खूबसूरती
क्या होती है खूबसूरती? इस शब्द के मायने हर उम्र में बदल जाते हैं। जब हम छोटे से
बच्चे होते हैं। हमें वो हर इंसान अच्छे लगते हैं,
जो हमारे माँ या पापा से मिलते-जुलते हुए हों, या हमें बहुत अधिक
प्यार करते हों।
पर जब हम जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते हैं, तब हम
खूबसूरती को नए मापदंड में देखने लगते हैं, जो कि काफी कुछ
media से, glamour से जुड़ जाता है। हम खुद भी हर समय बन-संवर के रहने लगते हैं। लड़के smart दिखने के लिए different
hair style, stylish clothing पहनते हैं। तो वहीं
लड़कियां भी पीछे नहीं रहती हैं। उनके कितने ही parlor के चक्कर
लग जाते हैं। और dress! उसके तो क्या कहने? अगर
किसी heroine की dress मिल गयी तो! बस
कितने की भी हो, मिल जाए। और अगर मिल गयी, तो
बस अपने आपको भी heroine ही समझने लगती
हैं।
पर हम धरातल में तब आते हैं, जब
हम प्रौढ़ावस्था में
आते हैं। बहुत से खूबसूरत लोगों की खूबसूरती मद्धम पड़ती हुई देखी है, किसी के चांद
निकाल आएगी,
तो किसी की तोंद। झुर्री तो सबके पड़नी ही है और बाल भी सफ़ेद होंगे ही।
पर एक खूबसूरती ऐसी है, जो अगर आपके अंदर है, तो वो समय के साथ और
निखरती ही जाती है। और उसका असर तो यहाँ तक देखा है,
कि साधारण-सा दिखने
वाला इंसान भी बहुत खूबसूरत लगने लगता है।
वो खूबसूरती है, अपने
से पहले दूसरों के लिए करने की इच्छा, हमेशा दूसरों को गलत
ना समझने की सोच, और ईश्वर में सच्ची
श्रद्धा। पर इस
खूबसूरती को पाना कठिन तप है। इसमें बहुत ईमानदारी रखनी होती
है। साथ ही बहुत सा त्याग भी
करना होता है।
पर सही मानिए, जिसमें ये खूबसूरती होती
है, वो कभी भी मद्धम नहीं पड़ती है। साथ
ही ये आपके चेहरे में भी
ऐसी सौम्यता प्रदान करती है, कि
आपमें जितनी
अधिक ये खूबसूरती बढ़ती जाएगी, उतना
अधिक ही लोग भी आपके
तरफ खिंचते जाएंगे।
तो बाह्य खूबसूरती को नहीं अपितु आंतरिक
खूबसूरती को ही महत्व प्रदान करना चाहिए। वही है, जो
जीवन पर्यंत साथ देगी।
और यदि आपको कोई ऐसा मिल जाए, तो सोच
लीजिएगा, आपको साक्षात ईश्वर के दर्शन हो गए हैं। और यदि आप ऐसे खुद हैं, तो
आपको मेरा शत-शत नमन। और आपसे
ये प्रार्थना भी है, कि इस
खूबसूरती का संदेश इतना फैलायेँ, सबको
पता चल जाए कि असली
खूबसूरती भी बाँटने से बढ़ती है। और भारत एक बार फिर से आंतरिक
खूबसूरती का प्रतीक बन जाए।