समस्या : जब बच्चा आलसी हो
आलस
एक
चिड़िया थी, उसके दो बच्चे थे, चुनमुन और मुनमुन। चुनमुन
बहुत ही आलसी था, जबकि मुनमुन में सब सीखने की इच्छा रहा करती थी, साथ ही वो सब काम बहुत
अच्छे से करने की कोशिश भी किया करता था।
जब
दोनों बच्चे बड़े हो गए, तो माँ ने उन्हें उड़ना सिखाना शुरू कर दिया। मुनमुन तो
ऊंची ऊंची उड़ान भरना सीख गया। पर चुनमुन
अपने आलस में ही पड़ा रहा करता था। नतीजा चुनमुन सिर्फ एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक ही
उड़ पता था।
मुनमुन
के ऊंची ऊंची उड़ान भरने के कारण, अब वो बहुत अच्छा-अच्छा अपनी पसंद का खाना खाने लगा था।
जबकि चुनमुन अभी भी वही खाता था, जो माँ लाती थी।
जब
दोनों बच्चे बड़े हो गए, तो माँ ने कहा, अब अपना अपना खाना खुद
ढूंढो। ये कह कर माँ उड़ गयी। मुनमुन भी उड़ गया, पर चुनमुन अभी भी उसी डाल
पर बैठा रह गया।
माँ
और मुनमुन के जाने से चुनमुन भूखा रहने लगा। कभी उसे कुछ मिलता था कभी नहीं, जिससे वो दुबला होता जा
रहा था, साथ ही
कमजोर भी हो रहा था। उससे वो और ज्यादा आलसी होने लगा। अब तो उसे एक पेड़ से दूसरे तक
जाने का भी मन नहीं करता था। वहाँ एक साँप रहता था, उसे चुनमुन के आलस के बारे में पता चल गया।
तो उसने चुनमुन को खाने का मन बना लिया और वो चुनमुन की तरफ बढ़ने लगा।साँप को देखकर चुनमुन थरथर काँप रहा था। पर वो अपना आलस नहीं छोड़ पा रहा था। तभी वहाँ मुनमुन आ गया। उसने चुनमुन को कहा, भाई आज तो आलस छोड़ दो, नहीं तो ज़िंदगी से हाथ धोना पड़ेगा।
तो उसने चुनमुन को खाने का मन बना लिया और वो चुनमुन की तरफ बढ़ने लगा।साँप को देखकर चुनमुन थरथर काँप रहा था। पर वो अपना आलस नहीं छोड़ पा रहा था। तभी वहाँ मुनमुन आ गया। उसने चुनमुन को कहा, भाई आज तो आलस छोड़ दो, नहीं तो ज़िंदगी से हाथ धोना पड़ेगा।
मुनमुन
के बार-बार ऐसा कहने से चुनमुन ने अपना आलस छोड़ दिया और वो उसके साथ दूसरे पेड़ तक उड़
गया, जिससे साँप उसे नहीं खा पाया।
मुनमुन
ने चुनमुन से कहा, भाई आलस छोड़ के मेरे साथ दूर उड़ चलो, नहीं तो, आज नहीं तो कल तुम्हें ये साँप जरूर से
खा जाएगा। आप मेरे साथ थोड़ा-थोड़ा उड़ो, फिर ज्यादा-ज्यादा उड़ेंगे। तो आप भी ऊंची
ऊंची उड़ान उड़ लेंगे।
चुनमुन
को लगा, मुनमुन सही कह रहा है, आज अगर वो नहीं आता, तो साँप उसे जरूर से खा जाता। आलस से कुछ
नहीं मिलेगा।
उसने
अपना आलस छोड़ दिया, और कुछ ही दिन में वो भी ऊंची उड़ान भरने लगा। अब वो बहुत
खुश रहने लगा। अपनी पसंद का खाना खाता, जहां मन, वहाँ उड़ कर पहुँच जाता। तो उसे सारी दुनिया
बहुत अच्छी लगने लगी। उसने मुनमुन को बहुत सारा धन्यवाद दिया, कि तुम नहीं होते तो मैं हमेशा आलस ही करता
रहता, और कभी नहीं समझ पाता, कि दुनिया कितनी अच्छी है।