Wednesday 28 August 2019

Story Of Life: मैं भी बहू थीं (भाग- 3)


Story Of Life: मैं भी बहू थीं (भाग- 3 ) 


Story Of Life: मैं भी बहू थीं (भाग- 1 )..... और
Story Of Life: मैं भी बहू थीं (भाग- 2 )...... के आगे


कामना को सहमा देखकर रचित माँ के पास गया।

उसने उन्हें खाने के लिए लड्डू दिये, फिर पानी दिया। और जब माँ थोड़ा शांत हुईं तो बोला, माँ आप मेरी बात सुनिए। आप बहुत अच्छी बहू थीं, बहुत काम भी करती थीं। 

पर आज की बहुओं के पास भी बहुत काम हैं। आज वो हम (पुरुष) से कंधे से कंधा मिला कर job कर रही हैं, बच्चों को खुद पढ़ा रहीं हैं। 

फिर बच्चे बहुत से काम कर रहे हैं, जैसे dance, song, games आदि। उसके लिए भी ले कर जाती हैं। इन सबके बाद अगर वो घर के भी सारे काम करेंगी, तो हमारे लिए, अपने खुद के लिए समय कब निकालेंगी?

अब सब लोग अपने घर सहायता के लिए maid रखते हैं, तो उसमें गलत क्या है? गलत तो तब होता, जब वो आप से काम करवाती और खुद आराम करती।

अगर आप देखेंगी, उसने maid रख कर कितने सारे काम किए हैं।

आपको महारानी बना दिया, आपकी सेवा के लिए नौकर है।

उसको काम पर रखा, उससे उसके परिवार वालों की पैसे की तंगी दूर हो गयी, अब वे भूखे नहीं सो रहे हैं। मतलब उसे आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं।

और maid के रहने से वो घर के काम से free हो गयी है, तो बच्चों को पढ़ा रही हैjob कर रही है, बैंक के काम, घर के, बाहर के काम, सब कर रही है। इन सब से हमारे घर की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ हो रही है, तो घर में शांति व सुख का वास है।

लक्ष्मी को समझ आ गया, जब मैं बहू थी, तब बहुत काम था, और आज भी बहुत काम है, बस काम के स्वरूप बदल गए हैं। और समय के साथ सबको बदलना चाहिए।