Tuesday 7 September 2021

Article : मिसाल, कामयाबी की

 मिसाल, कामयाबी की



इस बार के Tokyo Paralympic 2020  में एक ऐसे player भी थे जो कि यहाँ तो Silver Medal लाये हैं, साथ ही वो गौतमबुद्ध नगर (Noida) के DM भी हैं।

तो चलिए थोड़ी सी बात उनके विषय में कर लेते हैं, क्योंकि वो Academic and sports दोनों ही field में excellent हैं...

इन का जीवन बहुत ही प्रेरणा-दायक है, और इनका जीवन के प्रति जो नजरिया है, उसने हमें बहुत प्रेरित किया। तो सोचा इनके विषय में जरुर से कलमबद्ध करना चाहिए जिससे हमारे blog पढ़ने वाले सभी लोग, उनसे प्रेरणा लें और जीवन के हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और सफलता प्राप्त करें।

Suhas LY एक Indian paralympics badminton player और वर्तमान में U.P. के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के DM भी हैं, सुहास अपने खेल men singles में विश्व के दूसरे सबसे बेहतरीन पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। सुहास का पूरा नाम 'सुहास लालिनाकेरे यतिराज' है।

जन्म से ही उनके दाहिने पैर में पोलियो होने के बाद उनका पैर खराब हो गया था। पैर से विकलांग सुहास को अपने पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला। पैर पूरी तरह fit नहीं था तो समाज के ताने उन्हें सुनने को मिलते रहे, लेकिन पिता और परिवार चट्टान की तरह उन तानों के सामने खड़े रहे और कभी भी सुहास का हौसला नहीं टूटने दिया। 

सुहास के पिता उन्हें normal बच्चों की तरह देखते थे और उनसे हमेशा जीत की उम्मीद भी करते थे। अतः सुहास पर यह कमजोरी कभी हावी नहीं हुई और उन्होंने इसे अपनी ताकत बनाकर, DM की post सम्हाली, साथ ही badminton court में उतर गए। 

Discipline, concentration, smart work & self-confidence, ये चार चीजें उनकी जिंदगी और सफलता में काफी अहम role अदा करती हैं। उन्होंने कहा कि ये चार चीजें ऐसी हैं जो सफलता से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि काम निर्धारित समय में पूरा हो जाए, इसके लिये discipline बहुत जरूरी है। किसी तरह की गलती की गुंजाइश न हो जिसका बाद पछतावा हो, इसलिये अपने काम पर एकाग्रता यानि concentration होना चाहिये। प्रयास ऐसा करें कि कम समय में अधिक परिणाम मिले, तो यही smart work है और यह सब करने के लिये जिस चीज की जरूरत है वह है self-confidence। सफलता के इन मूलमन्त्रों का पालन यकीनन बुलंदी के सपने को साकार करता है।

2004 में सुरथकल के National Institute of Technology से सुहास एलवाई ने computer science की पढ़ाई की। इतना ही नहीं, सुहास ने engineering branch से first division से bachelor पास किया। 

इन्होंने engineering के बाद job join कर ली। कुछ समय बाद इन्हें लगा कि इन्हें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे वह समाज की सेवा कर सकें।

तब इन्होंने IAS officer बनने का मन बनाया।

सुहास एलवाई U.P. cadre IAS के 2007 batch के IAS officer हैं। साल 2006 की UPSC exam में सुहास ने AIR 382 Rank (Suhas LY IAS Rank) हासिल किया था और साल 2007 में भारत के पहले विशेष रूप से दिव्यांग IAS officer बने। IAS officer बनने के बाद उन्होंने आगरा से अपने career की शुरुआत की।

Tokyo paralympics 2020 से पहले, सुहास 2017 ने Tokyo में हुए Japan open para-badminton tournament में runner-up रह चुके हैं। यही नहीं, 2016 में चीन में आयोजित Asian championship में mens singles का खिताब जीत चुके हैं। 2018 में asian para-games में भी bronze medal हासिल कर चुके हैं। 

कर्नाटक के सिमोगा जिले के रहने वाले सुहास एलवाई गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से पहले प्रयागराज, आजमगढ़, सोनभद्र, महाराजगंज, हाथरस में DM की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इनका नाम बहुत ही सफल DM में शुमार है।

Suhas LY ने proof कर दिया कि कोई भी कमी, कोई भी कठिनाई, आप को सफल बनने से नहीं रोक सकती। उन्होंने दो विपरीत क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर के यह भी सिद्ध कर दिया है कि आप एक नहीं बल्कि एक साथ दो fields में भी महारथ हासिल कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वो कामयाबी की मिसाल हैं।

 जिसने ठान लिया हो 

आगे बढ़ते जाने को 

उसको कोई कमी 

कोई कठिनाई

क्या रोकेगी 

चलेगी साथ वो 

हिम्मत बनकर

उसको दुनिया

सलाम ठोकेगी 


अगर इस article को पढ़कर किसी का जीवन संवर जाए, तो मेरा लिखना सार्थक हो जाए।

हमारे सभी viewers आप सभी का जीवन सफलताओं और सुख से परिपूर्ण रहे।