क्यों कम हो गए Chocolaty Hero
आज कल पुरुषों में moustache and
beard का fashion इस कदर बढ़ गया है, कि chocolaty heroes का तो जैसे अभाव ही हो गया है।
जिस ओर देखो, पुरुष मूछे - दाढ़ी बढ़ाए
हुए ही दिखेंगे।
फिर चाहे आप फिल्मों में देखें या serials में, cricket में या अपने आसपास, दाढ़ी - मुंछों वालों की ही अधिकता बढ़ती जा रही है।
अब हम ठहरे लेखिका, तो हमारा
ध्यान तो समाज में होने वाली हर छोटी बड़ी बात खींचती है।
तो सोचा, इसका कारण क्या
है? बहुत सोचा तो इसी नतीजे पर पहुँचे,
कि इसका कारण भी नारी ही है।
अब आप बोलेंगे, वो भला कैसे? पुरुषों की हर बात नारी पर ही ख़त्म नहीं होती है।
नहीं होती होगी जनाब, नाराज़ ना
होइए।
पर ये तो है ही, जानना चाहेंगे
कैसे?
तो देखिये,
नारियां, पुरुषों से कंधा
मिलाते - मिलाते अब इतना आगे निकल गयी हैं, कि उन्होंने पुरुषों
से अपनी पहचान और अस्तित्व ही मिला लिया है।
अब ना वो सिन्दूर लगाती हैं, ना चूड़ियाँ पहनती हैं, अब ना करती हैं सोलह - श्रृंगार, ना अब वो पहले सी जुल्फें लहराती हैं, ना आंचल
संभालती है।
वो तो अब पुरुषों की मानिंद ही jeans - shirt
पहनती हैं, shorts पहनती
हैं, या यूँ कहें, वो सब पहनती हैं, जो पुरुष पहनते हैं। बाल भी उनके छोटे होने लगे हैं।
पुरुषों कों जब अपनी पहचान और अस्तित्व पर खतरा
मँडराता नज़र आने लगा। तब वो विचार करने लगे, कि ऐसा क्या किया
जाए? जिसकी समानता करने पर स्त्री दो बार सोचे जरूर।
फिर उन्हें सूझा, कि अगर
दाढ़ी - मूछ रखी जाए, तो उसमें स्त्री समानता नहीं करना चाहेगी, और एक बार फिर वो अलग दिखने लगेंगे।
बस फिर क्या था, आ गया दाढ़ी - मूछों
वालों का दौर। जिससे chocolaty hero का दौर हमेशा के लिए
जाता जा रहा है।
पुरुषों का सोचना सत्य साबित हुआ, अब वे अलग दिखने लगे हैं।
पर कितने दिन के लिए! भगवान ही जाने?
क्योंकि नारी शक्ति को कम मत आंकिएगा, कब आपकी ये पहचान भी छिन जाए।
मेरी मानिए, तो अभी से इस
बारे में भी सोचना शुरू कर दीजिये।
किस बारे में?
अरे अगली पहचान के बारे में!
तब तक के लिए राधे राधे...
Disclaimer : यह सिर्फ एक व्यंग है, किसी को चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।
Disclaimer : यह सिर्फ एक व्यंग है, किसी को चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।