Sunday, 13 May 2018

Poem : माँ, वो तुम हो

माँ, वो तुम हो

ये कविता मैंनें अपनी माँ को समर्पित की है, पर माँ तो माँ होती हैं, आप सब के भी अपनी माँ के लिए यही भाव होंगें...





      
हमें जिसका साथ 
हमेशा चाहिए
माँ, वो तुम हो
जिसका आशीर्वाद भरा हाथ 
हमेशा चाहिए
माँ, वो तुम हो 
जिसने कठिन समय को
 दृढ़ता से गुजारा
माँ, वो तुम हो
जिसके होने से हमें 
नहीं ढूंढना पड़ा सहारा
माँ, वो तुम हो
कोमल भी तुम
दृढ़ भी तुम
सच्चाई भी तुम
अच्छाई भी तुम
गर अच्छे हैं, हम सब
उसका कारण भी जो है  
माँ, वो तुम हो