक शाम को ऋषि को बंगले पर कुछ साया सा दिखा, ऋषि ने पीछा किया पर कोई नहीं दिखा।
फिर जब वो तान्या और रोहित के संग खाना खा रहा था, उसने साफ़ साफ़ देखा, पर्दे के पीछे कोई है।
पर रोहित और तान्या ने कहा, वहांँ कोई नहीं है।
ऋषि ने उठकर देखा, पर वहाँ, सच में कोई नहीं था।
अब तो आए दिन, ऋषि को कभी आवाजें आती, कभी कोई दिखता।
पर रोहित और तान्या, हमेशा यही कहते, उसका भ्रम है। और देखने पर ऋषि को कुछ दिखता भी नहीं।
ऋषि को भी अब......
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