आज की कहानी, छोटे से समझदार बच्चे अद्वय सहाय द्वारा लिखी हुई है।
वो अपनी कहानी के जरिए अपने दोस्तों को समझना चाहता है कि हमेशा उन्हीं सामानों की demand करनी चाहिए, जिनकी हमें requirement हो।
इस कहानी को अपने बच्चों को अवश्य सुनाएं, जिससे उन्हें भी पैसे और समय की कद्र रहे।
New School Bag
Results आ चुके थे, बच्चे pass हो चुके थे। New class, new books सब कुछ नया, बच्चों में इसका अलग ही craze रहता है।
सोनू भी उन्हीं बच्चों में से था, जिन्हें हर साल school के लिए नयी-नयी चीजें चाहिए होती हैं।
कोरोना के कारण पिछले दो साल से school ठीक से नहीं खुल रहे थे तो सोनू के सभी सामान काफ़ी अच्छी condition में थे।
इसके बावजूद सोनू जिद्द कर रहा था कि उसे सब कुछ नया चाहिए।
Specially New School Bag, वो भी doraemon वाला।
माँ ने समझाया भी कि क्या जरूरत है, नये bag की। अभी पिछले साल ही तो छोटा भीम वाला bag लिया था, और तुम school, मुश्किल से महीने भर भी नहीं गये हो। वो bag बिल्कुल नया जैसा ही है।
माँ, आप समझती नहीं हैं, अब मैं बड़ा हो गया हूँ, छोटा भीम वाला bag नहीं ले जा सकता हूँ, मुझे doraemon वाला new bag ही चाहिए। फिर सारे friends भी हर बार new bag लाते हैं तो मैं क्यों नहीं।
पापा बोले, छोड़ो, मैं देखता हूँ। अगर वो bag मिलता है तो।
पापा की बात सुनकर सोनू खुश हो गया और doraemon, doraemon... का गाना गाते हुए खेलने चला गया।
लौटने पर उसने देखा कि doraemon उसके कमरे में उसका इंतजार कर रहा था।
सोनू, खुशी से उछल पड़ा, doraemon तुम?
हाँ मैं, doraemon ने जवाब दिया।
तुम यहाँ कैसे आ गये?
तुम से यह पूछने कि तुम्हारा bag कहाँ-कहाँ से फटा है?
कहीं से नहीं!
अभी पापा ने पिछले साल ही तो लिया था और मैं एक महीने भी school नहीं गया था तो वो बिल्कुल नया जैसा ही है।
क्या उसमें तुम्हारी new books, pencil box, tiffin box नहीं आएंगे?
बिल्कुल आएंगे, बहुत बड़ा bag है, वो मेरा।
अच्छा देखने में बहुत गन्दा और पुराना लगने लगा है?
नहीं... कहा तो बिल्कुल नये जैसा है।
तो क्या कारण है कि तुम्हें new bag चाहिए, सिर्फ इसलिए कि उसके cartoon में छोटा भीम बना है। या सिर्फ इसलिए कि और बच्चे new bag लाएंगे।
हाँ यही कारण है।
तो तुम बिल्कुल ग़लत हो, हमें कोई सामान तभी लेना चाहिए, जब उसकी requirement हो, ना कि दूसरों की देखा-देखी या show-off करने के लिए।
अगर हम बिना requirement के एक ही सामान को बार-बार लेते रहेंगे तो वो पैसे की और समय की बर्बादी है।
अगर हम इसका ध्यान रखें तो हमारे पास बहुत variety की चीजें होंगी, साथ ही हमारे पैसे और समय की बचत होगी।
अच्छा ठीक है, मैं समझ गया doraemon, कि तुम क्या कहना चाहते हो। अब से मैं केवल उन्हीं सामानों को लूंगा, जिसकी मुझे requirement हैं। व्यर्थ में पापा के पैसे और समय बर्बाद नहीं करूंगा।
यह कहकर वो पापा, पापा चिल्लाने लगा।
पापा और मम्मी सोनू के कमरे में आते हैं, वो देखते हैं कि सोनू सोते-सोते, पापा पापा चिल्ला रहा है।
उन्होंने सोनू को जगाकर पूछा कि क्या हुआ?
तब सोनू को समझ आया कि doraemon उसके सपने में आकर समझा रहा था। पर उसे doraemon की कही हुई बात अभी भी याद थी।
उसने अपने पापा से कहा, पापा अब मुझे new bag नहीं चाहिए।
क्यों, क्या हुआ बेटा?
पापा अब मुझे अच्छे से समझ आ गया है कि उन्हीं सामानों की demand करनी चाहिए, जिसकी मुझे requirement हो।
मम्मी और पापा ने सोनू को बहुत सारा प्यार किया।