कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन...
मेरा उन सबसे अनुरोध है, जो मोदी जी के fans हैं, वो इस article को जरुर पढ़ें।
और उनसे भी गुजारिश है, जो उन्हें ग़लत मानते हैं वो भी जरुर पढ़ें।
एक ऐसी बात है, जो किसी के लिए संभव नहीं है, क्योंकि गुजरा वक्त लाने की क्षमता, ईश्वर ने किसी को नहीं दी है।
यह बात बचपन से सुनते आ रहे हैं, और विश्वास भी करते हैं।
पर एक शख्स ऐसे हैं, जिसे ईश्वर ने यह शक्ति प्रदान कर दी है।
आप सोच रहे होंगे, कौन है वो?
कोई और नहीं, अपने मोदी जी हैं।
अब आपको आश्चर्य हो रहा होगा। हमने यह क्यों कहा?
आप खुद सोचिए, अभी सभी देशों का कोरोनावायरस की वजह से हाल बुरा हो रहा है।
वहीं हमारे मोदी जी, शांत भाव से देश को ऐसे कठिन समय में भी उनके स्वर्णिम काल में ले गए हैं।
आज माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चे सब एक साथ हैं।
जहाँ लोगों के पास साँस लेने की फुर्सत नहीं थी, वहांँ वो दिन-रात अपने परिवार के साथ रह रहे हैं, जीवन के अनमोल पलों को समेट रहे हैं।
आज टीवी में वो सीरियल आ रहे हैं, जो हमने अपने बचपन में देखे थे।
लोग फिर से एक ही channel पर program देख रहे हैं।
Remote का काम ही नहीं है।
दूरदर्शन फिर से जीवित हो उठा है, उसमें पुनः सत्यम शिवम् सुंदरम दिख रहा है।
लोगों को चिंता नहीं है salary की, क्योंकि मोदी जी ने सबको salary देने की बात कही है। और लोग जानते हैं, वो अपनी बात रखेंगे।
उनकी दूरदर्शिता ने लोगों के अन्दर परोपकार की भावना जागृत कर दी है, तभी सबने अपने employees को बिना काम किए salary देने वाली बात कही है।
लोग आगे से आगे बढ़ कर समाज सेवा और दान कर रहे हैं।
आप कहेंगे, उन दिहाड़ी मजदूर लोगों का क्या?
जो निकल पड़े हैं, उनके लिए भी सरकार व्यवस्थाएँ कर रही है: समस्या कठिन है, समय कम और संख्या बहुत अधिक।
पर सरकार ने हाथ नहीं झाड़े।
समय के साथ वो समस्या भी सुलझती जा रही है, सरकार सभी गरीबों के खातों में पैसा डाल रही है, साथ ही उनके रहने- खाने का प्रबंध भी कर रही है।
सरकार तो उन लोगो को भी निरोगी करना चाह रही है, जो corona पर नियंत्रण पाने में ना केवल बाधा डाल रहे हैं , बल्कि भारत को कोरोनावायरस के अंधकार में धकेल कर बर्बाद करना चाहते हैं।
और धन्य हैं वो सारे लोग, जो मोदी जी के साथ इस कठिन समय में अपनी और अपने परिवार की चिंता को छोड़कर, कोरोना रूपी युद्ध में बराबर से सहयोग दे रहे हैं, उसे हरा रहे हैं।
कुछ लोग
यह भी बोल रहे हैं, कि Lockdown से economy नीचे जा रही
है। तो मैं उनसे पूछना चाहती हूँ,
कि आजकल खाने-पीने की चीज़ें महँगी मिल रही है, ऐसे में आप ख़र्चा देख रहे
हैं, या यह
सोच रहें हैं कि आपका परिवार सुरक्षित रहे और उसे खाने-पीने की कोई कमी ना आये? आप बजट या खर्चा नहीं, परिवार देख रहे हैं।
ऐसा ही
मुद्दा हमारे मोदी जी के सामने भी आया, कि economy बचाई
जाये, या देश
के जन- जन को सुरक्षित रखा जाये?
उस समय मोदी जी ने एक पिता की भाँति अपने देशवासियों को (जिसे वो अपना परिवार मानते हैं) चुना ना कि economy को।
इन दिनों में प्रकृति भी अपने को स्वर्णिम काल में ले जा रही है, फिर पहले सी स्वच्छ और उज्जवल हो रही है। पुनर्जन्म ले रही है, हवाएँ शुद्ध, पानी स्वच्छ और निर्मल हो गया है।
हम अपने बच्चों को बताते थे कि हमारे बचपन में सब बहुत स्वच्छ और शुद्ध था, उसे आज दिखा भी सकते हैं।
अब हम इस बात से चिंता मुक्त हो रहें हैं कि हम बच्चों को प्रदूषित वातावरण देंगे।
कल जब मोदी जी ने प्रकाश करने वाली बात कही, तो उस बात को मान देने के लिए हमने भी दीयों के अभाव में 9 मोमबत्तियाँ जलायी, और यकीन मानिए, 9 की 9 मोमबत्ती पूरे 9 मिनट तक जली, एक भी उससे पहले नहीं बुझी, और 9 मिनट में सब खत्म भी हो गई।
मोमबत्ती जलाने से पहले बहुत हवा चल रही थी, पर उस समय एक पत्ता नहीं हिला, जैसे वो भी सहयोग दे रही हो, साक्षी बन रही हो, शुभ घड़ी की।
कहते हैं ना, जब कोई चीज़ पूरी शिद्दत से चाहो, तो उसे पूरी कायनात देने में लग जाती है।
ऐसे कठिन समय को सबसे अच्छे दिन बनाने की क्षमता है, मोदी जी में।
सबको एकजुट करने की क्षमता है, मोदी जी में
देशहित सर्वोपरि, यह सोच है, मोदी जी में।
कठिन परिस्थितियां को खुशी में बदलने की क्षमता है, मोदी जी में।
उनका साथ दीजिए, वो दिन दूर नहीं जब भारत फिर सर्व शक्तिमान हो जाएगा, सोने की चिड़िया कहलाएगा।
मोदी जी, हम आपके साथ हैं, आप आगे बढ़ें, और भारत को विश्व विजयी बनाएँ।
एक बार इस पूरे article को पूरे मन से पढ़िएगा, उसमें जीने की कोशिश कीजिए।
फिर सोचिएगा जरुर, आपकी सोच कितनी सही है।
जय हिन्द, जय भारत 🙏