वो बन गया आतंकवादी (भाग-1) और....
वो बन गया आतंकवादी (भाग-2 ) के आगे.....
आगे पढ़ें, वो बन गया आतंकवादी (भाग-4 ) में। ......
वो बन गया आतंकवादी (भाग-2 ) के आगे.....
वो बन गया आतंकवादी (भाग-3 )
पर जब वे लाश उठा रहे थे, तो बेहद हैरान थे, क्योंकि उनमें से एक भी पुलिस
वाला वो नहीं था, जिन्होंने उन्हें पकड़ा था।
अंकित ने सभी दोस्तों से बात की, कि कहीं कुछ तो गड़बड़ है। हमे संगठन में वापस चलना चाहिए। वे सभी चुपचाप
संगठन पहुँच गए।
वहाँ पहुँच कर वे चुपचाप छिप गए। आज संगठन में 20
नए लोग आए थे। वे सरगना से बोल रहे थे, बॉस आपने बहुत ही
अच्छा आइडिया लगाया था।
हमने नए लड़कों कि जानकारी सरकार तक पहुँचा दी है, वे भी आतंकवादी करार कर दिये गए हैं।
अंकित ने गौर से देखा, तो ये वही 20 लोग थे, जिन्होंने उन्हें पकड़ा था। अब
अंकित को समझते देर नहीं लगी, कि उस दिन बम विस्फोट भी संगठन
वालों ने ही किया था, और पुलिस के भेष में भी वही लोग थे। और
उन्हें जहाँ बंद किया था, वो जेल भी इन्हीं की थी।
उसे ये जानकार बहुत दुख हुआ, कि उसकी वजह से उसके दोस्त भी आतंकवादी बन गए, और
साथ ही पुलिस वाले भी मारे गए।
वो कहाँ देशभक्त बनने वाला था और कहाँ आतंकवादी बन
गया।
वो दुखी हो कर वहीं बैठ गया। तभी उसके दोस्त आ गए, और सभी बोलने लगे, अब दुखी होने से कुछ नहीं होगा, सोचना है, तो कुछ बड़ा ही सोचना होगा।
अपने दोस्तों की जोश भरी बातें सुन कर अंकित बोला, आज मुझे बहुत अच्छा idea आया। उसका idea सुन कर सारे दोस्त खुश हो गए।
उसके बाद वो लोग संगठन वालों के पास गए, और ऐसे मासूम बने रहे, जैसे उन्होंने कुछ ना सुना
हो।
अंकित, सरगना से
बोला .....