कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु पर्व
कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा के दिन
कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा और
व्रत करने से घर में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन
दीपदान और
गंगा स्नान का बेहद महत्व है. इस बार यह पूर्णिमा 23 नवंबर को है. इसी पूर्णिमा के
दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था, जिसे विश्वभर
में गुरु नानक जयंती के नाम से मनाया जाता है. इस जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान की पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन
भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा
के नाम से भी जाना जाता है. इसी के साथ कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान विष्णु का
मत्स्य अवतार उत्पन्न हुआ था. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना
बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद किनारे दीपदान करने से दस
यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है.
कार्तिक पूर्णिमा का दीपदान
मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को दीप
जलाने से भगवान विष्णु की खास कृपा मिलती है. घर में धन, यश और कीर्ति
आती है. इसीलिए इस दिन लोग विष्णु जी का ध्यान करते हिए मंदिर, पीपल,
चौराहे
या फिर
नदी किनारे बड़ा दिया जलाते हैं. दीप खासकर मंदिरों से जलाए जाते हैं. इस दिन
मंदिर दीयों की रोशनी से जगमगा उठता है. दीपदान मिट्टी के दीयों में घी या तिल का
तेल डालकर करें.
देव दीपावली
दिवाली के 15 दिनों बाद कार्तिक पूर्णिमा वाले
दिन देव दिपावली मनाई जाती है. भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार में जन्म लेने और
भगवान शिव द्वारा राक्षस त्रिपुरासुर का वध करने की वजह से मंदिरों
में ढेरों दीपक जलाए जाते हैं. देवताओं को चढ़ाए जाने वाले इन्हीं दीपों के पर्व
को देव दीपावली कहा जाता है.
गुरु नानक जयंती
कार्तिक पूर्णिमा के
दिन ही सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, गुरु नानक देव
जी का जन्म हुआ था. इस दिन सिख धर्म से जुड़े लोग सुबह स्नान कर गुरुद्वारे में
जाकर गुरु नानक देव की के वचन सुनते हैं और धर्म के रास्ते पर चलने का प्रण लेते
हैं. इस दिन शाम को सिख लोग अपनी श्रृद्धा अनुसार लोगों को भोजन कराते हैं.
पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले गुरु नानक देव जी के जन्म के दिन को गुरु पर्व नाम से
भी जाना जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान और दीपदान का
बड़ा महत्व है। इलाहाबाद, अयोध्या, वाराणसी आदि तीर्थ स्थानों में इसे
बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं वो खास बातें जो इस पर्व के दिन आपको
जरूर याद रखनी चाहिए:
> धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में इसे मोक्ष प्राप्ति कराने वाला माना गया है।
> अगर
आप इस दिन उपवास करते हैं तो आपको हजार अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त
होता है।
> कार्तिक
पूर्णिमा पर अगर कृत्तिका नक्षत्र हो तो महाकार्तिकी होती है, जो विशिष्ट पुण्यफल देती है। भरणी और
रोहिणी नक्षत्र हो तो इसका फल ओर भी बढ़ जाता है।
> इस
दिन चंद्रोदय के समय मंगल ग्रह के स्वामी भगवान कार्तिकेय की माताओं- शिवा, संभूति, प्रीति, संतति, अनसूया और क्षमा आदि छह कृत्तिकाओं का
पूजन करना चाहिए।
> रात्रि
में व्रत करके अगर वृष-बैल का दान किया जाए तो शिव पद की प्राप्ति होती है।
> इस
दिन गौ, अश्व और घी आदि
के दान से संपत्ति बढ़ती है।
> आरती
और पुष्पांजलि कर भगवान विष्णु का नाम स्मरण या मंत्र जाप करना चाहिए।
श्रीमद्भागवत या विष्णु-शिवजी से संबंधित कथाओं का पाठ करना चाहिए।